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Thursday, December 12, 2013

पापा की परियां...

पिता-पुत्री का रिश्ता अनूठा होता है। दोनों स्नेह के अटूट धागे से बंधे होते हैं। जहां पिता अपनी पुत्री की हर छोटी-बड़ी खुशियों को संजोते हैं,तो पुत्रियां पिता की विरासत और उनसे मिले संस्कार को सकारात्मक दिशा देने का हर संभव प्रयास करती हैं। सिल्वर स्क्रीन पर अपने आकर्षण और अभिनय से दर्शकों को मोहित करने वाली अभिनेत्रियों ने भी पिता से मिली अभिनय की विरासत को सहेजने के लिए हिंदी फिल्मों का रुख किया। इन अभिनेत्रियों  ने बता दिया है कि यदि पुत्रियों को पर्याप्त सहयोग और समर्थन मिले,तो वे इस मिथक को  दूर कर सकती हैं कि पुरूष-प्रधान फिल्म इंडस्ट्री में स्टार-पुत्रों का ही सिक्का चलता है। पापा की ये लाडली बिटिया हिंदी फ़िल्मी दुनिया में खूब चमक रही हैं...

अपने दम पर...
वर्षों पहले जब करिश्मा कपूर ने निर्णय लिया था कि  वे अभिनय करेंगी,तो किसी को करिश्मा के इस निर्णय पर यकीन नहीं हो रहा था। घर की बेटियों के मामले में परंपरावादी सोच वाले कपूर खानदान में पली-बढ़ी करिश्मा कपूर लिए यह कदम बेहद चुनौतीपूर्ण था,पर अपने लक्ष्य की ओर वे एकाग्र रहीं। बिना किसी पारिवारिक सहयोग या समर्थन के करिश्मा ने अपने दम पर हिंदी फिल्मों में  विशिष्ट पहचान बनायी। बड़ी बहन करिश्मा के नक्शेकदम पर चलते हुए करीना कपूर ने भी हिन्दी फिल्मों का रुख किया।पापा रणधीर कपूर और मां बबीता से मिली अभिनय की विरासत को निखारते-संवारते हुए करीना ने स्वयं को हिन्दी फिल्मों की शीर्ष अभिनेत्रियों में शामिल कर लिया। हालांकि,पिता रणधीर कपूर  फिल्मों में करियर बनाने के करिश्मा और करीना के निर्णय से सहमत नहीं थे,पर आज वे अपनी दोनों बेटियों की उपलब्धि से गौरवान्वित हैं।

पापा की प्रेरणा से
फिल्मी माहौल में पली-बढ़ी सोनम कपूर ने कभी नहीं सोचा था कि वे अभिनेत्री बनेंगी। उनकी रूचि एक दिन पापा अनिल को किसी फिल्म में निर्देशित करने की थी। वक्त ने ऐसी करवट बदली कि सोनम पिता की ही तरह अभिनय से जुड़ गयीं। सोनम को पिता अनिल कपूर का समर्थन मिला। सोनम की प्रेरणा बनें पापा अनिल।सोनम स्वयं कहती हैं,'पापा ने मुझे हमेशा प्रोत्साहित किया है। अभिनय की बारीकियां मैंने उन्हीं सीखी है।' अनिल भी अपनी बिटिया सोनम की सफलता से गौरवान्वित हैं। वह कहते हैं,' 'सोनम में बेहतरीन अभिनेत्री के सारे गुण मौजूद हैं। मैं हमेशा उसके साथ हूँ।' सोनम की ही तरह अलिया भट्ट को भी अपने निर्माता-निर्देशक पिता महेश भट्ट का पूरा साथ मिला। महेश भट्ट ने आलिया को अपने बैनर की फिल्मों से अलग दूसरे बैनर की फिल्म से डेब्यू करने की आजादी दी। जब आलिया ने करण जौहर निर्देशित ' स्टूडेंट ऑफ़ द ईयर' से रुपहले पर्दे पर दस्तक दी,तो सबसे अधिक प्रसन्न पिता महेश हुए। अलिया से पूर्व महेश भट्ट ने अपनी बड़ी बिटिया पूजा भट्ट को भी पूरा समर्थन दिया था। पूजा को महेश ने अपने निर्देशन में ' डैडी ' से  हिंदी फिल्मों की राह दिखायी।

