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Friday, February 21, 2014

ज्यादा बात करना पसंद नहीं-यामी गौतम

चंडीगढ़ में पली-बढ़ी और पढ़ी सहज,सौम्य और शालीन यामी गौतम जब मायानगरी मुंबई आयी थीं,तो उन्हें यकीन नहीं था कि एक दिन ऐसा भी आएगा जब उनका नाम हिंदी फिल्मों की तेजी से उभरती हुई अभिनेत्रियों में लिया जाएगा।यामी ने नहीं सोचा था कि उनकी पहली ही फिल्म (विकी डोनर) इतनी सफल होगी। पहली फिल्म की सफलता के बाद दूसरी फिल्म का चयन करते समय उन्होंने धैर्य का परिचय दिया। यामी नहीं चाहती थीं कि सफलता के आगोश में आकर वे कुछ गलत निर्णय ले लें। इसलिए उन्होंने लंबे इंतज़ार के बाद 'टोटल स्यापा' को अपनी दूसरी हिंदी फिल्म के रूप में चुना। यामी की बातें उन्हीं के शब्दों में..

जल्दबाजी नहीं की
मैं ज्यादा अपनी फिल्मों के बारे में बात नहीं करती हूं। जब तक मैं किसी फिल्म से पूरी तरह नहीं जुड़ जाती हूं तब तक उसके बारे में बात करना पसंद नहीं करती हूं। जो फिल्म मुझे पसंद आयी उसी फिल्म को मैंने चुना। केवल फिल्मों में दिखने के लिए मुझे कोई फिल्म नहीं साइन करनी थी। ऐसा भी नहीं है कि मैं बहुत चूजी हूं। चूंकि, विकी डोनर की वजह से बहुत सक्सेस मिली थी इसलिए मैंने दूसरी फिल्म के लिए जल्दबाजी नहीं की। खुश हूं कि 'टोटल स्यापा' मेरी दूसरी हिंदी फिल्म है।

मजेदार ट्विस्ट और टर्न
'टोटल स्यापा' की सबसे खास बात है कि यह चौबीस घंटे की कहानी है। कैसे हम लोग सुबह से हँसते-खेलते दिन शुरू करते हैं! बीच में ऐसे ट्विस्ट और टर्न होते हैं जिससे रात होते-होते सब कुछ बदल जाता है! तो यह चौबीस घंटे के मजेदार कहानी है। मुझे यह कांसेप्ट बेहद इंटरेस्टिंग लगा। मुझे याद नहीं कि मैंने इस कांसेप्ट पर कोई हिंदी फिल्म देखी होगी। सिचुएशनल कॉमेडी है। ऐसा कुछ नहीं है कि हम फनी बनने की कोशिश कर रहे हैं। 'स्पेशल छब्बीस' और 'अ वेडनेसडे' के डायरेक्टर नीरज पांडे ने फिल्म लिखी है।

खूब मदद मिली
मैं आशा का किरदार निभा रही हूं। वह टीवी प्रेजेंटर है। पंजाबी फैमिली से है । इंडिपेंडेंट है। कॉंफिडेंट है। उसे एक पाकिस्तानी मुस्लिम लड़के से प्यार हो जाता है। यह मेरी पहली रोमांटिक कॉमेडी फिल्म है।शूटिंग से पहले तैयारी का यही मतलब है कि आप अपने कैरेक्टर को समझें,बार-बार स्क्रिप्ट पढ़ें। साथ ही,इम्प्रूवाइजेशन जरूरी है ताकि आप ऑन द स्पॉट चीजें कर सकें।  साथ ही,किरण जी (खेर) और अली (जफ़र) ने बहुत हेल्प की।डायरेक्टर ई निवास सर की मदद भी खूब मिली।

अच्छा माहौल
जैसा मैंने बताया कि कॉमेडी में यह मेरा पहला एटेम्पट है इसलिए अली का साथ बेहद मददगार रहा। उनकी कॉमिक टाइमिंग बेहद नेचुरल है। उनसे बहुत कुछ सीखने को मिला। काफी हेल्प मिलती है जब आपके को-एक्टर किसी काम में अच्छे होते हैं। हेल्दी एनवायरनमेंट बन जाता है। अली ने फिल्म के लिए बहुत अच्छी अलबम भी बनायी है। उनका म्यूजिक भी सबको अच्छा लगेगा।

मेंटल बैलेंस जरुरी
'विक्की डोनर' और ' टोटल स्यापा' के बीच काफी कुछ बदला है। विकी डोनर की इतनी बड़ी सक्सेस की उम्मीद नहीं थी। धीरे-धीरे मुझे अपने अगल-बगल की चीजों के बारे में पता चला। जब आप बाहर जाते हैं,इवेंट होते हैं,अवार्ड शो होते हैं..तो पता चलता है कि आज के टाइम में सिर्फ एक्टिंग मैटर नहीं करता है। और भी बहुत बातें है जिसपर ध्यान देना पड़ता है। उन सब चीजों पर ध्यान देते हुए किस तरह आप अपनी पहचान को बरकरार रखें..यह बहुत जरूरी है। ..तो विकी डोनर और टोटल स्यापा के बीच के समय में काफी-कुछ सीखने को मिला। समय का महत्त्व समझ में आया है। अपना मेंटल बैलेंस होना भी बहुत जरुरी है।

अपने बलबूते पर
मेरी फैमिली मुझे हंड्रेड परसेंट नहीं,बल्कि टू हंड्रेड परसेंट सपोर्ट करती है। फैमिली के सपोर्ट के कारण ही मुझमें इतना धैर्य आ पाया है। समय की कीमत समझ पायी हूं। सब बेहद खुश हैं कि आज मैं जो भी हूं,अपने बलबूते पर हूं। उन्हें इस बात की ख़ुशी है कि मैं अपने वैल्यूज के साथ काम कर रही हूं। जब मैं अपने पापा,मम्मी और भाई-बहन को खुश देखती हूं, तो मुझे भी ख़ुशी महसूस होती है।

एक और फिल्म
कुछ ही दिनों पहले 'एक्शन जैक्सन' की शूटिंग शुरू की है। अजय देवगन के अपोजिट हूं। इसके डायरेक्टर प्रभुदेवा हैं। यह फिल्म भी इसी साल रिलीज़ होगी।
-सौम्या अपराजिता