अर्जुन कपूर का अभिनय काबिलेतारीफ है। एक्शन दृश्यों में वे जोरदार हैं। डांस भी बढिया कर लेते हैं। साथ ही,उनका वास्ता फ़िल्मी परिवार से है। इस तरह उनके पास हुनर भी है,मौका भी है और कुछ कर दिखाने का जोश भी है। तभी तो,पहली ही फिल्म से अर्जुन को नयी पीढ़ी के सबसे तेजी से उभरते हुए सितारों में शुमार कर लिया गया है। अब तक 'इशकजादे' और 'औरंगजेब' में अर्जुन ने अभिनय का रंग बिखेरा है। अब वे 'गुंडे' में अपने अभिनय की एक और बानगी पेश कर रहे हैं। अर्जुन की बातें उन्हीं के शब्दों में...
टूट पड़ा इस मौके पर
अगर बात करें हिंदी सिनेमा की,तो बचपन से हमने शोले,दीवार और काला पत्थर जैसी फ़िल्में पसंद की है जिसमें ड्रामा हो,अनबन हो,इमोशन हो,दोस्ती हो,रोमांस हो। ..तो जब इसी तरह की फिल्म 'गुंडे' का हिस्सा बनने की बात हुई,तो मुझे लगा कि ऐसा मौका हाथ से जाने देना नहीं चाहिए। मुझे ऐसा लगा कि जैसी फिल्मों को मैं देख कर बड़ा हुआ हूं वैसी फिल्म में काम करने का मौका मिल रहा है,तो यह बहुत अच्छी बात है। किसी पिक्चर से ऑडियंस जो चाहती है ..वह सब है इसमें। एक्शन है,रोमांस है,ड्रामा है। दो हीरो वाली फिल्म है। ऐसी फिल्म आजकल नहीं बनती है।.. तो मैं तो टूट पड़ा इस मौके पर।
अगर बात करें हिंदी सिनेमा की,तो बचपन से हमने शोले,दीवार और काला पत्थर जैसी फ़िल्में पसंद की है जिसमें ड्रामा हो,अनबन हो,इमोशन हो,दोस्ती हो,रोमांस हो। ..तो जब इसी तरह की फिल्म 'गुंडे' का हिस्सा बनने की बात हुई,तो मुझे लगा कि ऐसा मौका हाथ से जाने देना नहीं चाहिए। मुझे ऐसा लगा कि जैसी फिल्मों को मैं देख कर बड़ा हुआ हूं वैसी फिल्म में काम करने का मौका मिल रहा है,तो यह बहुत अच्छी बात है। किसी पिक्चर से ऑडियंस जो चाहती है ..वह सब है इसमें। एक्शन है,रोमांस है,ड्रामा है। दो हीरो वाली फिल्म है। ऐसी फिल्म आजकल नहीं बनती है।.. तो मैं तो टूट पड़ा इस मौके पर।
दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू
जब अली ने नैरेशन दी थी तब उसे नहीं पता था कि वह हमें कौन सा किरदार देना चाहता है। बाला और बिक्रम जो किरदार हैं उसमें बिक्रम मेरी पर्सनल लाइफ से ज्यादा मिलता है और बाला रणवीर की पर्सनल लाइफ से ज्यादा मिलता है। ऐसा नहीं था कि मैं सिर्फ और सिर्फ बिक्रम का रोल प्ले करना चाहता था। हां.. रणवीर और मुझे लगा कि उसे बाला का रोल और मुझे बिक्रम का रोल ऑफर किया जाएगा। ..लेकिन जब अली ने कहा कि वे अलग रोल करवाना चाहते हैं,तो मुझे कोई ऐतराज नहीं था। क्योंकि बाला का रोल मुझे उतना ही पसंद था जितना बिक्रम का। बाला के बिना बिक्रम अधूरा है और बिक्रम के बिना बाला। दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं।
