Tuesday, September 17, 2013

मेरे साथ 'पा' हैं...


फिल्मों में प्रवेश के बाद से ही रणबीर कपूर को उनके जीवन के सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति के साथ सिल्वर स्क्रीन पर देखने की उत्सुकता रही है। इस उत्सुकता पर जल्द ही विराम लगेगा जब 'बेशर्म' में रणबीर पिता ऋषि कपूर के साथ दिखेंगे। पिता-पुत्र की यह बहुचर्चित और प्रतिष्ठित जोड़ी पहली बार अभिनव कश्यप निर्देशित 'बेशर्म' में दर्शकों की कसौटी पर होगी। उल्लेखनीय है कि ऋषि और रणबीर इस फिल्म में पिता-पुत्र की भूमिका में नहीं नजर आएंगे। ऋषि कांस्टेबल चुलबुल चौटाला की भूमिका निभा रहे हैं,तो रणबीर चुलबुल के निशाने पर रहने वाले अल्हड़,निठल्ले,बेशर्म और नटखट युवक की भूमिका में हैं। ऋषि-रणबीर से पूर्व भी पिता-पुत्र की कई जोड़ियां अपने अनूठे तालमेल,आत्मीयता और आकर्षण से दर्शकों को मोहित कर चुकी हैं।

अमिताभ बच्चन-अभिषेक बच्चन
अमिताभ बच्चन और अभिषेक बच्चन मौजूदा दौर की सबसे प्रतिष्ठित,चर्चित और सफल पिता-पुत्र की जोड़ी है। जब भी दोनों  सिल्वर स्क्रीन पर साथ-साथ दिखते हैं,तो उनके चेहरे,व्यक्तित्व और हाव- भाव  की समानता दर्शकों को मोह-पाश में बांध लेती है। फिल्म में दोनों की साथ-साथ मौजूदगी दर्शकों को सिनेमाघरों में खींच लाने का माद्दा रखती है। हर रंग,ढंग और मिजाज की भूमिकाओं में पिता-पुत्र की इस जोड़ी ने दर्शकों का दिल जीता है।  'सरकार','सरकार राज' और 'कभी अलविदा न कहना' में पिता-पुत्र के रूप में या 'बंटी और बबली' में चोर-पुलिस..हर अंदाज में अमिताभ और अभिषेक की जोड़ी का जादू दर्शकों के सर चढ़कर बोला है। 'पा' में  अमिताभ-अभिषेक के निजी जीवन के रिश्ते की हुई अदला-बदली ने तो दर्शकों को भाव-विभोर कर दिया। अभिषेक और अमिताभ ने निजी जीवन के रिश्ते को परे रखकर यह चुनौती स्वीकारी थी। अमिताभ कहते हैं,'अभिषेक को मेरे पिता के किरदार में पेश करना बाल्की(निर्देशक) के दिमाग की सोच थी।उन्होंने पाया कि अभिषेक पर्दे पर मेरे पिता के किरदार को सही ढंग से निभा सकेंगे। उनका यह भी मानना था कि अभिषेक में यह क्षमता है। कलाकार के रूप में हम दोनों ने अपने-अपने किरदार निभाए। यहाँ पर यह बात कि वास्तविक जिंदगी में मैं अभिषेक का पिता हूँ और वे मेरे बेटे हैं, कोई मायने नहीं रखती।'

धर्मेन्द्र -सनी देओल/बॉबी देओल
धर्मेन्द्र अपने दोनों पुत्रों सनी देओल और बॉबी देओल के साथ जब भी साथ दिखते हैं उनका आपसी प्यार,स्नेह और समर्पण  सिल्वर स्क्रीन पर भी छलक जाता है। 'अपने' में सनी और बॉबी को जब धर्मेन्द्र ने अपने मजबूत बाजुओं में भरा,तो सिल्वर स्क्रीन पर  पिता-पुत्र के अटूट बंधन को अनूठी बानगी पेश हुई। पिता-पुत्र के रिश्ते का यह ताना-बाना 'यमला पगला दीवाना' और 'यमला पगला दीवाना 2' में भी दिखा। दरअसल, मौजूदा दौर में फिल्मों में धर्मेन्द्र की सक्रियता की बड़ी वजह उनके पुत्र सनी देओल और बॉबी देओल हैं। सनी और बॉबी की इच्छा से ही धर्मेन्द्र 'यमला पगला दीवाना' और 'यमला पगला दीवाना 2' में अभिनय करने के लिए तैयार हुए। हालांकि,धर्मेन्द्र यह भी मानते हैं कि सिर्फ पिता-पुत्र की जोड़ी किसी फिल्म को सफल बनाने का माद्दा नहीं रखती है। वे कहते हैं,' इसमें कोई शक नहीं है कि पिता-पुत्र की जोड़ी को पर्दे पर देखना ऑडियंस पसंद करती है, लेकिन फिल्म तो वही चलती है, जो दर्शकों को मजा देती है।'

सुनील दत्त-संजय दत्त
सुनील दत्त और संजय दत्त की मौजूदगी का दोहरा आकर्षण 'मुन्नाभाई एम बी बी एस' की कामयाबी का महत्वपूर्ण पहलू था। हालांकि,' मुन्नाभाई एम बी बी एस' में सुनील दत्त की संजय दत्त के पिता की छोटी भूमिका थी,पर जिन दृश्यों में पिता-पुत्र की यह जोड़ी दिखी वे दृश्य असरदार और यादगार बन गए। इस फ़िल्म में पहली बार सुनील दत्त और संजय दत्त एक साथ पर्दे पर नजर आए थे। हालांकि 'क्षत्रिय' और 'रॉकी' में भी सुनील दत्त और संजय दत्त ने साथ काम किया था,किसी भी  दृश्य में उनकी साथ-साथ मौजूदगी नहीं थी।

विनोद खन्ना-अक्षय खन्ना
पिता विनोद खन्ना ने पुत्र अक्षय खन्ना की उँगलियाँ थामकर उन्हें फ़िल्मी डगर पर चलना सिखाया। बतौर अभिनेता पहली फिल्म 'हिमालय पुत्र' में विनोद खन्ना की मौजूदगी ने अक्षय खन्ना का हौसला ही नहीं बढ़ाया, बल्कि हिंदी फिल्मों को पिता-पुत्र की एक और आकर्षक जोड़ी से नवाजा।

उम्मीद है,भविष्य में भी निजी जीवन में पिता-पुत्र की भूमिका निभाने वाले दो कलाकार यूं हीं एक-दूसरे के साथ अलग रंग और मिजाज की भूमिकाओं में हिंदी सिनेमा के पटल पर अवतरित होकर दर्शकों का मनोरजन करते रहेंगे...।

 पिता-पुत्र की वे जोडियां जिन्हें सिल्वर स्क्रीन पर देखने के लिए फिल्म प्रेमियों का इंतज़ार बरकरार है..

  • रितिक रोशन-राकेश रोशन (कोई मिल गया में दोनों मौजूद,पर किसी दृश्य में साथ नहीं)
  • जितेन्द्र-तुषार कपूर
  • शाहिद कपूर-पंकज कपूर


-सौम्या अपराजिता

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