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Tuesday, October 15, 2013

'रियल' थिरकन....

स्मॉल स्क्रीन पर डांस रियलिटी शो की बढती संख्या का लाभ अपनी नृत्य-प्रतिभा से लोकप्रिय होने की इच्छुक आम जनता को तो हुआ ही है..साथ ही,नृत्य निर्देशकों के भी वारे-न्यारे हो गए हैं। दरअसल,फिल्मों में अपने इशारों पर सितारों को नचाने के अतिरिक्त डांस रियलिटी शो में जज की कुर्सी के रूप में उन्हें रोजगार का एक और जरिया मिल गया है। रोचक है कि इसी बहाने उन्हें अपने हिस्से की लोकप्रियता भी हासिल हो रही है जिससे वे अभी तक दूर थे।

फराह और श्यामक की राह पर
दर्शकों की नजर में पहले कुछ ही स्टार नृत्य निर्देशक थें जिनसे वे परिचित थे। इनमें सरोज खान,गणेश आचार्य,फराह खान और श्यामक दावर थे। फराह खान और श्यामक दावर की लोकप्रियता तब और बढ़ी जब उन्होंने रियलिटी शो का दामन पकड़ा। उन्हें दर्शकों का प्यार-दुलार और प्रतिष्ठा मिली। उनके मौलिक व्यक्तित्व से दर्शक परिचित हुए। फराह और श्यामक दावर से प्रेरित होकर नए नृत्य निर्देशकों ने भी रियलिटी शो से जुड़ने का निर्णय किया।.. और वे फराह खान और श्यामक दावर के बाद डांस रियलिटी शो के निर्णायक के लिए विकल्प के रूप में उभरे। वैभवी मर्चेंट,पोनी वर्मा,बोस्को- सीजर,गणेश हेन्गड़े ऐसे नामों में उल्लेखनीय हैं। हालांकि, ये सभी फिल्मों में नृत्य निर्देशन करने में इतने व्यस्त रहते हैं कि वे चुनिंदा रियलिटी शो में ही दिखते हैं। इन व्यस्त नृत्य निर्देशकों की अनुपलब्धता का लाभ उभरते हुए नृत्य निर्देशकों को हुआ और जल्द ही उन्होंने रियलिटी शो के निर्णायक की कुर्सी पर बैठकर लोकप्रियता का नया सोपान छूना शुरू कर दिया।

लोकप्रियता का नया दायरा
रियलिटी शो से जुड़ने का लाभ विशेषकर उन नृत्य निर्देशकों को हुआ है जो डांस रियलिटी शो के जज बनने से पहले हाशिये पर थे। उनके चेहरे से परिचय तो दूर की बात है उनके नाम से भी आम दर्शक अपरिचित थे। जब वे स्मॉल स्क्रीन पर रियलिटी शो के जज के रूप में अवतरित हुए..तो दर्शकों का परिचय उनसे और उनकी नृत्य प्रतिभा से हुआ। गीता कपूर,मर्जी पेस्टन जी और टेरेंस लुइस को 'डांस इंडिया डांस' के पूर्व शायद ही आम दर्शक जानते हों। फराह खान की सहायक नृत्य निर्देशिका रह चुकी गीता ' डांस इंडिया डांस' के कारण ही आज सेलेब्रिटी बन गयी हैं,वहीँ ' डांस इंडिया डांस' के मंच ने श्यामक दावर के शिष्य मर्जी पेस्टन जी और नृत्य निर्देशक और नर्तक टेरेंस लुइस को विशिष्ट पहचान दी।

