Sunday, August 18, 2013

क्योंकि विलेन भी कभी हीरो था ...

.-सौम्या अपराजिता
लम्बे अन्तराल के बाद हिंदी फिल्मों का दमदार और जोरदार विलेन लौट आया है। एक बार फिर विलेन की हुंकार से सिल्वर स्क्रीन थर्राने लगा है। फिर से विलेन ने स्क्रीन पर खौफ का माहौल कायम कर दिया है। फर्क बस इतना है कि आज जिस विलेन ने हीरो के नाक में दम कर रखा है ...वह  पहले कभी हीरो हुआ करता था। 

लौट आया विलेन
कुछ समय पहले तक ऐसा लग रहा था ..मानो हिंदी फिल्मों का पारंपरिक विलेन कहीं गुम-सा हो गया है। .. पर पिछले कुछ अर्से से उसके वापस लौटने के संकेत मिल रहे हैं। इसकी बड़ी वजह विलेन की भूमिका की तरफ मुख्य धारा के अभिनेताओं का बढ़ता रुझान है। गौर करें तो इन दिनों ऐसे अभिनेता विलेन की भूमिका की और आकर्षित हो रहे हैं जो पहले दर्शकों के प्रिय हीरो हुआ करते थे। जो पहले हीरो बनकर विलेन का सामना किया करते थे आज वे विलेन बनकर हीरो को नाकों चने चबवा रहे हैं। ऋषि कपूर हो या संजय दत्त या फिर जैकी श्रॉफ....सभी ने हीरो से विलेन का चोगा पहन लिया है। अर्थात् कल का हीरो आज विलेन बन गया है।

बढ़ता रुझान
ऋषि कपूर ने जब पहली बार 'अग्निपथ' में रउफ लाला की नकारात्मक भूमिका का प्रस्ताव स्वीकारा था तब उन्हें स्वयं यकीन नहीं था कि वे पर्दे पर प्रभावी विलेन लग पाएंगे। विलेन की भूमिका के प्रति ऋषि की शुरूआती हिचकिचाहट दूर हुई जब उन्हें नकारात्मक भूमिका के लिए दर्शकों और फिल्म विशेषज्ञों की सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली। ' ऋषि कपूर की ही तरह अग्निपथ' में संजय दत्त  भी कांचा चीना की भूमिका में डरावने लगे। उनके कुटिल हाव-भाव देखने के बाद दर्शकों को उनमें प्रभावी विलेन की झलक दिखी। उसके बाद तो बड़े-बड़े निर्माता-निर्देशक संजय दत्त में अपनी फिल्मों के विलेन की छवि देखने लगें। संजय पहले भी 'खलनायक' में प्रभावी नकारात्मक भूमिका निभा चुके हैं। संजय दत्त के समकालीन जैकी श्रॉफ भी विलेन की भूमिका में पिछले कुछ अर्से से अपना दम दिखा रहे हैं। ऐसा नहीं है कि ऋषि,संजय और जैकी सिर्फ विलेन की भूमिका निभा रहे हैं,पर निश्चित रूप से विलेन की भूमिका की और उनका रुझान अपेक्षाकृत अधिक है।

बेहतर विकल्प
उम्र के ढलान पर आम तौर पर हिंदी फिल्मों के मुख्य धारा के अभिनेताओं को प्रभावशाली भूमिकाएं कभी-कभी ही मिलती है। कभी हीरो की भूमिका निभा चुके इन अभिनेताओं को चरित्र भूमिकाएं सौंपी जाती है। सामान्यतया ये भूमिकाएं कुछ दृश्यों में ही सिमट जाती हैं। ऐसे में, प्रभावशाली भूमिकाओं की तलाश में भटक रहे अभिनेताओं को जब हीरो के सामानांतर विलेन की भूमिका का प्रस्ताव मिलता है,तो वे उसे स्वीकार करने में देर नहीं लगाते। विलेन की भूमिका में उन्हें बेहतर विकल्प नजर आता है। यही वजह है कि विलेन की भूमिका को प्रभावी बनाने के लिए वे हर संभव प्रयास करते हैं। उनके इसी प्रयास के कारण कई बार हीरो पर विलेन भारी पड़ने लगता है। 'अग्निपथ','औरंगजेब' और 'डी डे' में विलेन की भूमिका निभा चुके ऋषि कपूर कहते हैं,' एक एक्टर के रूप में मेरे लिए यह बेहद मजेदार वक्त है। मैं दूसरों के बारे में नहीं जानता, लेकिन मैं यहां हर पल का लुत्फ ले रहा हूं। एक एक्टर के रूप में मैं खूब प्रयोग कर रहा हूं। मैं खुद को विलेन नहीं कहता। मैं खुद को अदाकार कहता हूं जो अलग अलग किरदार करने की चुनौतियां ले रहा है।'

