मुख्य कलाकार : अजय देवगन, काजोल, दिव्या दत्ता, सुमित राघवन, करन खन्ना, ईशा शरवानी
निर्देशक : अजय देवगन
तकनीकी टीम : बैनर- इरोज इंटरनेशनल, संगीतकार- विशाल भारद्वाज, गीतकार- मुन्ना धीमन
जब हम किसी से प्यार करते हैं तो उसे उसकी कमियों के साथ स्वीकार करते हैं। यू मी और हम प्रेम के इसी मर्म से परिचित कराती है।
अजय देवगन ने बतौर निर्देशक अपनी पहली फिल्म के लिए ऐसी कहानी चुनी है, जिसमें वैवाहिक जीवन की सार्थकता को तरजीह दी गई है। यू मी और हम बताती है कि प्रेम किसी भी तर्क से परे है, यह जुनून है, दो आत्माओं का मिलन है।
अजय मेहरा और पिया की मुलाकात क्रूज पर होती है। अजय अपने प्रेम का इजहार पिया से करता है। इकरार-इनकार के दौर के बाद दोनों विवाह-बंधन में बंध जाते हैं। उनके खुशहाल वैवाहिक जीवन में तब समस्याएं आती हैं जब अजय को पता चलता है कि पिया अल्जाइमर्स (भूलने की बीमारी) से पीडि़त है। इसी बीच दोनों के जीवन में उनका बेटा अमन आशा की किरण बनकर आता है। इधर, पिया की बीमारी गंभीर होती जाती है और अजय भी आहत होकर ऐसा फैसला लेता है जिससे वह स्वयं इत्तफाक नहीं रखता है। आवेश और मजबूरी में उठाए गए अपने कदम से अजय दुखी है। वक्त के साथ अजय को गलती का अहसास होता है और पिया पुन: उसके जीवन में प्रवेश करती है।
पिया और अजय की प्रेम कहानी यथार्थ के धरातल पर बुनी गई है। यू मी और हम का कोई भी दृश्य वास्तविकता से परे नहीं लगता है। हालांकि, शुरूआती लम्हों में फिल्म साधारण लगती है, लेकिन दृश्यों की तारतम्यता की बदौलत धीरे-धीरे प्रभावी होती जाती है।
अल्जाइमर्स जैसी गंभीर बीमारी से पीडि़त पिया की भूमिका को काजोल ने जीवंत कर दिया है। काजोल और अजय साथ-साथ आज भी आकर्षित करते हैं। दूसरे कलाकारों में दिव्या दत्ता, ईशा शरवानी, सुमित राघवन, करण खन्ना ने भी अपनी-अपनी भूमिका के साथ न्याय किया है। यू मी और हम का कलात्मक पक्ष भी उल्लेखनीय है। सागर की लहरों से अठखेलियां करते क्रूज के दृश्य मनोहारी हैं। फिल्म के संगीत में भी दम है। विशाल भारद्वाज की धुन फिल्म के साथ न्याय करती है, खास कर शीर्षक गीत।
-सौम्या अपराजिता
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