Wednesday, January 22, 2014

मासूम और मोहक महिमा..

महिमा मकवाना के मासूम चेहरे ने दर्शकों को अपने मोहपाश में बांध रखा है। कमसिन,सरल और सौम्य महिमा की अदायगी का ये असर है कि सत्रह वर्ष की किशोर उम्र में वे स्मॉल स्क्रीन की स्टार अभिनेत्री बन गयी हैं। 'सपने सुहाने लड़कपन' में रचना की भूमिका में दर्शकों का दिल जीत रही महिमा पिछले कुछ दिनों से बेहद उत्साहित हैं। वजह है धारावाहिक में आये नए ट्रैक के कारण उन्हें सजने-संवरने और थोड़ा ग्लैमरस दिखने का अवसर मिल रहा है। राजकोट की मूल निवासी और मुंबई में पली,बढ़ी और पढ़ी महिमा की बातें उन्हीं के शब्दों में...

बचपन से अभिनय..
4 साल की उम्र से ही मेरा स्ट्रगल शुरू हो गया था। सबसे पहले कलर्स पर 'मोहे रंग दे' में लीड ऐक्ट्रेस के बचपन का रोल किया था। फिर 'आहट' और 'सीआईडी' में भी काम किया। 'बालिका वधू' में भी गौरी के बचपन वाला कैरेक्टर किया था। उसके कुछ समय बाद ही 'सपने सुहाने...' के ऑडिशन में एक ही शॉट में मुझे फाइनलाइज कर लिया गया।

लांच पैड जैसा
'सपने सुहाने लड़कपन से पहले भी मैंने शो किए हैं,पर यह शो मेरे लिए लॉन्च पैड जैसा है। 'सपने सुहाने लड़कपन' से और जी टीवी से जुड़ना मेरे लिए सम्मान की बात है। पहली बार बड़ा किरदार निभाने का मौका मिला है। मुझे रचना के रूप में सभी पसंद भी कर रहे हैं। बहुत सी लड़कियां मेरे कैरेक्टर से इंस्पायर हो रही हैं। अच्छा लग रहा है।

स्पेशल महसूस करती हूं
हमारा शो टॉप शो बन गया है। यह अहसास बेहद खास है। यह सिर्फ मेरी मेहनत का नतीजा नहीं है। पूरी टीम की मेहनत के कारण हमारा शो सक्सेसफुल हो पाया है।'सपने सुहाने लड़कपन' में रचना के कैरेक्टर ने मुझे लोकप्रिय बनाया है। मुझे एक नयी पहचान दी है। बहुत स्पेशल फील होता है जब मैं सड़कों पर लगे होर्डिंग पर खुद को देखती हूं, जब लोग मुझसे ऑटोग्राफ लेते हैं।

मजेदार अनुभव
अभी तक की शूटिंग का मजेदार अनुभव रहा है। रूपल के साथ भी मेरी बॉन्डिंग समय के साथ अच्छी होती गयी है। मुझे लगता है कि शो के सक्सेस की बड़ी वजह गुंजन और रचना के बीच का रिश्ता है। मैंने महसूस किया है कि रुपल और मेरे कैरेक्टर की बॉन्डिंग को दर्शक बेहद पसंद करते हैं।

रचना जैसी मैं
रचना और मुझमें कई बातें एक जैसी हैं। मैं भी रचना की तरह इनोसेंट और सिंपल लड़की हूं। उसकी तरह मैं भी क्रिएटिव हूं। मुझे भी किताबें पढना अच्छा लगता है। हालांकि, आज कल मुझे किताबें पढ़ने के लिए समय नहीं मिलता है क्योंकि मुझे अपनी पढाई और शो दोनों मैनेज करना पड़ता है।
सजने-संवरने का मौका
अभी कुछ दिन पहले ही रचना का मेकओवर हुआ है। इस नए टर्न से मुझे भी शो में थोड़ा ग्लैमरस होने का मौका मिल रहा है। मैं बेहद खुश हूं कि फाइनली मैं अपने लुक को लेकर थोडा-बहुत एक्सपेरिमेंट कर पा रही हूँ। हालांकि, अपने कैरेक्टर के कारण मैं ज्यादा एक्सपेरिमेंट तो नहीं कर सकती हूं। हाँ..थोड़ा अलग दिखने के लिए मॉडर्न अंदाज में एथिनिक ड्रेस पहन पा रही हूं। अब सजने-संवरने का मौका मिल रहा है।
-सौम्या अपराजिता

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