गीता कपूर से 'गीता मां' तक
गीता कपूर की लोकप्रियता का आलम यह है कि ' डांस इंडिया डांस' के अतिरिक्त दूसरे डांस रियलिटी शो में भी उनकी मांग बढ़ी है। 'गीता मां ' के संबोधन से पुकारी जाने वाली गीता मौजूदा दौर में रियलिटी शो से जुडी सबसे व्यस्त सेलिब्रिटी हैं। उनका एक डांस रियलिटी शो ख़त्म होता है,तो दूसरा दस्तक दे देता है। पिछले दिनों ही गीता को दर्शकों ने 'इंडियाज डांसिंग सुपरस्टार' में देखा और अब वे 'डांस इंडिया डांस' के नए सीजन में दिख रही हैं।  इससे पहले वे 'डांस इंडिया डांस डबल्स', 'डांस इंडिया डांस लिटिल मास्टर्स' और 'डांस के सुपरकिड्स' में निर्णायक की भूमिका अदा कर चुकी हैं। डांस रियलिटी शो में जज की कुर्सी ने गीता को लोकप्रियता ही नहीं,बल्कि लाखों प्रशंसक भी दिए हैं। स्वयं गीता कहती हैं,"जब लोग इतने प्यार से मुझसे मिलने आते हैं, वो पल दिल को छू लेने वाला होता है।सब मुझे गीता मां कहते हैं । अच्छा लगता है। मुझे पक्का यकीन है कि कुछ साल बाद मैं बच्चों की गीता मां से गीता नानी-दादी भी हो जाऊंगी।'

प्रतिभा का प्रत्यक्ष प्रदर्शन
डांस रियलिटी शो ने नृत्य निर्देशकों की प्रतिभा को बड़ा दायरा भी दिया है। अब वे अभिनेता-अभिनेत्रियों के माध्यम से नहीं,बल्कि स्वयं प्रत्यक्ष रूप से अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकते हैं। प्रतिभागियों की ही तरह उन्हें भी डांस रियलिटी शो ने अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर दिया है। तभी तो जब भी अवसर मिलता है रेमो डिसूजा और टेरेंस लुइस जैसे नृत्य निर्देशक अलग-अलग डांस रियलिटी शो में नृत्य करते हुए दिख जाते हैं। टेरेंस 'डांस इंडिया डांस के मंच पर कंटेम्पररी डांस का नमूना पेश करते हैं,तो रेमो  'झलक दिखला जा' में हिप-हॉप और 'बॉलीवुड डांस' करते हुए नजर आते हैं।


कुछ नया हो जाए
रियलिटी शो के मंच से जुड़ने के बाद मिली लोकप्रियता और सम्मान को भुनाने के लिए नृत्य निर्देशक अपने करियर को नयी दिशा देने के लिए भी प्रेरित होते हैं। रेमो डिसूजा ने 'डांस इंडिया डांस' के मंच से मिली पहचान के बाद ही नृत्य निर्देशक के साथ-साथ फिल्म निर्देशक बनने का निर्णय लिया और बना डाली 'फालतू' और 'ए बी सी डी-एनी बॉडी कैन डांस' जैसी छोटे बजट की सफल फिल्में। उधर.. टेरेंस लुइस ने भी अपनी डांस अकादमी को बड़ा दायरा दिया। उनकी डांस अकादमी की लोकप्रियता बढ़ी। टेरेंस कहते हैं,'पांच साल पहले जब मैं 'डांस इंडिया डांस' में आया था तब मेरा उद्देश्य नृत्य कौशल को सम्मान दिलाना था। हमारे समय के बहुत से डांसर और कोरियोग्राफर जो डांस को करियर के रूप में अपनाना चाहते थे, वे असुरक्षा की भावना से ऐसा नहीं कर पाए।अब इस मुकाम पर आकर मैं लोगों का ऐसा समुदाय खड़ा करना चाहता हूं जो न सिर्फ डांस पसंद करते हैं बल्कि स्वस्थ तन-मन और आत्मा के लिए डांस की जरूरत को समझते है।'

बढे विकल्प
डांस रियलिटी शो से जुड़ने के लिए नृत्य निर्देशकों की नयी खेंप के उत्साह का लाभ निर्माताओं को भी हुआ। अब उन्हें अपने शो में निर्णायक के लिए इतने विकल्प जो मौजूद हैं। अब उन्हें सिर्फ स्टार नृत्य निर्देशकों की उपलब्धता के भरोसे रहने की जरुरत नहीं है। अपेक्षाकृत कम पारिश्रमिक में नए नृत्य निर्देशक निर्णायक बनने के लिए तैयार ही नहीं होते बल्कि वे पूरे उत्साह से शो के निर्माण की प्रक्रिया में अपना योगदान देते हैं। अपनी थिरकन से वे चार-चांद लगा देते हैं।