प्रयोग के लिए
कई बार खुद को प्रयोगधर्मी साबित करने के लिए भी हीरो विलेन बन जाते हैं। शाहरुख़ खान ने 'डर' और 'अंजाम' के बाद 'डॉन' सीरीज की पिछली दो फिल्मों में ऐसा ही किया। हाल-फिलहाल की बात करें तो अर्जुन रामपाल ने 'रा.वन' में और अक्षय कुमार ने ' वन्स अपॉन अ टाइम इन मुंबई दोबारा' में विलेन बनकर बता दिया कि वे प्रयोग के लिए तैयार हैं।' वन्स अपॉन अ टाइम इन मुंबई दोबारा' के प्रचार अभियान के दौरान अक्षय कुमार ने बार-बार चीख-चीख कर कहा कि वे विलेन बन गए हैं। पहली बार अक्षय विलेन की भूमिका में दर्शकों के सामने आ रहे थे इसलिए वे फिल्म के प्रदर्शन से पहले खुद को विलेन के रूप में स्थापित करने का हर संभव प्रयास कर रहे थे। अक्षय कहते हैं,' मेरा मानना है कि नकारात्मक किरदार सबसे प्रभावी होता है। मुझे ‘विलेन’ पसंद हैं। वह लगातार 16 दृश्यों में पीटता है और सिर्फ एक दृश्य में मार खाता है।


हीरो-विलेन की मिटती दूरियां
स्क्रीन पर विचार और नैतिक मूल्यों के सन्दर्भ में हीरो के बीच मिटती दूरियों की वजह से भी अब हीरो विलेन बनने से नहीं कतराते हैं।  'धूम 3' में विलेन की भूमिका निभा रहे आमिर खान कहते हैं,'अब पर्दे पर खलनायकों के चरित्र में जबरदस्त बदलाव आया है। अब वे पहले जैसे नहीं रहे। पहले स्मगलर, अपराध सरगना और राजनेता खलनायक होते थे और दर्शक कह सकते थे कि वह उन्हें पसंद नहीं करते, लेकिन अब वैसा कोई स्पष्ट विभाजन नहीं है। अब उतने कट्टर नैतिक मूल्य भी नहीं रहे। अब चतुर और अवसरवादी होने गलत नहीं माना जाता। अब कोई विचार या नैतिक मूल्य काला या सफेद अथवा गलत या सही नहीं रहा।' आमिर 'धूम 3' में हीरो अभिषेक बच्चन के लिए परेशानी का सबब बनेंगे। विलेन को महिमामंडित करने वाले 'धूम' सीरीज की पूर्व की फिल्मों में जॉन अब्राहम और रितिक रोशन भी विलेन की भूमिका निभा चुके हैं।


और अब सुपर विलेन
'कृष 3 ' में विवेक ओबेरॉय का विलेन अवतार सुर्ख़ियों में है। कहा जा रहा है कि 'कृष 3' के सुपर विलेन के रूप में विवेक नया इतिहास रचने के लिए तैयार हैं। दरअसल,हीरो की प्रभावशाली भूमिका के अभाव में जब विवेक को राकेश रोशन ने 'कृष 3 ' में विलेन की भूमिका सौंपी,तो विवेक को उसे स्वीकारने में कोई हिचकिचाहट नहीं हुई। पिछले दिनों 'कृष 3' की पहली झलक पेश करने के दौरान 'कृष 3' के हीरो रितिक रोशन ने कहा था,' कृष 3 के लिए जब हमने सुपरविलेन की खोज की तो हमारे जहन में पहला औऱ आखिरी नाम केवल विवेक ओबरॉय का ही था। विवेक ने फिल्म में जबरदस्त काम किया है जिसे लोग लंबे समय तक याद रखेंगे।' संभव है कि विलेन बनने के बाद विवेक की किस्मत बदल जाए और वे एक बार फिर दर्शकों को प्रभावित करने में सफल हो जाए। यदि ऐसा होता है,तो हिंदी फिल्मों को एक और ऐसा दमदार विलेन मिल जाएगा जो कभी हीरो था .....। 

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