Saturday, May 25, 2013

शुक्रिया सनी ! - संगीत सिवन

-सौम्या अपराजिता 

लम्बे अंतराल के बाद संगीत सिवन के निर्देशन की बानगी दिखेगी 'यमला पगला दीवाना 2' में। 'क्या कूल हैं हम' और 'अपना सपना मनी मनी' जैसी सफल कॉमेडी फिल्मों का निर्देशन कर चुके संगीत को जब समीर कार्णिक निर्देशित सुपरहिट  फिल्म 'यमला पगला दीवाना' के सीक्वल को निर्देशित करने का प्रस्ताव मिला,तो उन्हें सुखद आश्चर्य हुआ था। 
'यमला पगला दीवाना 2' के निर्देशक संगीत सिवन से बातचीत-

आपकी पिछली फिल्म 'क्लिक' 2009 में रिलीज़ हुई थी। इतना लंबा अंतराल क्यों?
-इस सवाल का जवाब देना कठिन है।गैप की वजह मेरी ख़राब तबियत थी। साथ ही,यदि आपने सफल फिल्म नहीं की हो तो इंडस्ट्री आपको भूलने में देर नहीं करती है खासकर मेरे जैसे आउट साइडर के लिए तो और भी मुश्किल होती है।अच्छी बात है कि यह गैप मेरे लिए फायदेमंद रहा।मुझे अपने सच्चे दोस्तों के बारे में पता चला।मेरी सारी मेहनत 'यमला पगला दीवाना 2' में लग गयी है। मैं सनी देओल का शुक्रिया करता हूं कि उन्होंने मुझे इतने अच्छे प्रोजेक्ट से जुड़ने का मौका दिया।

'यमला पगला दीवाना 2' सुपरहिट फिल्म 'यमला पगला दीवाना' का सीक्वल है। ऐसे में,जब आपको इस फिल्म को  निर्देशित करने का ऑफर मिला,तो आपकी पहली प्रतिक्रिया  क्या  थी ?
-मेरे लिए यह बड़ा सरप्राईज था। मुझे संभलने में थोडा वक़्त  लगा।मैं अपनी दो सफल फिल्मों ( 'क्या कूल हैं हम' और 'अपना सपना मनी मनी' ) की कहानी को आगे बढाने के लिए कहानी नहीं ढूंढ पा रहा था और यहाँ तो मुझे  दूसरे डायरेक्टर (समीर कर्णिक )की सफल कॉमेडी फिल्म की कहानी को आगे बढाने की जिम्मेदारी दी गयी थी।मैंने सनी से कुछ वक़्त माँगा। लगभग दो महीने तक राइटर जस्वींदर के साथ काम करने के बाद हमें ऐसी कहानी मिल गयी जो 'यमला पगला दीवाना' की कहानी को आगे ले जा सकती थी।

इस फिल्म के साथ आप भी सीक्वल फिल्मों के ट्रेंड को आगे बढाने की दिशा में कदम बढ़ा चुकें हैं।सीक्वल के  इस प्रचलित ट्रेंड पर आपकी राय क्या है ?
-मेरी राय बहुत ही सिंपल है।यदि आपके पास ऐसी कहानी है जो पिछली फिल्म की कहानी को आगे बढ़ा सकती है,तो कोई समस्या नहीं है। हाँ, मगर सिर्फ सीक्वल बनाने के लिए पिछली फिल्म का सीक्वल बनाने का कोई तुक नहीं है।

'यमला पगला दीवाना 2' की मेकिंग के दौरान किस तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ा?
-हम तीन महीनें के लम्बे शेड्यूल के लिए यूके गए थें। बर्मिंघम और लिसेस्टर शिरे में हमनें अपनी फिल्म की अधिकांश शूटिंग की।वहां के मौसम का मिजाज़ हमेशा बदलता रहता था। दिन बहुत छोटा होता था और ठण्ड भी बहुत थी। कम रोशनी के कारण हमें तीन बजे दोपहर में ही पैक अप कर लेना पड़ता था। हम मज़ाक में कहा करते थें,' हमने  ठंड,आग(हमारे होटल में आग लग गयी थी),धुंध और कोहरा सब पर विजय पा ली है। कोई मुश्किल हमें अपना काम करने से नहीं रोक सकती है।'

दर्शकों की ढेर सारी उम्मीदें जुडी हुई हैं 'यमला पगला दीवाना 2' से। दबाव महसूस कर रहे हैं?
-किसी सफल फिल्म का सीक्वल बनाना मुश्किल काम है। बहुत प्रेशर होता है।यही वजह है कि हमनें सनी,बॉबी और धरम जी के कैरेक्टर में कोई छेड़छाड़ नहीं की है।

फिल्म मेकिंग के किस पहलू को आप अधिक एन्जॉय करते हैं?
-मुझे फिल्म मेकिंग का हर पहलू अच्छा लगता है।वैसे, फिल्म मेकिंग का  सबसे कठिन हिस्सा होता है स्क्रीनप्ले राइटिंग।

भविष्य की  क्या योजना है?
-धरम जी और बॉबी के साथ एक प्रोजेक्ट है 'चियर्स।' उस फिल्म को बनाना चाहता हूं। कुछ और भी सोचा है मैंने। एक बार' यमला पगला दीवाना 2' रिलीज़ हो जाए फिर कुछ और करूंगा । फिलहाल  तो 'यमला पगला दीवाना 2' की परफोर्मेंस पर सब कुछ टिका है।
  

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