Friday, October 24, 2008

आज के दर्शक बहुत सेंसिबल हैं: सोहेल खान

-सौम्या अपराजिता
निर्माता-निर्देशक और अभिनेता सोहेल खान फिल्मी दुनिया में अब पूरी तरह रच-बस गए हैं। हेलो के बाद फिल्म हीरोज में दर्शकों को सोहेल के अभिनय का एक और रंग दिखेगा। हीरोज और फिल्मी करियर से जुड़े कुछ रोचक पहलुओं पर प्रस्तुत हैं सोहेल से हुई बातचीत के प्रमुख अंश.. नय का एक और रंग दिखेगा। हीरोज और फिल्मी करियर से जुड़े कुछ रोचक पहलुओं पर प्रस्तुत हैं सोहेल से हुई बातचीत के प्रमुख अंश.. नय का एक और रंग दिखेगा। हीरोज और फिल्मी करियर से जुड़े कुछ रोचक पहलुओं पर प्रस्तुत हैं सोहेल से हुई बातचीत के प्रमुख अंश.. नय का एक और रंग दिखेगा। हीरोज और फिल्मी करियर से जुड़े कुछ रोचक पहलुओं पर प्रस्तुत हैं सोहेल से हुई बातचीत के प्रमुख अंश.. फिल्म हीरोज का हिस्सा बनकर कितने उत्साहित हैं?
यह बहुत इंटरेस्टिंग फिल्म है। इसमें मनोरंजक नजरिए से एक गंभीर बात बताने की कोशिश की गई है। रंग दे बसंती जॉनर की फिल्म है हीरोज। मुझे उम्मीद है कि जो दर्शक इसे देखने सिनेमाघरों में आएंगे, वे एक मैसेज लेकर जाएंगे। जब निर्देशक समीर कार्णिक मेरे पास अभिनय करने का प्रस्ताव लेकर आए, तो मैंने उनसे स्टारकास्ट के बारे में पूछा। उन्होंने जो नाम बताए, उन्हें सुनकर मैं चौंक गया। मैंने समीर से कहा, ऐसा कैसे संभव है? एक ही फिल्म में मिथुन चक्रवर्ती, सलमान खान, सनी देओल, प्रीति जिंटा, बॉबी देओल, डिनो मोरिया, अमृता अरोड़ा, वत्सल सेठ? इन सभी ने हीरोज की स्क्रिप्ट एक बार सुनकर ही अभिनय करने की हामी भर दी। चूंकि मैं स्वयं फिल्म निर्माता-निर्देशक हूं, इसलिए यह पूरे दावे के साथ कह सकता हूं कि इसकी सबसे बड़ी विशेषता स्क्रिप्ट ही है। इतनी अच्छी फिल्म का हिस्सा बनकर मैं बेहद खुश हूं।
अपनी भूमिका के बारे में बताएंगे?
हीरोज में मैं और वत्सल सेठ उद्देश्यहीन युवा की भूमिका निभा रहे हैं। मैं आकाश की भूमिका निभा रहा हूं और वत्सल बने हैं अली। अली अपने मां-बाप की कमाई से जीता है। वह ग्रेजुएशन में फेल हो जाता है। उसके बाद वह फिल्म स्कूल में जाता है और वहां भी फेल हो जाता है। फिल्म स्कूल के मैनजेमेंट के लोगों को इम्बैरेसमेंट होती है, तो वे उसे एक और मौका देते हैं। वे उससे एक छोटी-सी फिल्म बनाने के लिए कहते हैं। अली के दोस्त आर्मी पर फिल्म बनाने की राय देते हैं और इस फिल्म बनाने की जर्नी में ही उसका सामना जिंदगी की हकीकत से होता है। उसे लगता है कि क्यों नहीं हमारा यूथ आर्मी ज्वॉइन करने के बारे में सोचता है? क्यों हम युवाओं को निर्भर रहने की आदत हो गई है? हम अपने स्तर से देश और समाज के लिए कुछ क्यों नहीं करते हैं? इस काम में अली के साथ होता है आकाश।
क्या हीरोज जैसी सेंसिबल फिल्मों के लिए वर्तमान माहौल सही है?