भारतीय टेलीविज़न पर डांस रियलिटी शो की परम्परा के अग्रदूत ' बूगी-वूगी' का आगमन एक बार फिर होने वाला है। 'बूगी-वूगी' के रूप में जावेद जाफरी,नावेद जाफरी और रवि बहल द्वारा स्थापित डांस रियलिटी शो के प्रथम मंच ने  परोक्ष रूप से रियलिटी शो और नृत्य निर्देशकों के  वर्तमान ताने-बाने को बुना है। उम्मीद तो यही है कि  नृत्य निर्देशकों और रियलिटी शो का साथ यूं ही बना रहे। थिरकन के ये जादूगर यूं ही नृत्य की नयी प्रतिभाओं की खोज में योगदान देते रहें...

रियलिटी शो में निर्णायक की भूमिका अदा करने वाले नृत्य निर्देशक

  • -सरोज खान
  • -फराह खान
  • -गीता कपूर
  • -वैभवी मर्चेंट
  • -पोनी वर्मा
  • -टेरेंस लुइस
  • -बौस्को
  • -सीजर
  • -रेमो डिसूजा
  • -मर्जी पेस्टन ज़ी
  • -एश्ले लोबो
  • -अहमद खान
-सौम्या अपराजिता

Monday, September 30, 2013

रियल से रील की राह....

स्मॉल स्क्रीन पर हर दिन सजने वाले मनोरंजन के बाजार में चैनलों के बीच अपने-अपने धारावाहिक को बेचने की होड़ लगी रहती है। इस होड़ में आगे बने रहने के लिए चैनल और धारावाहिक निर्माता नयी-नयी जुगत लगाते हैं। इसी सिलसिले में अपने धारावहिक को फ्रेश और रोचक बनाने के प्रयास किये जाते हैं जिसके लिए नए कथानक के साथ नए कलाकारों की भी दरकार होती है। वक़्त कम होता है और नए कलाकारों के चयन की बड़ी चुनौती होती है। ऐसे में,सबसे पहले नजर रियलिटी कार्यक्रमों के प्रतियोगियों पर पड़ती है। और बस...जैसे ही उन प्रतियोगियों में कोई चेहरा आकर्षक और प्रतिभाशाली लगता है..उसे उस नए धारावाहिक में अभिनय का प्रस्ताव मिल जाता है। इस तरह रियलिटी शो से धारावाहिक का सफ़र तय करने वाले ये चेहरे स्मॉल स्क्रीन के स्टार बन जाते हैं।

