अभिनय-प्रतिभा के धनी अक्षय खन्ना निजी जीवन में अपनी धीर-गंभीर छवि के लिए प्रसिद्ध हैं। चाहे वह हास्य से भरपूर भूमिका हो या खलनायक की या फिर प्यार में डूबे किसी युवक की। वे रुपहले पर्दे पर हर तरह की भूमिका निभाने में सक्षम हैं। उनके व्यक्तित्व से जुड़े कुछ रोचक पहलुओं से होते हैं रूबरू..
वक्त के पाबंद : वे वक्त की कीमत समझते हैं। उन्हें पता है कि जीवन का एक-एक पल कितना महत्वपूर्ण होता है! यही वजह है कि शूटिंग के लिए वक्त पर पहुंचना और एक नियमित दिनचर्या का पालन करना उनकी आदत में शुमार है। अक्षय कहते हैं, मैं वक्त का बड़ा पाबंद हूं। मुझे लगता है, हर काम के लिए एक नियत समय होता है। मैं मानता हूं कि जब आप वक्त की कीमत समझेंगे, तभी दूसरे भी आपकी सुविधा का खयाल रखेंगे।
नया सीखने की चाहत : साथी कलाकार और निर्देशकों के प्रिय अक्षय फिल्मी दुनिया में लंबे अनुभव हासिल करने के बाद भी खुद को अभिनय की दुनिया में नया मानते हैं। वे अपनी भावनाएं व्यक्त करते हैं, मेरी नजर में अभिनय एक कला है। मुझे नहीं लगता कि कोई कलाकार इस कला में पूरी तरह महारत हासिल कर सकता है! चूंकि अभिनय में हर क्षण कुछ नया सीखने की गुंजाइश रहती है। मैं भी अभी सीख ही रहा हूं। इस क्षेत्र में एकाग्रता की बहुत जरूरत होती है। साथ ही एक परफॉर्मर के रूप में मैं रिलैक्स रहने की कला भी सीखना चाहता हूं।
सह-कलाकारों के प्रिय : अक्षय स्टार अभिनेता तो नहीं हैं, लेकिन एक अच्छे कलाकार जरूर हैं। हर फिल्म में वे अभिनय के नए अंदाज से दर्शकों को प्रभावित करते हैं। इसीलिए उनके प्रशंसकों की सूची में सुभाष घई और प्रियदर्शन जैसे दिग्गज निर्देशकों से लेकर अनिल कपूर और प्रियंका चोपड़ा जैसे स्टार कलाकारों के नाम भी शामिल हैं। मेरे बाप पहले आप में उनकी सह-कलाकार रह चुकीं जेनीलिया डी-सूजा के अनुसार, अक्षय बेहद नेचुरल ऐक्टर हैं। जब कैमरा ऑन होता है, तो वे पूरी तरह अपने कैरेक्टर में डूब जाते हैं। उनकी यह अदा मुझे इम्प्रेस करती है। अनिल कपूर कहते हैं, मेरी समझ से मौजूदा दौर में अक्षय जैसा बेहतरीन अभिनेता ढूंढना मुश्किल है। अपनी आंखों से अभिनय करने की कला वह बखूबी जानता है।
मलाल नहीं : खान तिकड़ी और अक्षय कुमार जैसे स्टार अभिनेताओं की मौजूदगी में अक्षय की अभिनय-प्रतिभा भले ही हाशिए पर रही हो, लेकिन उन्हें इसका मलाल नहीं है। वे कहते हैं, मैं हमेशा अपनी इंस्टींक्ट से काम करता हूं। एक अभिनेता के रूप में खुद को संतुष्ट रखना ही मेरी पहली प्राथमिकता है। अभिनेता के रूप में मैं खुद को कुंठित नहीं करना चाहता। मैं स्वयं को ऐसे ऐक्टर के रूप में देखता हूं, जो अपना जॉब करता है और अपनी भूमिकाओं में विविधताएं ढूंढता है।
प्राथमिकता है अभिनय : विवाह की उम्र की दहलीज पर पहुंच चुके अक्षय आज तक किसी स्थाई प्रेम-संबंध में नहीं बंध सके हैं। उनके लिए अभी भी उनका काम ही उनकी प्राथमिकता है। वे कहते हैं, मैं बस काम करना चाहता हूं, क्योंकि यही एक चीज है, जो मुझे खुश रख सकती है। फिल्म इंडस्ट्री में इन दिनों इतना अच्छा और ज्यादा काम हो रहा है कि निजी जीवन के लिए सोचने का वक्त ही नहीं है!
Tuesday, March 31, 2009
वक्त की कीमत समझते हैं अक्षय
-सौम्या अपराजिता
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