Friday, March 6, 2009

रोचक रहा हिना का सफर

[सौम्या अपराजिता]
हिना खान छोटे पर्दे के तेजी से लोकप्रिय होते चेहरों में एक हैं। स्टार प्लस के धारावाहिक ये रिश्ता क्या कहलाता है की इस खूबसूरत नायिका ने बहुत थोड़े से अंतराल में दर्शकों के बीच अपनी पहचान बना ली है। वे कहती हैं, पहले मैं बहुत नरवस थी कि क्या होगा? मेरा डेब्यू सीरियल है, पता नहीं दर्शकों को पसंद आएगा या नहीं? पर आज बेहद अच्छा लग रहा है।
दिल्ली की रहने वाली हिना के लिए ये रिश्ता क्या कहलाता है की अक्षरा बनने का सफर काफी रोचक रहा।
हिना बताती हैं, बेसिकली मैं दिल्ली में मैनेजमेंट की पढ़ाई कर रही थी। एक दिन मेरी दोस्तों ने बताया कि कॉलेज में किसी सीरियल के लिए ऑडिशन चल रहा है। चारों तरफ पोस्टर लगे थे, मैंने भी देखा। मुझे एक्टिंग में थोड़ा-थोड़ा इंटरेस्ट था इसलिए मैंने भी ऑडिशन दे दिया। ऑडिशन के बाद मैं भूल गयी थी कि एक दिन निर्माता राजन शाही का फोन आया कि आप चुन ली गयी हैं। यह सब मुझे सिंड्रेला की कहानी की तरह ही लग रहा था। ऐसा लग रहा था कि कहीं मैं सिंड्रेला तो नहीं? कुछ दिनों बाद मुंबई आयी और बन गयी ये रिश्ता क्या कहलाता है की अक्षरा। प्रारंभिक दिनों में हिना को अभिनय में कुछ कठिनाइयां आती थी। वे बताती हैं, पहले टेंशन रहता था कि मैं एक्टिंग कैसे कर पाऊंगी? वह भी लीड रोल। फिर मैंने घंटों तक स्क्रिप्ट रीडिंग करनी शुरू की। ये रिश्ता.. में शंकरी ताई की भूमिका निभा रही अदाकारा ने मुझे एक्टिंग के टिप्स दिए। वे सेट पर मेरी टीचर की तरह ही हैं। उनके मार्गदर्शन में मैंने धीरे-धीरे खुद को अक्षरा की भूमिका में ढाल लिया।
अक्षरा की भूमिका में पूरी तरह रम चुकी हिना कहती हैं, अक्षरा बेहद स्वीट-सी लड़की है। उसे पता नहीं है कि प्यार क्या होता है? शादी के बाद उसे उस प्यार का अहसास होता है। अक्षरा की भूमिका निभाने का अनुभव मेरे लिए काफी खास है। इसी बहाने मैं मारवाड़ी ट्रेडिशन से रू-ब-रू हो रही हूँ। अक्षरा और हिना में कितनी समानताएं हैं? पूछने पर हिना चेहरे पर हल्की-सी मुस्कुराहट लिए कहती हैं, बहुत सारी समानताएं हैं। अक्षरा की तरह ही मुझे भी अरेंज मैरिज से कोई प्रॉब्लम नहीं है। मैं भी शादी के बाद के प्यार को महत्व देती हूँ।
हिना अब अभिनय की दुनिया में ही अपना भविष्य तलाश रही हैं। छोटे पर्दे से बड़े पर्दे की ओर रूख करने की भी उनकी तमन्ना है। वे कहती हैं, बहुत सारे विकल्प हैं भविष्य के लिए। अभी तक तो सब कुछ अच्छा ही चल रहा है। देखते हैं, आगे क्या होता है?

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