अभिनेत्री बिटिया नहीं मंजूर
धर्मेंद्र की बिटिया एषा देओल बचपन से ही अभिनेत्री बनने का सपना संजोए हुए थीं,पर एषा के अभिनेत्री बनने के निर्णय से धर्मेंद्र पूरी तरह असहमत थे। धर्मेंद्र हिन्दी फिल्मों की खोखली दुनिया के सच से अपनी एषा को बचाना चाहते थे। एक वक़्त ऐसा आया जब एषा की इच्छा और मां हेमामालिनी के समर्थन के आगे धर्मेन्द्र को झुकना पड़ा। वैसे,एषा का फ़िल्मी करियर बहुत छोटा रहा। लगातार असफलता का सामना करने के बाद एषा ने पिता की सलाह मानते हुए शादी रचा ली। आज वे फ़िल्मी दुनिया से दूर वैवाहिक जीवन के खुशनुमा पल बीता रही हैं।

नाम किया रोशन
सोनाक्षी सिन्हा ने पिता शत्रुघ्न सिन्हा को गर्व करने के अनेक मौके दिए हैं। पहली ही फिल्म में सोनाक्षी के अभिनय का प्रभावी अंदाज दर्शकों को भा गया और जल्द ही उन्हें जूनियर शॉटगन की उपाधि मिल गयी। सोनाक्षी ने बेहद कम वक़्त पर फिल्मों में अपनी विशिष्ट पहचान बनायीं है। परिणामस्वरूप दो भाइयों के होते हुए सोनाक्षी सही मायने में पिता शत्रुघ्न सिन्हा से मिली अभिनय की विरासत को आगे ले जा रही हैं।  सिर्फ तीन वर्षों के फ़िल्मी करियर में सोनाक्षी आज उस मुकाम पर हैं कि वे अब अपनी शर्तों पर काम कर सकती हैं। सोनाक्षी की दिन-दुनी प्रगति से शत्रुघ्न सिन्हा बेहद उत्साहित हैं। वे कहते हैं,'सोनाक्षी में कुछ कर दिखाने का जज्बा है,जोश है। मैं खुश हूँ कि उसने हिन्दी फिल्मों से जुडऩे का निर्णय किया। मेरा मार्गदर्शन हमेशा उसके साथ है और रहेगा।' शक्ति कपूर की बिटिया श्रद्धा कपूर की पिछले कुछ दिनों में बढ़ी लोकप्रियता और सफलता ने साबित कर दिया कि यदि प्रतिभा और जोश हो,तो एक खलनायक की बेटी भी सफल नायिका बन सकती है। श्रद्धा की सफलता से शक्ति इतने उत्साहित हैं कि वे अपनी बेटी की तुलना बीते जमाने की कालजयी अभिनेत्री वहीदा रहमान से करते हैं। हर पल श्रद्धा का उत्साहवर्धन करते हैं शक्ति। श्रद्धा की चर्चा के दौरान शक्ति कपूर का सीना चौड़ा हो जाता है। ऐसा लगता है...मानो श्रद्धा ने वह कर दिखाया हो..जिसका वे सपना देखा करते थे।