जब अली ने नैरेशन दी थी तब उसे नहीं पता था कि वह हमें कौन सा किरदार देना चाहता है। बाला और बिक्रम जो किरदार हैं उसमें बिक्रम मेरी पर्सनल लाइफ से ज्यादा मिलता है और बाला रणवीर की पर्सनल लाइफ से ज्यादा मिलता है। ऐसा नहीं था कि मैं सिर्फ और सिर्फ बिक्रम का रोल प्ले करना चाहता था। हां.. रणवीर और मुझे लगा कि उसे बाला का रोल और मुझे बिक्रम का रोल ऑफर किया जाएगा। ..लेकिन जब अली ने कहा कि वे अलग रोल करवाना चाहते हैं,तो मुझे कोई ऐतराज नहीं था। क्योंकि बाला का रोल मुझे उतना ही पसंद था जितना बिक्रम का। बाला के बिना बिक्रम अधूरा है और बिक्रम के बिना बाला। दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं।
उसे ही तो एक्टिंग कहते हैं
अपने व्यक्तित्व से अलग तरह की भूमिका निभाना मुश्किल से ज्यादा मजेदार और चैलेंजिंग होता है। जब आप वैसा किरदार निभाते हैं जो आपसे नहीं मिलता-जुलता है .. उसी को तो एक्टिंग कहते हैं। बाला का किरदार निभाने में मुझे बहुत मजा आया। मेरे लिए चैलेंज था। मैं बहुत एक्साइटेड था।
अपने व्यक्तित्व से अलग तरह की भूमिका निभाना मुश्किल से ज्यादा मजेदार और चैलेंजिंग होता है। जब आप वैसा किरदार निभाते हैं जो आपसे नहीं मिलता-जुलता है .. उसी को तो एक्टिंग कहते हैं। बाला का किरदार निभाने में मुझे बहुत मजा आया। मेरे लिए चैलेंज था। मैं बहुत एक्साइटेड था।
मेहनत करनी पड़ी
गुंडे की कहानी की पृष्ठभूमि पिछली सदी के सातवें-आठवें दशक पर आधारित है। अली हमारे लिए अलग तरह का लुक चाहते थे। एक अलग पर्सनालिटी,अलग तेवर चाहते थे। वे चाहते थे कि वह दौर किरदारों के चेहरों के भाव से उभर कर सामने आए। उसके लिए मुझे खुद को फिट रखने के लिए मेहनत करनी पड़ी । मुझे अपना बेस्ट दिखना था। फिट दिखने के लिए मैंने मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग ली।
गुंडे की कहानी की पृष्ठभूमि पिछली सदी के सातवें-आठवें दशक पर आधारित है। अली हमारे लिए अलग तरह का लुक चाहते थे। एक अलग पर्सनालिटी,अलग तेवर चाहते थे। वे चाहते थे कि वह दौर किरदारों के चेहरों के भाव से उभर कर सामने आए। उसके लिए मुझे खुद को फिट रखने के लिए मेहनत करनी पड़ी । मुझे अपना बेस्ट दिखना था। फिट दिखने के लिए मैंने मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग ली।
दोस्ती और तालमेल
तालमेल तो बहुत अच्छा रहा। वह उभर कर सामने भी आ रहा है। ट्रेलर में सभी देख रहे कि हमारा तालमेल बेहद अच्छा है। हमारी दोस्ती बनी। मेरा ऐसा मानना है कि हम कैमरा के सामने कभी झूठ नहीं बोल सकते। अगर हमारे में तालमेल नहीं होता तो वह झलक कर सामने नहीं आता। मुझे तो बहुत मजा आया। मेरे लिए 'गुंडे' यादगार फिल्म है। रणवीर के साथ मेरी दोस्ती हुई।
तालमेल तो बहुत अच्छा रहा। वह उभर कर सामने भी आ रहा है। ट्रेलर में सभी देख रहे कि हमारा तालमेल बेहद अच्छा है। हमारी दोस्ती बनी। मेरा ऐसा मानना है कि हम कैमरा के सामने कभी झूठ नहीं बोल सकते। अगर हमारे में तालमेल नहीं होता तो वह झलक कर सामने नहीं आता। मुझे तो बहुत मजा आया। मेरे लिए 'गुंडे' यादगार फिल्म है। रणवीर के साथ मेरी दोस्ती हुई।
कभी हावी नहीं
मैं प्रियंका को पिछले सात-आठ साल से जानता हूं। वे मेरी अच्छी दोस्त रह चुकी हैं। जब से वे इंडस्ट्री में आई हैं तबसे उन्हें जानता हूं। प्रियंका अपने-आप में बेहद उम्दा कलाकार हैं। अपना काम बखूबी निभाती हैं। सीनियर थीं,पर वे कभी हम पर हावी नहीं हुईं। मुझे बहुत मजा आया उनके साथ काम करके। वे हमारे साथ बिलकुल घुल-मिल गयी थीं।
