-सौम्या अपराजिता
हिंदी फिल्मों में वाणी कपूर के सफ़र का अभी आगाज भी नहीं हुआ है और उन्होंने दक्षिण भारतीय फिल्मों का रुख कर लिया। सुशांत सिंह राजपूत और परिणिती चोपड़ा अभिनीत 'शुद्ध देसी रोमांस' से हिंदी फिल्मों में पदार्पण कर रही वाणी यशराज फिल्म्स की सफल फिल्म 'बैंड बाजा बारात' के तमिल संस्करण में मुख्य भूमिका में निभाएंगी। वाणी से पूर्व भी हिंदी फिल्मों की अभिनेत्रियाँ दक्षिण भारतीय फिल्मों में अभिनय का रंग भरती रही हैं। कई अभिनेत्रियों ने तो तमिल,तेलुगु,मलयालम और कन्नड़ फिल्मों में बेहतर अवसर,पारिश्रमिक ,सफलता और लोकप्रियता हासिल करने के बाद हिंदी फिल्मों का दामन ही छोड़ दिया है। अब वे दक्षिण भारतीय फिल्मों में पूरी तरह रम गयी हैं।
'तेरे मेरे सपने' में अरशद वारसी के साथ अभिनय के सफ़र का आगाज़ करने वाली सिमरन तमिल फिल्मों में लेडी सुपरस्टार की उपाधि से सम्मानित हैं। पंजाबी परिवेश में पली-बढ़ी सिमरन तमिल-तेलुगु फिल्मों की स्टार अभिनेत्री हैं। हिंदी फिल्मों में सफलता और बेहतर अवसर नहीं मिलने के कारण सिमरन ने दक्षिण भारतीय फिल्म इंडस्ट्री का रुख कर लिया था । ऐश्वर्या राय और विवेक ओबेरॉय के साथ ' क्यों हो गया ना' में अभिनय का अवसर पाकर काजल अग्रवाल ने सोचा था कि वे हिंदी फिल्मों में जल्द ही अपनी पहचान बना लेंगी,पर ऐसा नहीं हुआ। आखिरकार उन्हें दक्षिण का रुख करना पड़ा। धीरे-धीरे काजल तमिल -तेलुगु फिल्मों की लोकप्रिय अभिनेत्री बन गयीं। दक्षिण भारतीय फिल्मों में काजल की लोकप्रियता के मद्देनजर उन्हें एक बार फिर हिंदी फिल्मों के दर्शकों को लुभाने का अवसर मिल रहा है। काजल कहती हैं,'मैंने साउथ फिल्म इंडस्ट्री से बहुत कुछ सीखा है। तमिल और तेलुगू में इक्कीस फिल्में कर चुकी हूं। मुझे नहीं लगता कि एक्टिंग के लिए किसी लैंग्वेज की जरूरत नहीं होती। एक्टिंग आप हिंदी में भी कर सकते हो और साउथ की लैंग्वेज में भी। मेरे लिए साउथ का एक्सपीरिएंस बहुत फायदेमंद रहा है। भविष्य में भी साउथ की फिल्में जारी रखूंगी।' काजल की ही तरह तमन्ना भाटिया ने भी हिंदी फिल्मों से होते हुए दक्षिण भारतीय फिल्म इंडस्ट्री का रुख किया। पहली फिल्म 'चाँद सा रोशन चेहरा' की असफलता के बाद तमन्ना ने तमिल-तेलुगु फिल्मों का दामन थामा। वहां अपनी लोकप्रियता का परचम लहराने के बाद तमन्ना ने एक बार फिर हिंदी फिल्मों का रुख किया। अजय देवगन के साथ 'हिम्मतवाला' के बाद अब वे अक्षय कुमार की 'इट्स एंटरटेनमेंट' में अभिनय आकर रही हैं। सिमरन,काजल अग्रवाल और तमन्ना भाटिया की ही तरह जेनेलिया डिसूजा ने हिंदी फिल्मों में मिली प्रारम्भिक असफलता के बाद दक्षिण भारतीय फिल्म इंडस्ट्री की राह पकड़ी और वहां सफलता प्राप्त करने के बाद एक बार फिर हिंदी फिल्मों में नए सिरे से अपने सफ़र की शुरुआत की। हिंदी फिल्म 'लक' से अभिनय की दुनिया में कदम रखने वाली श्रुति हासन हिंदी फिल्मों के साथ-साथ तमिल-तलुगु फिल्मों में सक्रिय हैं। हालाँकि श्रुति का तमिल फिल्मों से जुड़ना उनकी पृष्ठभूमि की वजह से भी है। उनके पिता कमल हासन तमिल फिल्म इंडस्ट्री के स्थापित,सफल और लोकप्रिय अदाकार,निर्माता और निर्देशक हैं।
