टी आर पी का खेल
जितने टीवी चैनल, लगभग उतने अवार्ड। ये अवार्ड टीवी सीरियल और शो में उल्लेखनीय काम कर रहे कलाकारों, लेखकों, तकनीशियनों और निर्माता-निर्देशकों को देने के लिए आयोजित किए जाते हैं। अलग-अलग चैनल के कर्ता -धर्ता अपने-अपने चैनल के लिए अवार्ड शो आयोजित करते हैं। उसमें वे विशेषकर अपने चैनल पर प्रसारित हो रहे धारावाहिकों और कार्यक्रमों के कलाकारों और तकनीशियनों को पुरस्कृत कर उन्हें सम्मान देने का अधिकतम प्रयास करते हैं। ऐसे अवार्ड शो में स्टार परिवार अवार्ड , जी रिश्ते अवार्ड और कलर्स गोल्डन पेटल अवार्ड्स उल्लेखनीय हैं। इन अवार्ड शो के बहाने चैनल विशेष को सितारों की चमक-दमक से भरपूर तीन से चार घंटे के आकर्षक और भव्य कार्यक्रम प्रसारित करने का अवसर मिल जाता है। इन अवार्ड शो को भुनाने का हर संभव प्रयास किया जाता है। एक लोकप्रिय टेलीविज़न चैनल के अधिकारी के अनुसार, 'अवार्ड शो के निर्माण में जितना पूंजी निवेश होता है उससे कहीं अधिक पूंजी प्रायोजकों से मिल जाती है।' यही वजह है कि प्रत्येक चैनल अपने-अपने अवार्ड शो के प्रति दर्शकों को आकर्षित करने का यथासंभव प्रयास करते हैं ताकि अधिक-से-अधिक टी आर पी रेटिंग और प्रायोजक मिल पाएं।
विशाल और भव्य
दर्शकों के अधिक-से-अधिक ध्यानाकर्षण के लिए अवार्ड शो को भव्य और विशाल बनाया जाता है। भव्य सेट का निर्माण किया जाता है। परफॉर्म करने वाले सितारों के कीमती पोशाक निर्मित किये जाते हैं। तकनीकी पक्ष को भी अधिक-से -अधिक पूँजी निवेश से सुदृढ़ किया जाता है। और अब तो फिल्म अवार्ड शो की तरह टीवी अवार्ड शो भी विदेशी धरती पर आयोजित किये जा रहे हैं। मकाउ में स्टार परिवार अवार्ड,तो दुबई में बालाजी टेली अवार्ड और मारीशस में गोल्ड अवार्ड आयोजित किया गया। टेलीविज़न अवार्ड शो में अब फिल्मों के सितारे भी अपनी नयी फिल्म के प्रचार के लिए अपनी आकर्षक झलक दिखाते हैं। फ़िल्मी दुनिया के बड़े नाम को भी इन अवार्ड शो से जोड़ा जाता है। पिछले दिनों प्रसारित हुए स्टार परिवार अवार्ड के एक म्यूजिकल परफोर्मेंस के लिए श्यामक डावर को नृत्य निर्देशित करने की जिम्मेदारी दी गयी थी। एकता कपूर ने तो अपने टेलीविज़न अवार्ड शो को भव्य बनाने के लिए अब उसमें फिल्म की श्रेणी को भी जोड़ दिया है। एकता कहती हैं ,' हम चाहते हैं कि हमारे अवार्ड शो में टेलीविज़न और फिल्म दोनों के स्टार रहे। हम उन्हें व्यक्तिगत रूप से आमंत्रित करते हैं। शो के दौरान भव्यता के साथ हम पारदर्शिता और ईमानदारी भी बरतते हैं। '
सितारों की सक्रिय सहभागिता
टेलीविज़न के सितारे भी अवार्ड शो में सक्रिय योगदान देते हैं। वे बढ़ चढ़कर अवार्ड शो में हिस्सा लेते हैं। दरअसल,धारावाहिकों में अभिनय की एकरसता दूर करने के लिए और अपनी प्रतिभा के नए पहलू से परिचित कराने के लिए अवार्ड शो के बड़े मंच से सितारे जुड़ते हैं।रेड कार्पेट पर अपने फैशन और स्टाइल की बानगी पेश करते समय और फ़िल्मी गानों पर परफॉर्म करने के दौरान वे खुद को फ़िल्मी सितारों के करीब पाते हैं , तो पुरस्कार प्राप्त करते समय वक़्त खुद को सम्मानित महसूस करते हैं। सितारों के लिए अवार्ड शो से जुड़ना किसी बड़े सेलिब्रेशन में हिस्सा लेने जैसा होता है। विशेषकर अवार्ड शो के संचालन में सितारे ज्यादा रुचि रखते हैं। उल्लेखनीय है कि राम कपूर और रोनित रॉय टेलीविज़न अवार्ड शो के प्रिय संचालक हैं। अवार्ड शो के बहाने सितारों को एक-दूसरे से मिलने-मिलाने का वक़्त भी मिल जाता है। 'दीया और बाती हम' में संध्या की भूमिका निभा रही दीपिका सिंह कहती हैं ,' हम सब अपने-अपने शो में इतने व्यस्त रहते हैं कि दूसरे शो के आर्टिस्ट से मिलने का मौका नहीं मिलता है। ऐसे में स्टार परिवार जैसे अवार्ड हमें मिलने - मिलाने के हसीं पलों को जीने का मौका देते हैं।'
दर्शकों की रुचि
टीवी अवार्ड शो के प्रति दर्शक भी आकर्षित होते हैं क्योंकि उनमें उन्हें अपने प्रिय सितारे के मौलिक व्यक्तित्व की झलक मिलती है। वे देख सकते हैं कि रियल लाइफ में उनके प्रिय सितारे अपने रील कैरेक्टर से कितने अलग या मिलते-जुलते हैं ।रोचक तथ्य है कि फिल्म अवार्ड शो से अधिक दर्शक टीवी अवार्ड शो को मिलते हैं। कौन अभिनेता किस अभिनेत्री के साथ है ? किन दो अभिनेत्रियों के बीच अनबन है ? किस अभिनेता की किस अभिनेत्री से नहीं बनती है ? इन सभी प्रश्नों के उत्तर दर्शक अवार्ड शो को करीब से निहारने के दौरान ढूंढते हैं। दर्शकों की इस जिज्ञासा के मद्देनजर अवार्ड शो बनाने वाले भी कैमरे के एंगल और सितारों के चेहरे के एक्सप्रेशन पर विशेष ध्यान देते हैं। कहा जा सकता है कि टेलीविज़न के अवार्ड शो सितारों को प्रोत्साहित और सम्मानित करने से अधिक दर्शकों को आकर्षित करने के लिए प्रसारित किए जाते हैं ताकि अधिकतम व्यावसायिक लाभ मिल सके ।
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