मैं प्रियंका को पिछले सात-आठ साल से जानता हूं। वे मेरी अच्छी दोस्त रह चुकी हैं। जब से वे इंडस्ट्री में आई हैं तबसे उन्हें जानता हूं। प्रियंका अपने-आप में बेहद उम्दा कलाकार हैं। अपना काम बखूबी निभाती हैं। सीनियर थीं,पर वे कभी हम पर हावी नहीं हुईं। मुझे बहुत मजा आया उनके साथ काम करके। वे हमारे साथ बिलकुल घुल-मिल गयी थीं।
यह मेरा गुड लक है
मैंने कभी सोचा नहीं था कि मेरी छवि एक्शन हीरो की बनेगी। एक्शन आपके काम का ही हिस्सा है। जितना नाच-गाना इम्पोर्टेन्ट है उतना ही एक्शन भी। मुझे एक्शन करने में बहुत मजा आता है। क्योंकि मैं निजी जीवन में मैं नॉन वायलेंट पर्सन हूं इसलिए कैमरा के सामने वायलेंट होने में ज्यादा मजा आता है। यह मेरा गुड लक है कि मेरी इमेज एक्शन हीरो की बनती जा रही है।
मैंने कभी सोचा नहीं था कि मेरी छवि एक्शन हीरो की बनेगी। एक्शन आपके काम का ही हिस्सा है। जितना नाच-गाना इम्पोर्टेन्ट है उतना ही एक्शन भी। मुझे एक्शन करने में बहुत मजा आता है। क्योंकि मैं निजी जीवन में मैं नॉन वायलेंट पर्सन हूं इसलिए कैमरा के सामने वायलेंट होने में ज्यादा मजा आता है। यह मेरा गुड लक है कि मेरी इमेज एक्शन हीरो की बनती जा रही है।
खुश हूं
गुंडे को मिल रही प्रतिक्रिया से खुश हूं।अच्छी फिलिंग है। सबने बेहद मेहनत की है। जब बन रही थी तो किसी को अंदाजा नहीं था कि फाइनल प्रोडक्ट इतना अच्छा होगा। लोग 'गुंडे' से उम्मीद कर रहे हैं,तो यह अच्छी बात है। लोगों को हमारा काम भी पसंद आना चाहिए। फिल्म लोगों को एंटरटेन करे,एक्साइट करे ताकि लोग बार-बार जाकर देखें..यही उम्मीद है।
सबसे फेवरेट आउटडोर
बहुत ही शानदार अनुभव था। पहली बार मैं कोलकाता इस फिल्म की शूटिंग के लिए गया था। मेरा फेवरेट आउटडोर शूट रहा। वहां के लोग,वहां का खाना-पीना,वहां का सेटअप.. सब बेहतरीन था। वहां से लौटने के बाद मैं सबको बहुत मिस कर रहा था।
बहुत ही शानदार अनुभव था। पहली बार मैं कोलकाता इस फिल्म की शूटिंग के लिए गया था। मेरा फेवरेट आउटडोर शूट रहा। वहां के लोग,वहां का खाना-पीना,वहां का सेटअप.. सब बेहतरीन था। वहां से लौटने के बाद मैं सबको बहुत मिस कर रहा था।
और भी फिल्में
इस समय मैं ' तेवर' की शूटिंग कर रहा हूं। इसमें सोनाक्षी सिन्हा हैं मेरे साथ। 'फाइंडिंग फैनी' इस साल लगेगी। यह होमी अदजानिया की फिल्म है जिन्होंने 'कॉकटेल' बनायीं थी। इसमें दीपिका पादुकोण हैं। अभी हाल ही में मैंने आलिया भट्ट के साथ 'टू स्टेट्स' की शूटिंग पूरी की है।
-सौम्या अपराजिता
इस समय मैं ' तेवर' की शूटिंग कर रहा हूं। इसमें सोनाक्षी सिन्हा हैं मेरे साथ। 'फाइंडिंग फैनी' इस साल लगेगी। यह होमी अदजानिया की फिल्म है जिन्होंने 'कॉकटेल' बनायीं थी। इसमें दीपिका पादुकोण हैं। अभी हाल ही में मैंने आलिया भट्ट के साथ 'टू स्टेट्स' की शूटिंग पूरी की है।
-सौम्या अपराजिता
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