Tuesday, December 30, 2014

विवादों का साया....

यह वर्ष हिंदी फ़िल्मी दुनिया के लिए उतार-चढ़ाव भरा रहा। एक तरफ इस साल ने सौ करोड़ी फिल्मों के क्लब में नयी फिल्मों को शामिल होते हुए देखा, तो दूसरी तरफ नए ट्रेंड ने भविष्य को नयी दिशा दी। नए चेहरों ने उम्मीद की नयी किरण जगायी,तो विवादों के साए से भी यह साल अछूता नहीं रहा। विवादों की कड़ियों ने एक तरफ फिल्मों की चमकीली दुनिया के रहस्यों का पर्दाफाश किया,तो दूसरी तरफ कुछ सितारो की चमक भी फीकी की। मधुर रिश्ते कड़वे हुए,तो अभिनेत्रियों के सम्मान को लेकर नयी बहस भी छिड़ी। कहना गलत नहीं होगा कि विवादों के कारण यह साल फ़िल्मी दुनिया के लिए बेहद 'हैपनिंग'रहा।

चमकीली दुनिया का अंधियारा
'मकड़ी' में अपनी अभिनय प्रतिभा के दम पर राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार से सम्मानित हो चुकी श्वेता प्रसाद बसु से जुड़ा विवाद सबसे अधिक सुर्ख़ियों में रहा। श्वेता के सेक्स रैकेट में शामिल होने की खबर ने पूरी फ़िल्मी दुनिया को सकते में ला दिया। एक प्रतिभाशाली अभिनेत्री के इस तरह के विवाद से जुड़ने से फिल्मों की दुनिया का ऐसा सच सामने अाया जो अब तक पर्दे में था।पता चला कि किस तरह प्रतिभा के बावजूद गैर फ़िल्मी पृष्ठभूमि की अभिनेत्रियों के लिए फिल्मों में अपनी जमीन तलाशना मुश्किल होता है। ऐसे में,जब उन्हें अच्छे अवसर नहीं मिलते हैं,तो पूँजी के अभाव में वे ऐसे कुकृत्य में शामिल होने के लिए मजबूर हो जाती हैं। दरअसल,श्वेता कुछ महीने पहले हैदराबाद के एक पांच सितारा होटल से तथाकथित सेक्स स्कैंडल के आरोप में गिरफ्तार की गई थीं। फिलहाल 2 महीने सुधारगृह में बिताने के बाद श्वेता बाहर आ गई हैं और फिर से सक्रिय हैं।

अभिनेत्रियों के सम्मान की बात
दीपिका पादुकोण ने अभिनेत्रियों के प्रति मीडिया के नजरिये पर नयी बहस छेड़ दी। एक प्रतिष्ठित मीडिया कंपनी के ट्विटर अकाउंट पर दीपिका की लो-नेक लाइन की तस्वीर को 'बड़ी खबर' बताकर पेश किया गया,जिस पर दीपिका ने कड़ा विरोध जताया। दीपिका ने कहा कि यदि मीडिया के लोग अभिनेत्रियों का सम्मान नहीं करते,तो उन्हें महिला सशक्तिकरण की चर्चा करने का कोई अधिकार नहीं है। दीपिका के इस विरोध में दूसरी अभिनेत्रियां भी शामिल हुईं और उन्होंने भी दीपिका का साथ दिया। उधर उस मीडिया कंपनी ने सार्वजनिक रूप से दीपिका पर लांछन लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उधर सोनाक्षी सिन्हा ने भी अभिनेत्रियों को लेकर घटिया नजरिए पर करारा प्रहार किया जब कमाल खान ने अपने ट्विटर अकाउंट पर हिंदी फिल्मों की अभिनेत्रियों के सबसे आकर्षक नितंब का कांटेस्ट शुरू किया। सोनाक्षी ने कमाल की इस हरकत की सरेआम आलोचना की और कमाल को चार थप्पड़ लगाने और उल्टा लटकाकर फांसी लगाने की भी पेशकश कर दी। सोनाक्षी की इस हिम्मत को फ़िल्म प्रेमियों का समर्थन मिला और कमाल को खूब गालियां मिली।

