दिल्ली में पली-बढ़ी और पढ़ी वाणी कपूर को जब 'शुद्ध देसी रोमांस' की तारा की चारित्रिक विशेषताएं बतायी गयीं,तब वे असमंजस में पड़ गयीं। वाणी समझ नहीं पा रहीं थीं कि अपनी पहली फिल्म में किस तरह वे ऐसी लड़की की भूमिका निभाएंगी जिसके हाव-भाव और व्यवहार से वे बिलकुल इत्तेफाक नहीं रखती हैं। वाणी की सहायता निर्देशक मनीष शर्मा और सहकलाकार सुशांत सिंह राजपूत ने की। दोनों के सहयोग और समर्थन से वाणी 'शुद्ध देसी रोमांस' में तारा की भूमिका निभा पायीं। अपनी पृष्ठभूमि,पहली फिल्म और उससे जुड़े अनुभवों के विषय में वाणी ने हमें बताया। वाणी से बातचीत-
'शुद्ध देसी रोमांस' का सफ़र आपने कैसे तय किया?
-मैं दिल्ली से हूं। मै कॉमर्स की स्टूडेंट रही हूं। टूरिज्म स्टडीज भी की है। उसके बाद दिल्ली में मॉडलिंग कर रही थी। यहाँ मैं एक प्रिंट शूट के लिए आई थी तब मुझे शानु शर्मा (कास्टिंग डायरेक्टर) ने स्काउट किया । उन्होंने मेरा ऑडिशन लिया। ऑडिशन के बाद मैं दिल्ली चली गयी थी । उन्होंने वापस मुझे मुंबई बुलाया। मेरे साथ वर्कशॉप की। एक हफ्ता मेरे साथ बिताया। फिर मूवी के लिए एक और ऑडिशन लिया। उन्होंने मेरा ऑडिशन आदित्य चोपड़ा और मनीष शर्मा को दिखाया। उसके बाद मेरी मीटिंग मनीष के साथ हुई। उन्हें मेरा ऑडिशन बेहद पसंद आया। फिर ' शुद्ध देसी रोमांस' के कैरेक्टर तारा के लिए मनीष ने फिर से मेरी ऑडिशन ली। जब मैंने तारा के लिए ऑडिशन दिया तब जाकर वे मुझे लेकर श्योर हुए।
वाणी से तारा बनने के दौरान किस तरह की तैयारियों और चुनौतियों से गुजरीं?
-मुझे बहुत अच्छा लग रहा है तारा का रोल प्ले करके। पता नहीं करियर में तारा जैसा रोल प्ले करने का मौका फिर कब मिलेगा! तारा बहुत डिफरेंट कैरेक्टर है। ऐसा कैरेक्टर मैंने कभी फिल्मों में नहीं देखा है। मुझसे बहुत अलग है इसलिए बहुत चैलेंजिंग था मेरे लिए यह रोल प्ले करना। मैं खुश हूं कि तारा वाणी नहीं है।वरना ...मेरे लिए चैलेंजिंग नहीं होता। मुझे पहली ही मूवी में ऐसा कैरेक्टर परफॉर्म करने का मौका मिला है ,जो मुझसे मिलता-जुलता नहीं है। एक्सपेरिमेंटल है। पता नहीं..लोग कैसे तारा को देखेंगे!.लेकिन जहां तक मेरी बात है तो मैं खुश हूं कि मुझे इस कैरेक्टर के लिए चुना गया है।
तारा के बारे में कुछ बताएं।
-तारा में बहुत सेन्स है। वह मेच्योर है। आउटगोइंग है। स्ट्रेट फॉरवर्ड है। उसकी काफी ऐसी क्वालिटी हैं जिसे मैं अपने में भी देखना चाहूंगी। जिस तरह वो सिचुएशन को डील करती है वैसा मैंने कभी नहीं किया और न ही सोचा है कि ऐसा करना चाहिए।तारा का कैरेक्टर प्ले करने के बाद मुझे नया नजरिया मिल गया है । काफी कुछ सीखा है मैंने तारा से।
अभिनय से लगाव था या फिर अच्छे अवसर ने फिल्मों से आपको जोड़ दिया?