बिल्कुल, क्योंकि आज के दर्शक न केवल बहुत सेंसिबल हैं, बल्कि इंटेलिजेंट भी हैं। उन्हें फिल्मों का जॉनर समझ में आ जाता है। उन्हें पता होता है कि अगर आप डेविड धवन की फिल्में देखने जा रहे हैं, तो दिमाग घर पर छोड़कर ही जाना बेहतर है और अगर संजय लीला भंसाली और राकेश मेहरा की फिल्में देखने जा रहे हैं, तो दिमाग का इस्तेमाल जरूरी है। पहले दर्शक किसी फिल्म को अच्छा मानते थे या बुरा, लेकिन आज ऐसा नहीं है। किसी भी जॉनर में अगर आप अच्छी फिल्म बनाएंगे, तो दर्शकों को वह जरूर पसंद आएगी। हीरोज भी सेंसिबल फिल्मों की श्रेणी में आएगी। मुझे उम्मीद है कि यह दर्शकों को पसंद आएगी।
चूंकि आप भी निर्देशक हैं, ऐसे में हीरोज की शूटिंग के दौरान निर्देशन में भी आपकी दखल रही होगी?
मैंने इसकी शूटिंग की शुरुआत के समय से ही यह सोच लिया था कि मुझे बस ऐक्टिंग करना है। यहां तक कि मैं वीडियो असिस्टेंट के पास भी नहीं जाता था। मुझे यह लगता है कि अगर आपने स्क्रिप्ट और डायरेक्टर पर विश्वास करके कोई फिल्म साइन की है, तो उस विश्वास को शूटिंग के दौरान भी बनाए रखना चाहिए। चूंकि मैं भी एक निर्देशक हूं, इसलिए मुझे पता है कि बार-बार अगर कोई यह कहता है कि यह करो, वह ना करो, तो सब कितना मुश्किल होता है। आप एक सीन के बारे में सोच सकते हैं, एक संवाद के बारे में सोच सकते हैं, लेकिन डायरेक्टर के दिमाग में पूरी फिल्म होती है। उसे पता होता है कि पूरी फिल्म को कैसा शेप देना है, इसलिए अपने डायरेक्टर पर विश्वास करना जरूरी है।
हीरोज में सलमान खान की पगड़ी की खूब चर्चा हो रही है?
यह एक ऐसी फिल्म है, जिसे सलमान भाई पूरी सेंसिबिलिटी के साथ करना चाहते थे। उन्होंने बलकार सिंह के कैरेक्टर में जान फूंकने के लिए अपनी दाढ़ी बढ़ाई और पगड़ी भी बांधी। जब दर्शक फिल्म देखेंगे, तो उसमें सलमान भाई कुछ अलग दिखेंगे। दर्शक महसूस करेंगे कि उन्होंने कितनी गंभीरता से इसमें अभिनय किया है!
पार्टनर की सफलता के बाद अपनी होम प्रोडक्शन के बैनर तले किन फिल्मों के निर्माण की योजना है?
फिलहाल मेलबॉर्न में हम मैं और मिसेज खन्ना की शूटिंग को लेकर व्यस्त हैं। यह लाइट हॉर्टेड रोमांटिक फिल्म है, जिसमें करीना कपूर और सलमान खान हैं। इसके अलावा, पार्टनर-2 बनाने की भी प्लानिंग है। उम्मीद है, अमर अकबर एंथनी की शूटिंग अगले साल तक शुरू हो जाएगी। इसमें हम तीनों भाई टाइटिल रोल निभाएंगे। एक और फिल्म है किसान, जो बनकर तैयार है। इसका विषय बेहद गंभीर है। किस तरह आजकल किसान मजबूरी में अपनी जमीन मल्टीनेशनल कंपनियों को बेचते हैं और अंत में बेसहारा हो जाते हैं! दरअसल, किसानों की इसी समस्या को हमने उठाने की कोशिश की है। आधुनिकता और औद्योगीकरण गलत जरूर नहीं है, लेकिन अगर मानव-जीवन के मूल्य पर कुछ ऐसा हो रहा है, तो मेरी समझ से गलत वह है। जैकी श्रॉफ, मैं और अरबाज भाई किसान में अभिनय कर रहे हैं। अगले साल जनवरी तक इसे रिलीज करने की योजना है।
दोबारा निर्देशक की कुर्सी पर बैठने की कब योजना है?
उम्मीद है, 2010 में मैं निर्देशन की बागडोर संभालूंगा। फिलहाल मैं ऐक्टिंग और प्रोडक्शन कंपनी को संभालने में व्यस्त हूं।

No comments:

Post a Comment

आपकी टिप्पणियों का स्वागत है...