Thursday, October 23, 2008

निराशा से उबरने की तैयारी में दीया

-सौम्या अपराजिता
रूपहले पर्दे को अपनी खूबसूरती और अभिनय से रोशन करने के इरादे के साथ हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में प्रवेश करने वाली दीया मिर्जा अपने फिल्मी कॅरियर की दिशा और दशा से काफी निराश हैं। वह इसलिए निराश हैं, क्योंकि अपने फिल्मी कॅरियर को अपनी इच्छानुरूप वे सँवार नहीं पायीं।
बड़े बैनर की फिल्मों में अभिनय करने का अवसर प्राप्त करने के बाद भी दीया के कॅरियर की नैया अभी भी मझधार में ही है। सात वर्ष पूर्व 'रहना है तेरे दिल में' से अपने कॅरियर की शानदार शुरूआत करने वाली दीया उदास होकर कहती हैं, मैंने बड़े बैनर, बड़े निर्माता-निर्देशकों और स्टार अभिनेताओं के साथ फिल्में की, पर वे बॉक्स ऑफिस पर विफल रहीं।
हम ऐसी इंडस्ट्री से संबंध रखते हैं, जहाँ चढ़ते सूरज को हर कोई सलाम करता है। यहाँ हर एक एक्टर को उसकी सफल फिल्मों से तोला जाता है न कि उसके टैलेंट से। उल्लेखनीय है कि दो-तीन फिल्मों को छोड़ दें, तो दीया की जितनी फिल्में अभी तक प्रदर्शित हुई हैं सभी में उनके हिस्से छोटी भूमिकाएं ही आयीं। इस कारण अपनी अभिनय प्रतिभा से दर्शकों को परिचित कराने के अवसर से वह वंचित रहीं।
हालांकि छोटी-छोटी भूमिकाओं में भी दीया की खूबसूरती के साथ-साथ उनका अभिनय-पक्ष भी दूसरे सह कलाकारों पर हावी रहा। दीया आहत हैं कि उन्हें हिंदी फिल्मों में अपनी प्रतिभा-प्रदर्शन के वैसे मौके नहीं मिल पाए जिनकी वे हकदार थीं।
खैर बीते सात वर्षो के अपने डूबते कॅरियर की निराशा से उबरने की तैयारी कर रही हैं, दीया। अपनी आने वाली फिल्मों एसिड फैक्ट्री, अलीबाग, किसान, जॉनी मस्ताना और फ्रूट एंड नट में सुनहरे भविष्य की झलक पा रही दीया कहती हैं, इन दिनों मैं जिन फिल्मों में अभिनय कर रही हूँ, उनसे मुझे संतुष्टि मिल रही है।
आने वाली फिल्मों में दर्शक मुझमें कई परिवर्तन देखेंगे। इस बार अपने कॅरियर को संवारने की पूरी तैयारी में हूँ और इसक लिए कड़ी मेहनत भी कर रही हूँ। दीवाली करीब है, उम्मीद है कि दीवाली के जगमगाते दीयों की तरह ही खूबसूरत और आकर्षक अभिनेत्री दीया का कॅरियर भी जगमगा उठे और उन्हें अपने हिस्से की उपलब्धियां अर्जित करने के मौके मिल जाएं।

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