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Saturday, September 28, 2013

जैसी हूं, वैसी ही रहूंगी...

व्यावसायिक और निजी जीवन में हंसमुख और व्यवहार कुशल होने के कारण परिणीति चोपड़ा को अक्सर उनके करीबी 'बबली' कहकर सबोधित करते हैं। उन्हें यह अच्छा नहीं लगता। दरअसल,'बबली' संबोधन से परिणीति को चिढ़ है। इस संबोधन से अपनी दूरी बनाने के लिए उन्होंने 'शुद्ध देसी रोमांस' की सुलझी हुई और गंभीर गायत्री की भूमिका निभाने की चुनौती स्वीकारी जिसमें वे सफल भी रहीं। अपनी सादगी और बेहतरीन अभिनय से परिणीति ने एक बार फिर दर्शकों के दिलों को छूने में कामयाब रहीं। परिणीति से बातचीत-

 'शुद्ध देसी रोमांस' में आपकी आकर्षक मौजूदगी दर्शकों का दिल लुभा रही है। बधाई..
-थैंक यू! ...खुश हूं कि कुछ अलग करने के मेरे प्रयास को सभी पसंद कर रहे हैं। अभी तक लोग मेरे बारे में यही बोलते थे कि बहुत उत्साही लड़की है। बहुत हंसमुख है। सभी मुझे बबली बोलते हैं। फिल्मों में भी मैं अब तक ऐसी ही दिखी हूं। मुझे बबली शब्द से बहुत नफरत है,फिर भी सभी मुझे बबली बोलते हैं। ...लेकिन इस फिल्म में मैं चुप रहने वाली,सेंसिबल लड़की बनी हूं। अच्छी बात है कि शांत और सुलझी हुई गायत्री की भूमिका में भी सभी ने मुझे स्वीकारा है।

 हर फिल्म के साथ दर्शकों और समीक्षकों की उम्मीदें आपसे बढ़ती जा रही हैं। दबाव महसूस करती हैं?

-हर शुक्रवार यहां किस्मत बदलती है। अगर लोग मुझे आज पसंद करते हैं,तो जरूरी नहीं कि हमेशा पसंद करते रहेंगे। मैं चाहती हूं कि लोग मुझे पसंद करते रहे। हर फिल्म में कोशिश करुँगी कि मैं अपनी पूरी मेहनत डालूं और आप सबको पसंद आऊं। जब तक लोगों की मुझसे उम्मीदें जुडी हुई हैं मैं तब तक कोशिश करती रहूंगी। लोगों की उम्मीदों के बारे में सुनकर बहुत अच्छा लगता है।आखिर, कोई तो है जो मेरी फिल्में देख रहा है,मेरा काम देख रहा है।

'शुद्ध देसी रोमांस' में गायत्री की भूमिका में आप इतनी स्वाभाविक लगती हैं कि ऐसा लगता है जैसे मानो निजी जीवन में भी आप ऐसी ही हों। गायत्री से कितनी अलग या मिलती-जुलती है परिणीति?
-बिल्कुल भी नहीं मिलती है। मनीष और जयदीप के साथ बैठकर कैरेक्टर को समझने में मुझे बहुत दिन लगे थे । गायत्री जिस तरह से बात करती है,जिस तरह के डिसीजन लेती है,जिस तरह की लाइफ जीती है वह मुझसे बहुत अलग है। मैं गायत्री से बिलकुल रिलेट नहीं करती,पर उसी में मजा था। जब आप वह कैरेक्टर प्ले करते हैं जो आप रियल लाइफ में नहीं हैं तो उसमें ज्यादा मजा और ज्यादा चैलेंज होता है। गायत्री कम शब्दों में अपनी बात रखती है जैसे मैच्योर लोग करते हैं। मैं लाइफ में वैसी नहीं हूं। मैं बात करना बहुत पसंद करती हूं। बहुत जोर-जोर से बात करती हूं। तो पहले तो डायरेक्टर को बोलना पड़ा कि अहिस्ता बात करो,कम वॉल्यूम में बात करो।  उसी में सबसे बड़ा चैलेंज था। कैरेक्टर तो मैं बाद में बनीं।

सुशांत के साथ आपके बेहतर तालमेल को भी दर्शकों ने खूब सराहा है..
- दरअसल,सुशांत और मेरा काम करने का तरीका एक जैसा है। जिस तरह से सुशांत होमवर्क करके सेट पर आते हैं,जिस तरह से सीन को अप्रोच करते हैं ..बिलकुल वैसा ही मेरा भी है। मैं भी उतनी ही तैयारी और होम वर्क करके सेट पर आती हूं।

जब किसी कलाकार का व्यक्तित्व आपसे मिलता-जुलता है,तो उसके साथ काम करना दूसरे कलाकारों की तुलना में ज्यादा सरल हो जाता है?
-ऐसा कोई रुल नहीं है। हां,अगर आप एक जैसी पर्सनालिटी वाले लोग हैं तो काम करना आसान हो जाता है,लेकिन अगर को-एक्टर की पर्सनालिटी अलग भी होती है,तो भी ज्यादा मुश्किल नहीं होती। डायरेक्टर तो आपको संभाल ही लेता है।

फिल्मों के चुनाव के आपके निर्णय से लीक से हटकर करने की चाह आपमें दिखती है.
- आजकल ऑडियंस हर तरह की फिल्में देखना चाहती है। नए-नए लोगों को देखना चाहती है। नयी-नयी कहानियाँ देखना चाहती है। हमारे लिए तो बहुत अच्छी बात है। हम वो फिल्में कर सकते हैं जो हम चाहते हैं।

युवा आपको फॉलो करते हैं। कई लोगों की आप प्रेरणा हैं। पब्लिक फिगर की इस इमेज के मद्देनजर किस तरह की सावधानियां बरतनी पड़ती हैं?
-मुझे लगता है कि मैं जैसी हूं अगर वैसी ही रहूं ,तो लोग मुझे पसंद करेंगे। अगर मैं किसी दूसरे जैसी बन जाऊं या फेक बन जाऊं ,तो लोग मुझे तुरंत अपने दिल से निकल देंगे। ..तो जैसी मैं हूं वैसी ही रहूंगी।

आपको नयी पीढ़ी की स्टार अभिनेत्री की उपाधि दी जा रही है। स्टार स्टेटस महसूस करती हैं?
-मैं बिलकुल भी स्टार नहीं हूं। स्टार तो बहुत सालों बाद बनते हैं। मैं समझती हूं कि शाहरुख़ खान,सलमान खान जैसे लोग स्टार हैं जो बहुत सालों की मेहनत करने के बाद,बहुत सफल फिल्में देने के बाद लोगों के दिलों में बसते हैं। उन्हें सभी इतना प्यार करते हैं। मेरी तो बस शुरुआत हुई है।'

और किन फिल्मों में व्यस्त हैं?
-मेरी अगली फिल्म 'हंसी तो फंसी' रिलीज़ होगी जो धर्मा प्रोडक्शन की फिल्म है।फिलहाल,हबीब फैजल की फिल्म शूटिंग कर रही हूं जिसमें आदित्य रॉय कपूर हैं। उसके बाद 'किल दिल' कर रही हूं जो शाद अली की फिल्म है। इसमें रणवीर और अली जफ़र हैं।

-सौम्या अपराजिता

'शुद्ध देसी रोमांस' की तारा से यहां मिलिए-
http://somya-aparajita.blogspot.in/2013/08/blog-post_30.html