 हर विधा से...
 रोचक है कि विभिन्न विधा के रियलिटी शो के पूर्व प्रतियोगी आज धारावाहिकों की दुनिया के लोकप्रिय नाम हैं। उदाहरण कई हैं। रोमांच और एक्शन से लबरेज रियलिटी शो 'रोडिज 4' के प्रतियोगी रह चुके शालीन मल्होत्रा ने स्टार प्लस के धारावाहिक ' हर युग में आएगा एक अर्जुन' में अर्जुन की केंद्रीय भूमिका निभायी...'रोडिज 7' की प्रतियोगी चार्ली चौहान ने चैनल वी के धारावाहिक 'बेस्ट फ्रेंड फॉरएवर' में युवा दर्शकों का दिल लुभाया...तो वहीँ 'डांस इंडिया डांस-लिटिल मास्टर्स' के विजेता फैजल खान इन दिनों 'भारत का वीर पुत्र:महाराणा प्रताप'में शीर्ष भूमिका निभा रहे हैं। 'इंडियन आइडल' के मंच पर अपनी गायन प्रतिभा से दर्शकों को परिचित करा चुकी नेहा सरगमस्माल स्क्रीन की स्टार अभिनेत्रियों में एक हैं,तो 'स्प्लिट्स विला' के विजेता रह चुके विशाल कारवाल धारावाहिकों की दुनिया के स्टार अभिनेता हैं। 'डांस इंडिया डांस' में प्रतियोगी के रूप में अपनी थिरकन से मन मोह चुकी बिन्नी शर्मा ने 'संजोग से बनी संगिनी' में नायिका की भूमिका निभायी,तो 'परफेक्ट ब्राइड' की प्रतियोगी रह चुकी वृंदा दावडा धारावहिक ' दिल दोस्ती डांस' में अपने अभिनय का रंग भर रही हैं। दरअसल,नए चेहरों के लिए धारावहिकों के निर्माता-निर्देशक की तलाश किसी एक विधा के रियलिटी शो पर ख़त्म नहीं होती। वे हर विधा...फिर गायन हो या नृत्य या फिर रोमांच... हर विधा पर आधारित रियलिटी शो के प्रतियोगियों में अपने धारावाहिक के नायक या नायिका की छवि ढूंढते हैं।

आसान हुई अभिनय की राह
 रियलिटी शो के कारण अभिनय की राह पर चलना आसान हो गया है। यदि कोई युवक या युवती अभिनय जगत में प्रवेश करना चाहता है,तो वह सबसे पहले अपनी विशेष प्रतिभा पर आधारित रियलिटी शो का प्रतियोगी बन जाता है। रियलिटी शो का हिस्सा बनकर उसे शुरूआती पहचान मिलती है। निर्माता-निर्देशकों की नजर उस पर पड़ती है जिससे अभिनय की दिशा में कदम बढ़ाना उसके लिए अपेक्षाकृत सरल हो जाता है। ' डांस इंडिया डांस' से धारावाहिक 'संजोग से बनी संगिनी' की नायिका बनीं बिन्नी शर्मा कहती हैं,' डांसिंग मेरा पैशन है,पर  एक्टिंग भी मेरे दिमाग में था। मैं शुरू से एक्ट्रेस बनना चाहती थी।' डांस इंडिया डांस' के मंच से जुड़ना मेरे लिए फायदेमंद साबित हुआ। मेरा कॉन्फिडेंस बढ़ा और मुझे मेरा पहला एक्टिंग प्रोजेक्ट मिला।'

निखरना-संवरना
 रियलिटी शो भविष्य के अभिनेता-अभिनेत्री को निखारते-संवारते हैं। कैमरे का सामना करने की कला उन्हें आती है। लोकप्रिय होने का पहला अहसास उन्हें होता है। दरअसल,रियलिटी शो से प्रतियोगियों में आत्मविश्वास आता है जो किसी भी अभिनेता-अभिनेत्री के आवश्यक गुणों में शुमार है। निर्माता सुकेश मोटवानी कहते हैं,'रियलिटी शो के बहाने हम नए टैलंट को तलाश कर पाते हैं। रियलिटी शो के कारण युवाओं को कैमरा फेस करने का कॉन्फिडेंस मिलता है।' रियलिटी शो 'सुपरस्टड' के विजेता बनने के बाद अभिनय जगत में प्रवेश करने वाले करण छाबड़ा कहते हैं,'रियलिटी शो से एक्सपोज़र मिलता है। कैमरा फेस करना आ जाता है। एक्टर बनने का अच्छा प्लेटफॉर्म है रियलिटी शो। एक्टिंग फील्ड में रियलिटी शो से जुड़े यंगस्टर को फ्रेशर्स से ज्यादा महत्त्व दिया जाता है।'

