कंगना रनोट की फिल्मों का मेला सिनेमाघरों में लगेगा जब कुछ अन्तराल पर ही एक-के-बाद एक उनकी चार फिल्में प्रदर्शित होंगी। शुरुआत होगी 'कृष 3' से। उसके बाद आएगी 'ऊँगली','क्वीन','रिवाल्वर रानी' और 'रज्जो'। ...तो अगले कुछ महीनों में सिल्वर स्क्रीन पर खूब खनकेगी कंगना।नवम्बर में प्रदर्शित हो रही 'कृष3' पर कंगना की विशेष नजर है। कंगना की नजर में उनके लिए स्पेशल फिल्म है 'कृष 3'। कंगना के अनुसार,' कृष 3' में मैंने सुपरवुमेन का किरदार निभाया है। यह किरदार मेरे लिए बेहद चुनौतीपूर्ण रहा। इस तरह का किरदार शायद ही किसी ने निभाया है।' गौरतलब है कि 'कृष3' में नकारात्मक भूमिका की जिम्मेदारी बखूबी निभाने के साथ-साथ कंगना ने अपने लुक पर भी विशेष परिश्रम किया है।
'कृष3' के बाद कंगना 'ऊँगली' में दर्शकों के सामने आएंगी। करण जौहर निर्मित 'ऊँगली' में इमरान हाश्मी और संजय दत्त कंगना के सहकलाकार हैं। रेंजिल डिसिल्वा के निर्देशन में बन रही 'ऊँगली' सोशल ड्रामा है। 'ऊँगली' के साथ ही कंगना की फ़िल्मी पोटली में केंद्रीय भूमिका वाली तीन फिल्में 'रिवाल्वर रानी','क्वीन' और 'रज्जो' हैं। इन तीनों ही फिल्मों में कंगना शीर्ष भूमिका निभा रही हैं। तीनों फिल्में कंगना द्वारा निभाई जाने वाली भूमिका के इर्द-गिर्द घूमती है। तिग्मांशु धुलिया निर्मित और साईं कबीर निर्देशित 'रिवाल्वर रानी' में कंगना एक्शन भूमिका में हैं,तो क्वीन में वे शादीशुदा युवती की प्रभावशाली भूमिका निभा रही हैं। वहीं 'रज्जो' में कंगना को दर्शक वेश्या की संवेदनशील भूमिका में देख पाएंगे। लेखक और 'रज्जो' के निर्देशक विश्वास पाटिल कहते हैं,'कंगना की खास बात यह है कि वे किसी भी रोल में घुस जाती हैं। वे रोल को पहले मन में बसाती हैं फिर प्ले करती हैं। वे जिद्दी भी हैं। उनका काम के प्रति समर्पण भी मुझे पसंद आया। वे अभिनेत्री कैसी हैं यह किसी को बताने की जरूरत नहीं है। वे बिंदास टाइप की भूमिका कर सकती हैं, यह मुझे पता था और वे इस रोल के लिए मेरी पहली और आखिरी पसंद थीं।'
'पिछले कुछ अर्से से कंगना के मन में मलाल था कि उन्हें निर्माता-निर्देशक एक-जैसी भूमिकाएं सौंप रहे थें। अब कंगना इस परेशानी से उबर चुकी हैं क्योंकि प्रभावशाली और महत्वपूर्ण भूमिकाओं की उनकी तलाश पूरी हो चुकी है। वह कहती हैं,'मेरे पास कभी भूमिकाओं की कमी नहीं रही, लेकिन उन्हें उनके मनपसंद रोल नहीं मिल रहे थे और कुछ खास तरह की भूमिकाएं ही मिल रही थीं।हर किसी का संघर्ष अलग-अलग तरह का होता है. कुछ लोगों को काम न मिलने के कारण संघर्ष करना पड़ता है, लेकिन मेरा संघर्ष यह था कि मुझे सही फिल्में नहीं मिल रही थीं।'
'छोटे शहर से फ़िल्मी पर्दे तक लोकप्रियता और सफलता का शानदार सफ़र तय करने के बाद भी कंगना के सपने अभी शेष हैं। वह कहती हैं,'मैंने अभी अपने सारे सपने पूरे नहीं किए हैं। मैं तीन-चार क्लासिक फिल्मों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाना चाहती हूं। भविष्य में डायरेक्शन करना चाहती हूं और दो बच्चों के साथ खुशहाल पारिवारिक जीवन बीतना चाहती हूं।' पिछले सात वर्षों से कंगना फिल्मों की दुनिया में रची-बसी हैं। कंगना के लिए फिल्में उनके व्यवसाय का हिस्सा नहीं,बल्कि कला प्रदर्शित करने का जरिया है। कंगना कहती हैं,' सिनेमा कला है। यह शाश्वत है। आप नहीं भी रहेंगे तब भी सिनेमा के कारण आप याद किये जाएंगे। सिनेमा में आपकी यादें सिमट जायेंगी। मैं सिनेमा को इस नजरिये से देखती हूं। सिर्फ पैसे कमाने,चुनिन्दा एक्टर और प्रोडूसर के साथ काम करने के लिए फिल्में नहीं करती हूं।'
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