Monday, July 8, 2013

अभी-अभी तो एक्टर बना हूं

-सौम्या अपराजिता 

फ़िल्मी दुनिया में वे रचे-बसे हैं। उनका बचपन फ़िल्मी गलियारे में खेलते-कूदते बीता हैं। वे किसी अभिनेता या अभिनेत्री के पुत्र नहीं,बल्कि निर्माता कुमार तौरानी के सुपुत्र हैं -गिरीश कुमार। प्रभुदेवा निर्देशित और कुमार तौरानी निर्मित 'रमैया वस्तावैया' से गिरीश हिंदी फिल्मों में बतौर अभिनेता अपने सफ़र की शुरुआत कर रहे हैं। गिरीश से बातचीत-
अभिनेता बनने की इच्छा कब और कैसे मन में जागी?
-जब मैं पैदा हुआ था तब से ही एक्टर बनना चाहता था। हा! हा!

आपके पिता का फिल्म निर्माता होना तो इसकी वजह नहीं  ?
- एक्टर  इसलिए  बनना चाहता था क्योंकि बचपन से ही फिल्म के प्रति पैशन था। सोच रखा था कि कुछ करना है फिल्म में। बतौर एक्टर ही कुछ करने की इच्छा थी। फादर प्रोडूयूसर  है तो फायदा तो होता ही है। हमारा ' ब्रेड एंड बटर' भी यही है। हम फिल्मों में ही काम करते हैं। हम जानते हैं कि इंडस्ट्री किस तरह काम करती है। पापा का फिल्म प्रोड्यूसर होना मेरे एक्टर बनने की वजह नहीं थी,पर यह एडवांटेज जरुर था।

लेकिन कई बार यह एडवांटेज प्रेशर भी बन जाता है?
-जी हां। आप सच कह रही हैं। ...लेकिन अंत में तो  हमारी फिल्म मैटर करती है। मेरे फादर ने मुझे मौका जरुर दिया पर इस मौके को  हासिल करने के लिए मुझे मेहनत  भी करनी पड़ी। मेरा ऑडिशन हुआ था प्रभु सर के साथ। आखिर मुझे अपना नाम खुद ही बनाना पड़ेगा। ऑडियंस एक एक्टर के रूप में मेरा काम अलग से देखेगी और प्रोड्यूसर  का काम अलग से देखेगी। दोनों एक बात नहीं है। जब फिल्म आएगी तो लोगों को दिखेगा कि गिरीश ने  बहुत मेहनत  की है। हाँ यह सच है कि  काफी लोग जानते हैं कि मैं  प्रोडूसर का बेटा हूं। ... उस नजरिये से थोडा प्रेशर बढ़ जाता है।

'रमैया वस्तावैया' को ही आपने अपनी फिल्म के रूप में क्यों चुना?
-'रमैया वस्तावैया' फॅमिली फिल्म है जिसे बच्चे से लेकर दादा-दादी देख सकते हैं। बहुत ही क्लीन फिल्म है।इसमें एम्बरेसिंग और एक्शन सीन नहीं है। जो फिल्म देखने जाएगा उसे  मजा आयेगा। उन्हें अपनी नजर हटाने की जरुरत नहीं पड़ेगी क्योंकि पूरी फिल्म फॅमिली बेस्ड है। मुझे लगता है काफी अरसे बाद एक फॅमिली फिल्म आ रही है। बहुत ही इंडियन फिल्म है। इसमें हम दिखाते हैं कि कैसे एक मॉडर्न लड़का अपने इंडियन रूट्स पर वापस जाता है। आमतौर पर उल्टा होता है कि प्यार में पड़ने के बाद लड़का-लड़की मॉडर्न हो जाते हैं पर रमैया वस्तावैया में ऐसा नहीं है। 


'रमैया वस्तावैया' का नायक कैसा है? क्या आपसे मिलता-जुलता है?
-राम बहुत ही लाउड और रहस्यमयी लड़का है। बहुत एनर्जी है उसमें।उछल-कूद बहुत करता है। मैं वैसा नहीं हूँ।इतनी एनर्जी मुझमें नहीं है। ..लेकिन मुझे यह जरूर लगता है कि सच्चे प्यार के लिए मैं भी राम की तरह किसी भी हद तक  जा सकता हूँ। 

प्रभुदेवा का' रमैया वस्तावैया' से जुड़ना कैसे हुआ ?
-एक्चुअली क्या हुआ था कि  हमारे  राइटर हैं ने डैड को सजेस्ट किया था कि  अगर प्रभु सर गिरीश को लांच करेंगे तो कैसा रहेगा? उनकी बात सुनकर  हम लोग तो बेहद खुश हो गए। उन्होंने तभी 'वांटेड' दी थी। हमने उन्हें साइन कर लिया। उनके साथ काम करके बहुत मजा आया। उन्होंने बहुत धैर्य के साथ मेरे साथ काम किया। बहुत प्यार से काम करवाया 

फिल्म की झलकियों में आपकी और श्रुति हासन की पेयरिंग को पसंद किया जा रहा है। श्रुति का साथ कैसा रहा?
-मुझे भी ऐसी फीडबैक मिल रही है। श्रुति के साथ मेरी पेयरिंग को काफी पसंद किया जा रहा है। श्रुति की कास्टिंग डैड और प्रभु सर ने की थी। हम लोग पहले सोच रहे थे कि किसी नयी लड़की को पेयर करेंगे,लेकिन प्रभु सर ने श्रुति का काम साउथ में देखा था तो उन्हें लगा था की हमारी पेयरिंग बहुत अच्छी लगेगी। श्रुति के साथ काम करना बहुत ही इजी था। वे बेहद प्रोफेशनल हैं।

चूंकि,'रमैया वस्तावैया' आपकी होम प्रोडक्शन की फिल्म है,तो ऐसे में फिल्म की मेकिंग के दौरान एक्टिंग के अतिरिक्त आपका कोई और इनपुट भी रहा?
-मैं बतौर एक्टर सेट पर जाता था। प्रभु सर चाहते थे कि  मैं प्रोडक्शन का हिस्सा नहीं बनूँ। मुझे कुछ पता भी नहीं था कि प्रोडक्शन में क्या-क्या हो रहा है? मैं सिर्फ एक एक्टर के रूप में सेट पर जाता था और अपना काम करता था। 

भविष्य के बारे में कुछ सोचा है?
-अभी तो पहली फिल्म की है। अभी-अभी तो एक्टर बना हूँ, तो थोड़े साल तो एक्टर ही बना रहूँगा। 

लेकिन पिता की विरासत संभालने की  जिम्मेदारी पुत्र की ही होती है?
-अभी तो प्रोडक्शन से जुड़ने के बारे में नहीं  सोचा  है। डैडी अपनी तरफ से हमारी प्रोडक्शन कम्पनी को बहुत अच्छी तरह हैंडल कर रहे हैं,तो मेरा काम अभी सिर्फ एक्टिंग में फोकस करना है।

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