 कसौटी पर खरा उतरने की चुनौती
रियलिटी शो से धारावाहिकों का सफ़र तय करने के बाद कलाकारों के सामने कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच दर्शकों की कसौटी पर खरा उतरने की चुनौती भी होती है। चूंकि, रियलिटी शो के मंच पर दर्शकों का परिचय उनसे हो जाता है..इसलिए उनसे उम्मीदें भी अधिक होती हैं। दर्शकों की नजर में वे परिचित होते हैं,पर सही मायने में तो अभिनय के क्षेत्र में उनका पहला प्रयास होता है। ऐसे में बिलकुल नए चेहरों की तुलना में उनके सामने पहले ही प्रयास में खुद को साबित करने की बड़ी चुनौती होती है।' स्प्लिट्स विला' के विजेता बनने के बाद ' मितवा','क्या हुआ तेरा वादा'और ' बड़े अच्छे लगते हैं' जैसे धारावाहिकों में अभिनय कर चुके मोहित मल्होत्रा कहते हैं,'यह सच है कि स्प्लिट्स विला ने मुझे शुरूआती पहचान दिलायी, पर मुझे लगता है कि एक्टिंग के फ़ील्ड में आपकी काबिलियत भी मायने रखती है। अगर आपमें एक्टिंग का कीड़ा नहीं है तो आप अच्छे अवसर मिलने के बाद भी खुद को साबित नहीं कर पाते हैं। एक्टर का जॉब इतना आसान नहीं है।'

दरअसल,रियलिटी शो पहचान तो देते हैं,पर पहचान के उस दायरे को विशाल बनाते हैं दैनिक धारावाहिक। ऐसे में,समर्पण,लगन और परिश्रम की आवश्यकता होती है। साथ ही,रियलिटी शो में अपने मौलिक व्यक्तित्व से परिचय कराने के बाद खुद को धारावाहिक के काल्पनिक चरित्र में ढालना आसान नहीं होता है। ऐसे में, रियलिटी शो के प्रतियोगियों के लिए अभिनय की राह आसान होकर भी मुश्किल होती है। यदि,अभिनय में इच्छुक रियलिटी शो के प्रतियोगी पर्याप्त प्रशिक्षण और तैयारी के साथ धारावाहिकों में नायक या नायिका बनने की चुनौती स्वीकार करें,तो निश्चित ही बेहतर परिणाम आएंगे...

रियलिटी शो से सीरियल तक...

  •  आंचल खुराना (रोडिज)- सपने सुहाने लड़कपन के
  • विशाल करवाल ('स्प्लिट्स विला'और ' रोडिज')- भाग्यविधाता
  • ऋत्विक धनजानी (डांस इंडिया डांस)-पवित्र रिश्ता
  • पवित्र पुनिया( स्प्लिट्स विला)-होंगे जुदा न हम
  • कुंवर अमरजीत सिंह(डांस इंडिया डांस)-दिल दोस्ती डांस
  • शालीन मल्होत्रा (रोडिज)-अर्जुन
  • करण छाबड़ा (सुपर स्टड)-द सीरियल
  • वृंदा दावडा (परफेक्ट ब्राइड)-दिल दोस्ती डांस
  • रिषभ सिन्हा( स्प्लिट्स विला)-क़ुबूल है
  • चार्ली चौहान ( रोडिज) - बेस्ट फ्रेंड फॉरएवर
  • नेहा सरगम (इंडियन आइडल)-चाँद छुपा बादल में
  • ट्विंकल बाजपेयी (सारेगामापा) -घर की लक्ष्मी बेटियां
  •  फैजल खान (डांस इंडिया डांस-लिटिल मास्टर्स)-भारत का वीर पुत्र महाराणा प्रताप
  • बिन्नी शर्मा(डांस इंडिया डांस)-संजोग से बनी संगिनी
  • अमित टंडन(इंडियन आइडल)-कैसा ये प्यार है
  •  अर्चना तायडे(बॉलीवुड का टिकट)-क़ुबूल है
  • मोहित मल्होत्रा ( स्प्लिट्स विला ) - क्या हुआ तेरा वादा


-सौम्या अपराजिता
रियलिटी शो से लोकप्रियता का सोपान छूने वाले कलाकारों से यहां मिलें..

http://somya-aparajita.blogspot.in/2013/05/blog-post_7240.html