प्रचार का ये कैसा हथकंडा
प्रचार के एक अजूबे हथकंडे ने आमिर खान को विवाद से जोड़ दिया। 'पीके' को लेकर दर्शकों की जिज्ञासा बढ़ाने के लिए आमिर ने अपनी नंगी तस्वीर का सहारा लिया जिसका जमकर विरोध हुआ। 'पीके' के पहले पोस्टर के रूप में आमिर की नंग-धड़ंग तस्वीर जब पहली बार सामने आयी,तो नयी बहस छिड़ गयी। एक तरफ कुछ लोगों ने इसे भारतीय संस्कृति पर प्रहार करने की हरकत बतायी गयी,तो दूसरी तरफ कुछ लोगों ने इसे कलात्मक बताया और जमकर सराहना की। उधर इस तस्वीर को लेकर विभिन्न सामाजिक संगठनों ने विरोध जताया और प्रदर्शन भी किया। इस तरह आमिर द्वारा प्रचार का यह चर्चित हथकंडा इस वर्ष के विवादों की सूची में शामिल हो गया।

रिश्ते हुए तार-तार
बनते-बिगड़ते रिश्तों की इस फ़िल्मी दुनिया में इस वर्ष दो मधुर रिश्तों की दुखद परिणति देखने को मिली। प्रीति जिंटा-नेस वाडिया और रितिक रोशन-सुजैन खान के रिश्ते के टूटने ने विवादों का रूप लिया। एक तरफ प्रीति ने नेस पर उत्पीड़न का आरोप लगाया,तो दूसरी तरफ रितिक संग सुजैन के रिश्ते के टूटने के बाद की घटनाएं  सुर्खियां बनीं। रितिक-सुजैन की शादी टूटी जिसकी वजह अर्जुन रामपाल के साथ सुजैन की नजदीकियां बतायी गयी। दूसरी तरफ कंगना रनोट संग रितिक के अफेयर की खबर ने भी आग में घी का काम किया। प्रीति जिंटा और नेस वाडिया के बीच की कड़वाहट ने तो कई दिनों तक अख़बारों की सुर्ख़ियों में जगह बनायी। दोनों के बीच आरोप-प्रत्यारोप और वाद-विवाद का ऐसा दौर प्रारम्भ हुआ जिसने चमकीली दुनिया के रिश्तों की जटिलता को सार्वजानिक कर दिया।

हीरोइन और थप्पड़
सबसे ताजा विवाद जिसने जाते-जाते इस साल को 'हैपनिंग' बना दिया,वह है-गौहर खान थप्पड़ विवाद। एक टीवी शो के फिनाले एपिसोड की शूटिंग के दौरान भरी महफ़िल में एक दर्शक द्वारा गौहर को थप्पड़ मारना चौंकाने देने वाली खबर बन गया। थप्पड़ मारने वाले शख्स के अनुसार उसने गौहर को इसलिए थप्पड़ मारा था क्योंकि मुस्लिम होते हुए भी गौहर छोटे कपड़े पहनती है। गौहर पर लगे इस थप्पड़ ने नयी बहस छेड़ दी है। लोग चर्चा करने लगे हैं कि क्यों किसी युवती पर ही ऐसा दबाव डाला जाता है?क्यों उसे ही कपड़ों को लेकर दिशा-निर्देश जारी किये जाते हैं? गौहर थप्पड़ विवाद उस संकुचित मानसिकता का परिचायक है जो सिर्फ अभिनेत्रियों पर लागू होता है। अभिनेता जब बिना शर्ट के स्क्रीन पर दिखने पर तालियां बजती हैं,मगर जब अभिनेत्रियां छोटे कपड़े पहनती है , तो उन्हें क्यों बेशर्म कहा जाता है?
इन विवादों ने ख़बरों में जगह बनायी....साथ ही फ़िल्मी सन्दर्भ में मूल्यों,नैतिकता और महिला सशक्तिकरण को लेकर सकारात्मक बहस भी छेड़ी है। अतः ये विवाद नकारात्मक नहीं,बल्कि  सकारात्मक संकेत देते हैं।
-सौम्या अपराजिता

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