-मुझे फिल्में देखना पसंद था। हर तरह की फिल्में मुझे पसंद है। फिल्में मुझे तनाव दूर करने का सबसे अच्छा मीडियम लगती हैं। दर्शक के तौर पर खासकर यशराज की फिल्मों की मैं प्रशंसक थी। ऐसे में,जब मुझे यशराज फिल्म्स से जुड़ने का मौका मिला,तो मेरे लिए यह बहुत बड़ी डील थी। अगर मैं कनेक्ट कर पाऊं लोगों के साथ.. जिस तरह मैं दर्शक के तौर पर किसी कैरेक्टर से कनेक्ट कर पाती हूं तो मेरे लिए उससे बढ़कर कोई बात नहीं होगी।
यशराज फिल्म्स जैसे प्रतिष्ठित बैनर के साथ पहली फिल्म करना आपके लिए कितनी बड़ी उपलब्धि है?
-बहुत बड़ी उपलब्धि है। साथ ही जिम्मेदारी भी है। डर लगता है कभी-कभी! सोचती हूं कि मैं किसी को निराश न कर दूं। आदित्य चोपड़ा,शानू शर्मा और मनीष शर्मा ने मुझमें विशवास दिखाया है। मैं उनको निराश नहीं करना चाहती हूं। अभी मैं सीख रही हूं। यही उम्मीद करती हूं कि मैंने अपनी तरफ से जितनी भी कोशिश की है उसे लोग सराहें और मुझे भविष्य में अच्छे अवसर मिलें।
मनीष शर्मा आपके पहले निर्देशक हैं। उन्होंने आपकी कितनी मदद की?
-मनीष बहुत ही सुलझे हुए डायरेक्टर हैं।उनका नजरिया बेहद साफ़ है। उन्हें अच्छी तरह पता था कि तारा कैसी है? मुझे कभी इतना एक्सपोज़र नहीं था। मैंने तारा जैसी लड़की लाइफ में नहीं देखी थी इसलिए मनीष की मदद मेरे बहुत काम आई। मैं तारा के साथ रिलेट नहीं कर पाती थी। मुझे तारा का कैरेक्टर समझाने के लिए मनीष ने मेरे साथ काफी टाइम स्पेंड किया। उन्होंने मेरे साथ रीडिंग की।डिस्कशन किया। उनकी इस कोशिश के कारण मैं तारा के कैरेक्टर को समझ पायी।
सुशांत और परिणीति का साथ कैसा रहा?
-सुशांत और परिणीति बहुत टैलेंटेड एक्टर हैं। दोनों ने अपने आपको प्रूव किया है। दोनों की मैं बेहद रेस्पेक्ट करती हूं।सुशांत के साथ मैंने बहुत काम किया है,तो मैं सीखती रहती थी उससे। वह जब शॉट देता था तो मैं उसे देखकर सीखती थी और अपनी तरफ से बेहतर शॉट देने की कोशिश करती थी।
आपके परिवार को जब पता चला कि आपने यशराज फिल्म्स की नयी फिल्म साइन की है,तो उनकी क्या प्रतिक्रिया थी?
-सभी बहुत खुश हुए क्योंकि यशराज की फिल्म मैंने साइन की थी। मेरी फैमिली में सभी को यशराज की फिल्में पसंद हैं। ऐसे में जब उन्हें पता चला कि उनकी अपनी बेटी यशराज की फिल्म कर रही है तो वे बेहद उत्साहित हुए।
'शुद्ध देसी रोमांस' के अतिरिक्त किस तरह की गतिविधियाँ हैं आपकी। कुछ नया भी हो रहा है?
-अभी-अभी 'शुद्ध देसी रोमांस' पूरी की है। आगे के बारे में अभी कुछ पता नहीं है। मैं खुद को लिमिट करुंगी भी नहीं। उम्मीद है कि हर तरह की फिल्मों में सबके साथ काम करने का मौका मिलेगा।
प्रतिस्पर्धा काफी बढ़ गयी है। इस प्रतिस्पर्धा में खुद को बनाए रखने के बारे में आपने कुछ सोचा है?
-अभी तो मेरी शुरुआत है। मैं अपनी तरफ से बेहतर करने की कोशिश करती रहूंगी।
फिल्मों में प्रवेश की राह देख रही नयी अभिनेत्रियों को आप क्या सलाह देंगी?
-नए लोगों के लिए यह बेहतरीन वक़्त है। नए टैलेंट आ रहे हैं और उनका काम सराहा भी जा रहा है। अगर आपमें टैलेंट है,आप हार्ड वर्क कर रहे हैं और फोकस्ड हैं ...तो यह आपके लिए बहुत अच्छा समय है।
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