दक्षिण भारतीय फिल्मों से हिंदी फिल्मों की अभिनेत्रियों की बंधती डोर का परिणाम है यामि गौतम जैसी नवोदित और प्रशंसित अभिनेत्री की तमिल फिल्मों में व्यस्तता। 'विक्की डोनर' में अपने स्वाभाविक अभिनय से दर्शकों का दिल जीत चुकी यामि हिंदी फिल्मों से अधिक दक्षिण की फिल्मों में व्यस्त हैं। जहां उन्होंने सिर्फ एक हिंदी फिल्म 'अमन की आशा' साइन की है वहीं वे दो तमिल,तीन तेलुगु और दो मलयालम फिल्मों में अभिनय कर रही हैं। अक्षय कुमार और जॉन अब्राहम अभिनीत फिल्म 'गरम मसाला' से फ़िल्मी सफ़र की शुरुआत करने वाली नीतू चंद्रा भी पिछले कुछ अर्से से दक्षिण भारतीय फिल्मों में अत्यधिक व्यस्त हैं। हालाँकि उन्होंने हिंदी फिल्मों का दामन पूरी तरह नहीं छोड़ा है,पर इन दिनों वे तमिल फिल्मों की तरफ अधिक मुखातिब हैं। इस वर्ष उनकी दो तमिल फिल्में प्रदर्शन के लिए तैयार हैं। दक्षिण भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में स्थापित होने के बाद भी नीतू ने हिंदी फिल्मों से खुद को पूरी तरह दूर नहीं किया है। वहीं .. हंसिका मोटवानी ने तो हिंदी फिल्मों से जैसे सम्बन्ध विच्छेद ही कर लिया हो।हिमेश रेशमिया के साथ 'आपका सुरूर' में हंसिका ने पहली बार नायिका की भूमिका निभायी थी। उसके बाद उन्होंने दो-तीन हिंदी फिल्मों में अभिनय के बाद दक्षिण भारतीय फिल्मों का रुख कर लिया और वहीं की होकर रह गयीं। अब हंसिका हिंदी फिल्मों की राहों पर नहीं चलना चाहती हैं। हंसिका कहती हैं,'तमिल और तेलुगु फिल्मों में मेरी अच्छी पहचान हो गयी है। मुझे अब हिंदी फिल्मों में काम करने की इच्छा नहीं है।हिंदी फिल्मों में एक फिल्म के लिए मुझे कम से कम सात लाख और अधिक से अधिक पच्चीस लाख मिलते थे,पर तमिल-तेलुगु फिल्मों में मुझे बहुत अच्छा पारिश्रमिक मिलता है।साथ में तमिल औत तेलुगु फिल्मों में मुझे अच्छे कैरेक्टर निभाने के मौके भी मिलते हैं।'
सलमान खान के साथ 'लकी' में पहली बार सिल्वर स्क्रीन पर दस्तक देने वाली स्नेहा उल्लाल हिंदी फिल्मों से गायब हैं,पर तेलुगु फिल्मों के दर्शकों के लिए वह आज भी सिनेमाघरों में उपलब्ध हैं। पिछले कई सालों में तेलुगु फिल्मों में स्नेहा ने अपनी खूबसूरती और अभिनय का जादू चलाया है और अब वे तेलुगु फिल्मों की सफल अभिनेत्री बन चुकी हैं । हिंदी फिल्मों में ग्लैमर की गुड़िया बनकर दर्शकों को प्रभावित करने की समीरा रेड्डी की कोशिश नाकाम रही,तो उन्होंने बेहतर अवसर की तलाश में दक्षिण भारत का रुख कर लिया। अब वे तमिल,तेलुगु और कन्नड़ फिल्मों का लोकप्रिय चेहरा बन गयी हैं। 'हम हो गए आपके' और 'मालामाल वीकली' जैसी फिल्मों में अभिनय कर चुकी रीमा सेन इन दिनों तमिल और तेलुगु फिल्मों में अभिनय का रंग भर रही हैं।हिंदी फिल्मों में प्रारंभिक असफलता के बाद दक्षिण का रुख करने वाली अभिनेत्रियों के विषय में अपनी राय व्यक्त करते हुए फिल्म विशेषग्य कोमल नाहटा कहते हैं,' साउथ की एक्ट्रेस हिंदी फिल्मों में आती हैं,तो हिंदी फिल्मों की एक्ट्रेस भी साउथ में जाती हैं और सक्सेसफुल भी होती हैं। इस तरह साउथ फिल्म इंडस्ट्री और हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के बीच अच्छा तालमेल बन रहा है।'
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