Friday, October 17, 2008

कंगना का समर्पण

-सौम्या अपराजिता

कंगना राणावत इन दिनों 'फैशन' को लेकर उत्साहित भी हैं और 'फैशन' के प्रति समर्पित भी। पिछले दिनों 'फैशन' में अपनी भूमिका के प्रति कंगना के समर्पण से निर्देशक मधुर भंडारकर न केवल प्रभावित हुए बल्कि चौंक भी गए।
घटनाक्रम कुछ यूं था कि 'फैशन' की एडिटिंग में व्यस्त होने के कारण मधुर ने अपने असिस्टेंट डायरेक्टर को एक घंटे के लिए डबिंग की प्रक्रिया संभालने का कार्यभार सौंपा था। इस दौरान कंगना को अपने हिस्से का संवाद डब करना था। आमतौर पर एक फिल्म की डबिंग में एक आर्टिस्ट को तीन से चार दिनों का समय लगता है। चूँकि, डबिंग के दौरान रचनात्मक और भावात्मक रूप से पुन: उस कैरेक्टर में स्वयं को ढालने का नए सिरे से प्रयास करना पड़ता है, इसलिए कलाकार डबिंग की प्रक्रिया को कुछ दिनों का वक्त देते हैं। 'फैशन' की एडिटिंग की प्रक्रिया से फुरसत मिलने पर जब मधुर डबिंग स्टूडियो पहुँचे, तो उन्होंने देखा कि कंगना ने केवल एक बड़े हिस्से की डबिंग पूरी कर ली थी। कंगना के इस समर्पण से प्रभावित होकर मधुर ने उनसे कुछ पलों का विराम लेने की पेशकश की, पर कंगना तो डबिंग में ही मगन थी। एक दिन में ही कंगना ने 'फैशन' में अपने हिस्से की डबिंग पूरी कर डाली। कंगना के इस समर्पण से प्रभावित मधुर कहते हैं,' 'फैशन' में कंगना की भूमिका बेहद भावनात्मक है इसलिए मैंने सोचा था कि डबिंग में उन्हें काफी समय लग सकता है, पर एक दिन में डबिंग पूरी करके कंगना ने तो मुझे चौंका दिया था।'
उम्मीद है,'फैशन' में कंगना द्वारा निभायी जा रही भूमिका का दर्द उनकी आवाज में भी दर्शकों को शिद्दत से महसूस होगा और दर्शक भी कंगना के समर्पण से प्रभावित होंगे।

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