Saturday, June 22, 2013

अभिनेता बने संचालक ...


संचालन की तरफ छोटे पर्दे के लोकप्रिय अभिनेता-अभिनेत्रियों का रुझान पिछले कुछ सालों में बढ़ा है।अवसर मिलने पर वे अभिनय का मोह छोड़कर  संचालन की बागडोर संभालने में गुरेज नहीं करते हैं।छोटे पर्दे के लोकप्रिय चेहरों के संचालन की तरफ बढ़ते रुझान का लाभ दर्शकों और कलाकारों दोनों को ही होता है।
एकरसता पर विराम
संचालन की बागडोर जब अभिनेता-अभिनेत्री संभालते हैं तो उनमें नयी ऊर्जा का संचार होता है। वे उत्साह और जोश से भर जाते हैं। धारावाहिकों में निभायी जा रही अपनी बंधी-बंधी भूमिकाओं से उन्हें कुछ दिनों का अवकाश मिल जाता है । उन्हें धारावाहिकों में अभिनय की एकरसता से विराम मिलता है।रागिनी खन्ना ने झलक दिखला जा और इंडियाज बेस्ट ड्रामेबाज की जिम्मेदारी इसीलिए संभाली थी। रागिनी कहती हैं,'ससुराल गेंदा फूल के बाद मुझे ब्रेक की जरुरत थी ताकि मैं नए सिरे अपने एक्टिंग करियर को कंटिन्यू कर सकूँ। यही वजह है कि मैंने एंकरिंग करना शुरू किया। अब मैं नए जोश के साथ फिर से धारावाहिकों में एक्टिंग के लिए तैयार हूं।'


व्यक्तित्व से परिचय
रियलिटी शो के मंच पर संचालक या संचालिका के रूप में दर्शकों का परिचय अपने प्रिय कलाकारों के व्यक्तित्व से होता है। धारावाहिकों में दर्शक अभिनेता-अभिनेत्री की ओन स्क्रीन छवि से परिचित होते हैं जबकि संचालक या संचालिका के रूप में दर्शकों के सामने उनके प्रिय अभिनेता-अभिनेत्री अपने वास्तविक रूप में होते हैं। निजी जीवन के उनके बोलने,चलने,उठने,बैठने का लहजा दर्शक महसूस कर पाते हैं ।करण कुंद्रा कहते हैं,'एंकर के रूप में जैसा हूं वैसा रह सकता हूं।बिना ज्यादा-सोचे-समझे अपनी बात सबके सामने रख सकता हूं।'


वक़्त का कम निवेश
अभिनेता-अभिनेत्रियों के लिए अच्छी बात यह भी है कि संचालन की जिम्मेदारी निभाने के लिए उन्हें अपने  वक़्त का निवेश कम करना पड़ता है। जहाँ धारावाहिकों की शूटिंग के लिए प्रत्येक दिन लगभग 16-17 घंटे गंवाने पड़ते हैं ,वहीं रियलिटी शो के संचालन के लिए सप्ताह के दो से तीन दिन ही सेट पर समय गुजारना पड़ता है।इंडियन आइडल जूनियर का संचालनकर रहे करण वाही कहते हैं,'ऐसा नहीं है कि एंकरिंग मुझे एक्टिंग से अच्छी लगती है,पर मुझे एंकरिंग के दौरान मिलने वाले फुर्सत के लम्हे हैं।मैं इस बात से खुश हूं कि जब से एंकरिंग कर रहा हूं तब से मुझे दुसरे कामों के लिए समय मिल रहा है।' ‘डीआईडी सुपर मॉम्स’ के संचालक जय भानुशाली कहते हैं,'मुझे 24 घंटे काम करना पसंद नहीं है। इसलिए एंकरिंग करना अच्छा लगता है, क्योंकि इसमें एक दिन काम करने के बाद कोई भी बाकी के 6 दिन आराम से सो सकता है।'
रुचि और अनुभव्
कलाकार हमेशा नए अनुभव का अवसर ढूंढते हैं। यही वजह है कि कई बार तो अभिनेता-अभिनेत्री सिर्फ अलग अनुभव के लिए संचालन का प्रस्ताव स्वीकार कर लेते हैं। करण वाही ने भी अनुभव के लिए संचालन का प्रस्ताव स्वीकार किया था। करण कहते हैं,'मैं कुछ अलग करना चाहता था इसलिए मैंने नच बलिये की एंकरिंग का ऑफर स्वीकार किया। अब मुझे एंकरिंग करना अच्छा लगने लगा है। जिस चीज़ को मैं एन्जॉय करता हूं उसे करने में बुरा क्या है।' इंडियाज डांसिंग सुपरस्टार का संचालन कर रहे रवि दुबे कहते हैं,'मैं लम्बे समय से एंकरिंग करना चाहता था। जब मुझे इंडियाज डांसिंग सुपरस्टार की एंकरिंग का मौका मिला तो मैंने बिना सोचे-समझे उसे स्वीकार कर लिया।'
-सौम्या अपराजिता

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