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Monday, September 16, 2013

स्मॉल स्क्रीन की कमसिन नायिकाएं...

-सौम्या अपराजिता
युवावस्था की दहलीज पर खड़ी किशोरी अभिनेत्रियों की कशिश से स्मॉल स्क्रीन के दर्शक मोहित हैं। इन अभिनेत्रियों के पास अनुभव की कमी है,पर जोश और जज्बा बेशुमार है। निरंतर अभ्यास और उत्साह से ये अपनी अभिनय कला को मांज रही हैं। कुछ कर दिखाने के इनके जज्बे को दर्शक भी सलाम कर रहे हैं। एक नजर स्मॉल स्क्रीन की उन कमसिन कलियों पर   जो धारावाहिक की नायिका बनकर  दर्शकों पर अपना जादू चला रही हैं....

अविका गोर
मिस यूनिवर्स बनने का ख़्वाब देखने वाली अविका गोर  की झलक जब दर्शकों ने पहली बार 'बालिका वधू' में देखी थी,तो किसी को यकीन नहीं था कि वह नन्हीं बच्ची इतनी प्रतिभावान होगी। अविका ने 'बालिका वधू' में अपने बेहतरीन अभिनय से  लम्बे समय तक दर्शकों को लुभाया। फिर कुछ अन्तराल के बाद जब 'ससुराल सीमर का' में वयस्क बहू रोली की भूमिका निभाने की जिम्मेदारी अविका ने संभाली,तो किशोरी अविका के इस निर्णय पर प्रश्न चिह्न लगाए जाने लगें। हालांकि, रोली की भूमिका के साथ न्याय कर अविका ने अपने निर्णय को सही साबित किया। सोलह वर्षीय अविका की लोकप्रियता और सफलता स्मॉल स्क्रीन की दिग्गज और लोकप्रिय अभिनेत्रियों से किसी मायने में कम नहीं है। अविका कहती हैं,' जो चीजें पसंद होती हैं वे आपके लिए आसान होती हैं। मुझे एक्टिंग पसंद है इसलिए मेरे लिए यह आसान है।'

उल्का गुप्ता
उल्का गुप्ता ने धारावाहिक 'झांसी की रानी' में किशोरी लक्ष्मीबाई की भूमिका कुछ यूं निभायी कि दर्शक उनमें लक्ष्मीबाई की छवि देखने लगे। उल्का के समर्पण और बेहतरीन अभिनय के कारण 'झांसी की रानी' सफल धारावाहिक बना। अब एक बार फिर उल्का गुप्ता जल्द ही धारावाहिकों की दुनिया में अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगी। वे जी टीवी के नए धारावाहिक 'खेलती है जिंदगी आँख मिचौली' में केंद्रीय भूमिका निभाती हुई दर्शकों से रूबरू होंगी। सोलह वर्षीय उल्का कहती हैं,'अच्छी अभिनेत्री के रूप में खुद को साबित करना ही मेरा  लक्ष्य है। अभ्यास करती रहती हूं और खुद को निखारने की कोशिश करती रहती हूं।'

आँचल मुंजाल
पिछले कई वर्षों से अभिनय की दुनिया में सक्रिय आंचल मुंजाल पिछले दिनों धारावाहिक ' बड़े अच्छे लगते हैं' में पीहू की लोकप्रिय भूमिका में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही थीं। इससे पहले वे 'परवरिश' में रावी की भूमिका बखूबी निभा चुकी हैं।गौरतलब है कि आंचल फिल्म 'वी आर फैमिली' और 'आरक्षण' में भी अभिनय कर चुकी हैं। हिसार की पंद्रह वर्षीय आंचल की प्रेरणा सुष्मिता सेन हैं। आंचल कहती हैं,'मैं बचपन से ही सुष्मिता सेन जैसी बनना चाहती हूं।वे मुझे बेहद प्रभावित करती हैं।'

महिमा मकवाना
'सपने सुहाने लड़कपन के' में घरेलू और चंचल रचना की भूमिका निभा रही सत्रह वर्षीय महिमा मकवाना अपनी लोकप्रियता से बेहद उत्साहित हैं। महिमा बताती हैं,'  4 साल की उम्र से ही मेरा स्ट्रगल शुरू हो गया था। सबसे पहले कलर्स पर 'मोहे रंग दे' में लीड ऐक्ट्रेस के बचपन का रोल किया था। फिर 'आहट' और 'सीआईडी' में भी काम किया। 'बालिका वधू' में भी गौरी के बचपन वाला कैरेक्टर किया था। 'सपने सुहाने...' के ऑडिशन में एक ही शॉट में मुझे फाइनलाइज कर लिया गया। पहली बार बड़ा किरदार निभाने का मौका मिला है। मुझे रचना के रूप में सभी पसंद भी कर रहे हैं। बहुत सी लड़कियां मेरे कैरेक्टर से इंस्पायर हो रही हैं। अच्छा लग रहा है।'

चांदनी भगवानी
चांदनी भगनानी अपनी मासूमियत और बेहतरीन अभिनय के कारण दर्शकों की चहेती बन गयी हैं। 'अमिता का अमित' में अमिता की केंद्रीय भूमिका में चांदनी ने दर्शकों के दिलों में विशेष जगह बनायी है। कई धारावाहिकों में बतौर बाल कलाकार अभिनय कर चुकी चांदनी को जब पहली बार 'अमिता का अमित' में नायिका अमिता की भूमिका निभाने की जिम्मेदारी सौंपी गयी तो वे घबरायी हुई थीं। चांदनी कहती हैं,'मैं शुरू में नर्वस थी क्योंकि लीड के रूप में यह मेरा पहला शो था। मैं डरी हुई थी कि पता नहीं लोग कैसे रियेक्ट करेंगे। ..लेकिन धीरे-धीरे मेरा डर जाता रहा। अमिता के रूप में मुझे दर्शकों का प्यार मिल रहा है। अपनी तरफ से बेहतर करने की मेरी कोशिश जारी है।'