रंग लायी मेहनत
कमल हासन ने पुत्री श्रुति हासन को अपने लिए करियर चुनने की पूरी स्वतंत्रता दी। उन्होंने श्रुति की औपचारिक सहायता नहीं की,पर भावनात्मक समर्थन और उत्साहवर्धन जरूर किया। श्रुति की प्रतिभा को स्वाभाविक रूप से  फलने-फूलने का मौका दिया। पापा से इतर श्रुति ने सबसे पहले सुरों की दुनिया में अपनी किस्मत आजमायी और उसके बाद हिन्दी फिल्मों की ओर रूख किया। पापा की उम्मीदों के अनुरूप ही श्रुति ने रूपहले पर्दे पर आत्मविश्वास-भरी दस्तक दी और धीरे-धीरे अपनी पहचान बनाने की दिशा में प्रयास शुरू किया। कमल हासन कहते हैं,'मैं श्रुति को उसके करियर के सिलसिले में किसी तरह की सलाह नहीं देता हूँ।  श्रुति ने अपनी राह खुद बनायी है और मैं उसकी ग्रोथ से खुश हूँ।'
उम्मीद है..भविष्य में भी फिल्मों में सक्रिय पिता की बेटियां हिंदी फिल्मों में अभिनय के सतरंगी  रंग बिखेरती रहेंगी ...और वे यूं  ही पिता के अनुभव,समर्थन,मार्गदर्शन और सहयोग  से लाभान्वित होती रहेंगी।
-सौम्या अपराजिता

Thursday, October 17, 2013

चार का चमत्कार !

वर्ष की आखिरी तिमाही शुरू हो गयी है। हमेशा की तरह इन आखिरी महीनों पर फ़िल्मी दुनिया से जुड़े लोगों की पैनी नजर है। विशेषकर एक-दूसरे से आगे निकलने की चाहत रखने वाली शीर्ष की चार अभिनेत्रियों के लिए साल का उत्तरार्द्ध बेहद महत्वपूर्ण है। वर्ष के आखिरी दो महीनों में प्रदर्शित होने वाली उनकी फिल्म की सफलता इस वर्ष के अंत को उनके लिए सुखद बनाएगी,साथ ही ..अगले वर्ष आयोजित होने वाले पुरस्कार समारोहों में उनकी बेहतर स्थिति का संकेत भी देगी...।

दरअसल,नवम्बर और दिसम्बर में शीर्ष पर विराजमान चार अभिनेत्रियों करीना कपूर,प्रियंका चोपड़ा,कट्रीना कैफ और दीपिका पादुकोण में से प्रत्येक की एक फिल्म प्रदर्शित होने वाली हैं। इन चारों अभिनेत्रियों के लिए आवश्यक है कि उनकी फिल्म सफल और प्रशंसित हो। दिग्गज निर्माता-निर्देशकों की पसंद और प्रशंसकों की प्रिय ये अभिनेत्रियां पलक-पांवड़े बिछाकर अपनी-अपनी फिल्म के प्रदर्शन का इंतज़ार कर रही हैं। दीपिका पादुकोण की नजर 'राम-लीला' के प्रदर्शन पर टिकी है,तो प्रियंका चोपड़ा ने 'कृष3' से उम्मीदें बांध रखी हैं। करीना कपूर खान चाहती हैं कि 'गोरी तेरे प्यार में' दर्शकों को पसंद आए, तो  कट्रीना कैफ 'धूम 3' के सिनेमाघरों में पहुंचने के इंतज़ार में हैं। 

अपनी इन समकालीन अभिनेत्रियों में से सबसे पहले  प्रियंका चोपड़ा दर्शकों की कसौटी पर होंगी,जब उनकी फिल्म 'कृष 3' सिनेमाघरों में होगी। हालांकि,नवम्बर के पहले सप्ताह में प्रदर्शित हो रही 'कृष 3' का मुख्य आकर्षण फिल्म के स्पेशल इफ़ेक्ट और रितिक रोशन का सुपर हीरो अवतार है..फिर भी प्रियंका के लिए यह बेहद महत्वपूर्ण फिल्म है। इस फिल्म से प्रियंका के जुड़ाव का ही असर है कि 'कृष 3' के फर्स्ट लुक लांच के ठीक पहले प्रियंका के सुझाव पर अमल करते हुए ट्रेलर में बदलाव किया गया। जिसके बाद ट्रेलर को मिली लोकप्रियता का श्रेय प्रियंका को मिला।   प्रियंका कहती हैं,'कृष 3' ...'कोई मिल गया' और ' कृष' से बड़ी और बेहतर है। 'कृष' में मैं थी इसलिए 'कृष 3 ' से मेरा विशेष लगाव है।' 'कृष 3' में प्रियंका चोपड़ा हंसमुख और चंचल प्रिया की भूमिका निभा रही हैं जो कृष बने रितिक रोशन के साथ प्रेम-सम्बन्ध में बंधी हुई है।

