-सौम्या अपराजिता
'इशकजादे' का परमा जल्द ही सिल्वर स्क्रीन पर दो नए रूप में नजर आयेगा जिसमें एक सुलझे और समझदार विशाल का है तो दूसरा रूप लोभी और महत्वाकांक्षी अजय का। ये दोनों ही रूप दर्शक एक ही फिल्म 'औरंगजेब' में देख पाएंगे। 'इशकजादे' में परमा की भूमिका का सजीव चित्रण कर दर्शकों का दिल जीतने के बाद अर्जुन कपूर एक बार फिर अपनी अभिनय प्रतिभा साबित करने के लिए सिल्वर स्क्रीन पर दस्तक देने जा रहे हैं। अर्जुन से बातचीत-
-बहुत लोग नहीं जानते हैं कि 'औरंगजेब' मुझे 'इशकजादे' के पहले ऑफर हुई थी। मतलब 'इशकजादे' की रिलीज़ से पहले ऑफर हुई थी। आदित्य चोपड़ा जैसा इंसान अगर आपको यकीन दिलाता है कि आप डबल रोल प्ले कर सकते हैं तो बहुत एक्साइटमेंट होती है। उनको लगता है कि मैं इस काबिल हूं। जब मैंने 'औरंगजेब' स्क्रिप्ट पढ़ी तो मुझे लगा कि यह ऐसी पिक्चर बहुत कम बनती है ...जो अंडरवर्ल्ड ड्रामा हो और गुडगाव पर बेस्ड हो । एक एक्टर के रूप में 'औरंगजेब' मुझे बेहद इंटरेस्टिंग लगी।
आपकी पहली फिल्म 'इशकजादे' हिट रही। दर्शकों की उम्मीदें आपसे बढ़ गयी हैं।किसी तरह का दबाव आप महसूस कर रहे हैं?
-शूटिंग के समय तो कोई प्रेशर नहीं रहता है क्योंकि उस समय हमारा यही लक्ष्य होता है कि काम अच्छा होना चाहिए। आप जब प्रेस से बात करते हैं तब महसूस होता है कि लोग आपसे कितनी उम्मीद रखते हैं। लोगों की उम्मीद से दबाव नहीं महसूस होता है। उससे ख़ुशी होती है कि लोग आपको के लिए उत्साहित हैं। लगता है कि यही समय है जब मैं पहले से बेहतर करके लोगों को दिखा सकूं। जो मुकाम मैंने बनाया है,उससे आगे जा सकता हूं या कम से कम उस मुकाम को बरकरार रख सकता हूं ... लोगों को अगर यह देखने में रुचि है, तो यह अच्छी बात है।
'औरंगजेब' की शूटिंग के दौरान किस तरह की चुनौतियाँ आपने महसूस की? आपकी दोहरी भूमिका है इसलिए शूटिंग का अनुभव भी अलग रहा होगा ?
-मुश्किल थी,पर मैंने पूरी कोशिश की। देखना चाहता था कि मैं किस हद तक जा सकता हूं। मजा बहुत आया क्योंकि डायरेक्टर को पता था कि वे क्या बनाना चाहते हैं।
'इशकजादे' में जहां आप एकल भूमिका नजर आये थे, वहीं 'औरंगजेब' में आप दो भूमिका निभा रहे हैं। तुलनात्मक रूप से कितनी मुश्किल रही औरंगजेब की शूटिंग?
-'इशकजादे' में मेरा कैरेक्टर बचपना वाला था। वह गलती कर बैठता है जिसका पछतावा उसे बाद में होता है। जबकि 'औरंगजेब' में मेरा कैरेक्टर अजय एक अंडरवर्ल्ड गैंगस्टर है। वह अपने पिता के बिज़नस को टेकओवर करना चाहता है। वह एरोगेंट है ,शराबी है। किसी की कदर नहीं है उसे। वहीं पर मैं विशाल का भी किरदार निभा रहा हूं जो उसका हमशक्ल है। मेरे लिए चुनौती थी कि मैं दोनों किरदार अच्छी तरह निभा सकूँ।
ग्रे शेड की भूमिकाओं से आपका लगाव दिख रहा है। ऐसी भूमिकाएं आप सोचसमझ कर चुन रहे हैं या नैचुरली ऐसी भूमिकाएं आपके पास आती जा रही हैं?
-नैचुरली ऐसा हो रहा है। 'इशकजादे' में मेरा कैरेक्टर ग्रे शेड का था,पर वह पॉजिटिव था । हम सब में कहीं न कहीं ग्रे शेड है। हम सब में निगेटिव छवि होती है। 'औरंगजेब' में मेरा जो किरदार है उसे पता भी नहीं है कि वह कितना डार्क है। जब डबल रोल होता है तो यह नैचुरल है कि एक अच्छा होगा और दूसरा बुरा। ....तो मैंने यह जान-बुझ कर नहीं किया है कि लोगों का परसेप्शन बने की अर्जुन कपूर सिर्फ ग्रे शेड की भूमिका निभाता है।
क्या आप निजी जीवन में भी इस बात पर यकीन करते हैं कि 'बादशाहत में भाईचारा नहीं देखा जाता है'।
-मैं तो इसका उल्टा सोचता हूं। मैं तो भाईचारा के लिए बादशाहत भी ठुकरा सकता हूं।
'इशकजादे' से 'औरंगजेब' तक बतौर एक्टर आप खुद में बदलाव महसूस करते हैं?
-मुझे इसका अंदाज़ नहीं है कि मुझमें किस तरह के बदलाव हुए हैं। एक एक्टर के रूप में मुझे यह जरूर महसूस हुआ है कि 'इशकजादे' में हम सब नए थे। 'औरंगजेब' में दिग्गज कलाकारों के साथ काम करने का मौका मिला है एक एक्टर के रूप में मुझे अच्छे लोगों के साथ घुलने-मिलने का मौका मिला है, सीखने का मौका मिला है।
आप नयी पीढ़ी के प्रतिभावान अभिनेताओं की सूची में शुमार हैं। नयी पीढ़ी के प्रतिनिधि के रूप में आप फिल्म इंडस्ट्री को क्या देना चाहते हैं?
-पहले मैं फिल्म इंडस्ट्री में अपने पैर जमाना चाहता हूँ। यही कर लूं तो मेरे लिए बहुत है। अच्छी फिल्में करना चाहता हूं।लोगों का एंटरटेन करना चाहता हूं। लोगों को मुझे देखकर ऐसा लगना चाहिए कि यह लड़का अच्छा काम करता है। इंडस्ट्री को मैं अच्छा सिनेमा देना चाहता हूं।
'औरंगजेब' की मेकिंग के दौरान घटी कोई रोचक घटना जो आप हमारे पाठकों के साथ बाँटना चाहें?
-मेरे लिए बड़ा अजीब था कि ऋषि कपूर जिन्हें मैं अंकल कहता हूं उन्हें गाली देनी पड़ी। जिनकी इतनी इज्जत करता हूं,उनके साथ गाली-गलौज करनी पड़ी। मुझे डर था कि वे मेरी गाली गलौज को संभाल पाएंगे या नहीं।
औरंगजेब के बाद दर्शक आपको और किन फिल्मों में देखेंगे?
-'गुंडे' कर रहा हूं। यह यशराज बैनर की फिल्म हैं। 'गुंडे' में मेरे साथ प्रियंका चोपड़ा और रणवीर सिंह हैं। करन जोहर की फिल्म 'टू स्टेट्स' भी कर रहा हूं। फिलहाल तो दर्शक मुझे 'औरंगजेब' के बाद इन्हीं दो फिल्मों में देख पाएंगे।
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