Thursday, July 18, 2013

वही करती हूं,जो अच्छा लगता है

-सौम्या अपराजिता 
अमृता राव कभी शीर्ष अभिनेत्रियों की रेस में शामिल नहीं हुईं। दरअसल,उन्होंने हीरोइनों की होड़ में शामिल होने की कभी कोशिश ही नहीं की। यही वजह है कि वे कभी-कभी ही सिनेमाघरों में अपनी झलक दिखाती हैं। लम्बे अन्तराल के बाद पिछले दिनों अमृता की फिल्म 'जॉली एल एल बी' प्रदर्शित हुई और सफल भी रही। अमृता के लिए यह वर्ष और भी खुशगवार हो जाएगा यदि  उनकी नयी फिल्म 'सत्याग्रह' को दर्शकों की स्वीकार्यता मिल जायेगी। प्रशंसकों की प्रिय अमृता राव की बातें उन्हीं के शब्दों में ...
मेच्योर हो गयी हूं
पिछले कुछ सालों के करिअर में मुझमें काफी बदलाव आया है। मेरी पर्सनालिटी भी बदल गयी है। मैं मेच्योर हो गयी हूं। मेरा काम करने का तरीका भी बदल गया है। मेरा मानना है कि मेरा एक्सपीरिएंस ही मेरा सबसे बड़ा प्लस प्वाइंट है। मैंने बहुत कम उम्र में एक्टिंग की शुरूआत की थी जिस कारण मुझे नए-नए एक्सपीरिएंस बटोरने का मौका मिला।
अपने दम पर हूं
मेरा कोई गॉडफादर नहीं है। ना ही इंडस्ट्री में कोई ऐसा है जो मुझे सपोर्ट करे। मैं आज जहां हूं अपने दम पर हूं। मैं कभी किसी के पास काम मांगने नहीं गयी। काम मेरे पास आया। ए ग्रेड की फिल्मों के ऑफर मेरे दरवाजे तक आए। अच्छे निर्माता-निर्देशकों के साथ मैंने काम किया है। कोई समझौता नहीं किया। फिल्मी बैकग्राउंड से नहीं होने के बाद भी जितना मैंने अचिव किया है उससे खुश हूं।
हौसला बढ़ा है
मैंने कभी कोई ट्रेंड नहीं फॉलो किया है। मैं दूसरी अभिनेत्रियों की तरह साल में चार-पांच फ़िल्में नहीं कर सकती। मैं साल में एक-दो फ़िल्में करने में कम्फ़र्टेबल हूं। अपने कम्फर्ट जोन से बाहर नहीं जाना चाहती। मैं वही करती हूं जो मुझे अच्छा लगता है। 'जॉली एल एल बी' को मिली सक्सेस से मेरा हौसला बढ़ा है। खासकर जिस तरह के कॉम्पलिमेंट मुझे मिले उससे मैं बेहद खुश हूं। 'जॉली एल एल बी' मेरी पहली ऐसी फिल्म है जिसे देखने के बाद थिएटर से निकलकर मैं प्राउड फील कर रही थी।
यादगार अनुभव
'सत्याग्रह' मेरे अब तक के फ़िल्मी करियर की सबसे महत्वपूर्ण फिल्म है। मुझे प्रकाश जी ने सत्याग्रह जैसी बड़ी फिल्म में अभिनय का मौका देकर मेरी प्रतिभा को चुनौती दी है। मैंने उनकी चुनौती पर खरा उतरने की पूरी कोशिश की है। 'सत्याग्रह' का अनुभव मेरे जीवन के सबसे यादगार अनुभवों में एक है। अमिताभ बच्चन के साथ काम करने का मौका बार-बार नहीं मिलता। `सत्याग्रह` में मेरे ज्यादातर दृश्य अमिताभ बच्चन के साथ हैं। सच कहूं तो 99 फीसदी दृश्य उनके साथ है। यह मेरे लिए किसी सपने के सच होने जैसा है। 'सत्याग्रह' के बाद सनी देओल के साथ मेरी फिल्म 'सिंह साहब द ग्रेट' रिलीज़ होगी जिसमें मैं जर्नलिस्ट की भूमिका निभा रही हूं।

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