दीपिका पादुकोण की सफलता का सिलसिला आगे बढ़ा सकती है 'राम-लीला'। संजय लीला भंसाली के निर्देशन में अभिनय करने का अवसर मिलना दीपिका के लिए सौभाग्य की बात है। ...और वह चाहती हैं कि इस सौभाग्य में बॉक्स ऑफिस की सफलता भी जुड़ जाए जिससे यह फिल्म उनके करियर में मील का पत्थर साबित हो सके। दीपिका के लिए 'राम- लीला' इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें उनके चरित्र को संजय लीला भंसाली ने अपनी मां लीला का नाम दिया है। दीपिका कहती हैं,' राम-लीला' को लेकर मैं बेहद जिम्मेदार महसूस कर रही हूं। मुझे पता है कि संजय के लिए उनकी मां कितना मायने रखती हैं।' दीपिका आगे कहती हैं,'राम-लीला' में काम करना मेरे लिये आसान नहीं रहा। इस फिल्म के लिए भावनात्मक, मानसिक और शारीरिक समर्पण चाहिए था। मेरे लिए 'राम-लीला' से जुड़ना चुनौतीपूर्ण रहा।' 'राम-लीला' में दीपिका बहादुर और न्याय प्रिय  गुजराती लड़की लीला की भूमिका निभा रही हैं जो नोंक-झोंक के लम्बे सिलसिले के बाद राम नाम के अल्हड युवक के प्रेम-पाश में बंध जाती है।

इमरान खान के साथ अपनी जोड़ी को फ़िल्मी दुनिया की सफल जोड़ियों में शुमार करवाना चाहती हैं करीना कपूर खान। यही वजह है कि 'एक मैं और एक तू' की सफलता के बाद इमरान के साथ उन्होंने 'गोरी तेरे प्यार में' में अभिनय का प्रस्ताव स्वीकार किया। करण जौहर निर्मित और पुनीत मल्होत्रा निर्देशित इस फिल्म की सफलता शादी के बाद भी हिंदी फिल्मों में करीना की प्रभावशाली उपस्थिति का संकेत दे सकती है।करीना कहती हैं,' मैंने इमरान के साथ 'एक मैं और एक तू' भी की थी। वह बहुत खास फिल्म थी। उसमें अंग्रेजी भाषा भी थी। वह आम दर्शकों के लिए नहीं थी। लेकिन यह फिल्म उससे बिल्कुल अलग और आम दर्शकों की फिल्म है।हर वर्ग के दर्शक 'गोरी तेरे प्यार में' को पसंद करेंगे।' 'गोरी तेरे प्यार' में करीना ने सीधे-सादे लिबास में लिपटी रहने वाली सामाजिक कार्यकर्ता का किरदार निभाया है।

वर्ष की शुरुआत से कट्रीना कैफ की फिल्म के प्रदर्शन का दर्शकों का इंतज़ार दिसम्बर में ख़त्म होगा जब 'धूम 3' सिनेमाघरों में दस्तक देगी। ऐसे में,कट्रीना के करियर में इस वर्ष के महत्त्व का सारा दारोमदार धूम 3' पर टिका है। इस बहुप्रतीक्षित और बहुचर्चित फिल्म से कट्रीना ने ढेर सारी उम्मीदें बांध रखी है । उनकी उम्मीदों को और भी प्रगाढ़ किया है फिल्म में आमिर खान की  आकर्षक मौजूदगी ने।' धूम 3' कट्रीना के लिए इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें वे पहली बार आमिर खान के साथ नजर आएंगी। कट्रीना चाहती हैं कि ' धूम 3' की सफलता के बाद एक बार फिर वे अपनी फिल्मों और सफलता के बेहतरीन अनुपात की वजह से सुर्ख़ियों में रहे ना कि निजी जीवन में आने वाली उथल-पुथल की खबरों के कारण।
-सौम्या अपराजिता