Wednesday, February 25, 2009

संतुलन बनाकर चलना सीख लिया: प्रीति

[सौम्या अपराजिता]
प्रीति नए जोश के साथ जुट गयी हैं ग्लैमर जगत में अपने आकर्षण से दर्शकों को सम्मोहित करने में। यूं तो प्रीति के लिए अब फिल्मी दुनिया कुछ बदली-बदली है, पर वे इस बदले माहौल में भी स्वयं को अनुकूल बनाने का हौसला रखती हैं। यह बात और है कि बीते दिनों प्रीति ने द लास्ट लियर और हीरोज जैसी फिल्में की। प्रीति से बातचीत-
[इस साल आपके फिल्मी करियर में दर्शकों को क्या नया देखने को मिलेगा?]
इस साल अपने फिल्मी करियर को लेकर मैं बेहद एक्साइटेड हूँ। बहुत सारी नयी चीजें हो रही हैं। सबसे पहले हर पल आएगी जो बड़ी कमर्शियल फिल्म है। उसके बाद हेवेन ऑन अर्थ हिन्दी टाइटल के साथ आएगी। हर पल की स्टोरी बेहद स्वीट है और मुझे लगता है लोगों को जरूर पसंद आएगी,यह फिल्म। उसके बाद मैं और मिसेज खन्ना में मैं जिस अंदाज में दिखूंगी, उसे देखकर लोगों को शॉक लग जाएगा। उसके बाद दो-तीन और अनाउंसमेंट हैं जो जब तक पूरी तरह फाइनल नहीं होते हैं तब तक मैं चुप ही रहूंगी। इन शॉर्ट अब दर्शक दनादन मेरी फिल्में देख सकेंगे।
[हेवेन ऑन अर्थ में आपके अभिनय की प्रशंसा अंतरराष्ट्रीय मंच पर हुई। भारतीय दर्शक कब इस फिल्म का दीदार कर सकेंगे?]
हेवेन ऑन अर्थ मेरे फिल्मी करियर की सबसे उल्लेखनीय फिल्म है। दीपा मेहता के निर्देशन में मुझे अभिनय करने का मौका मिला, मेरे लिए यह गर्व की बात है। इस फिल्म के लिए मुझे शिकागो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में बेस्ट एक्ट्रेस का अवार्ड मिला। वैंकोवर फिल्म फेस्टिवल में बेस्ट एक्ट्रेस के अवार्ड के लिए कई बेहतरीन हॉलीवुड एक्ट्रेस के साथ मुझे भी क्रिटिक च्वाइस कैटेगरी में नॉमिनेट किया गया था। यह सब तो अंतरराष्ट्रीय प्रभाव था हेवेन ऑन अर्थ का। मैं देखना चाहती हूँ कि भारत में लोग इस फिल्म को कैसे पसंद करते हैं? जल्दी ही हिन्दी टाइटल के साथ भारत में प्रदर्शित होगी। मैं श्योर नहीं हूँ, पर शायद हिन्दी में चांद शीर्षक से प्रदर्शित होगी हेवेन ऑन अर्थ।
[हीरोज में अपनी ग्लैमरस छवि के साथ आपने प्रयोग किया था। ऐसे प्रयोग को किसी रूप में लेती है?]
मुझे जितना एप्रिसिएशन हीरोज के लिए मिला वैसा पहले कभी नहीं मिला था। गांव-खेड़े के लोगों से लेकर ओवरसीज तक के दर्शकों ने मुझे पसंद किया। दस साल से इंडस्ट्री में हूँ,पर मुझे कभी किसी गांव की लड़की की भूमिका निभाने का अवसर नहीं मिला। मुझे हमेशा एनआरआई या रिच गर्ल के रोल ही मिलते रहे हैं। किसी ने भी मुझे गांव में रहने वाली लड़की का रोल नहीं दिया। सभी कहते हैं कि प्रीति,तू गरीब ही नहीं लगती। तो मैंने भी सोच लिया था कि जब तक मुझे भारतीय घरेलू लड़की की भूमिका निभाने का मौका नहीं मिलता है, मैं फिल्में ही नहीं करूंगी। इसी वजह से पिछले साल मैंने कई बड़ी कमर्शियल फिल्मों के ऑफर को ठुकरा दिया। मुझे बेहद खुशी हुई कि लोगों को हीरोज में मेरा देसी अंदाज पसंद आया।
[फिल्मी करियर और आई पी एल के बीच संतुलन कैसे रखती है?]
पिछले साल मुश्किल आयी थी। इस बार शायद नहीं होगी। फरवरी-मार्च में मेरी शूटिंग स्टार्ट होगी। कोशिश करूंगी कि आईपीएल के दौरान खुद को फ्री रखूं। पिछले साल के एक्सपीरिएंस से मैंने सीख लिया है, संतुलन बनाकर चलना।
[आपने क्रिकेट को ही क्यों चुना?]
मैंने क्रिकेट को नहीं चुना, क्रिकेट ने मुझे चुना। अगर, किसी दूसरे खेल से जुड़ा कोई क्लब खुल रहा होता और उसमें अवसर मिलता तो जरूर मैं उससे जुड़ती। मुझे स्पोर्ट में रुचि थी और यह मौका क्रिकेट में मिला इसलिए जुड़ गयी क्रिकेट से। दूसरे खेलों को भी प्रमोट करना चाहूंगी। अभी तो, क्रिकेट और फिल्मी करियर में ही इतनी व्यस्त हूँ कि कुछ और सोच भी नहीं सकती।
[अपनी सामाजिक और राष्ट्रीय चिंताओं को आप हमेशा ही किसी-न-किसी मंच पर अभिव्यक्त करती रही हैं। कभी राजनीति में प्रवेश की योजना बनायी है,आपने?]
मेरे जैसे लोगों की पॉलिटिक्स में जरूरत ही नहीं है। मैं तो बस, भारतीय नागरिक होने के नाते अपनी बातें रखती हूँ। अपनी आवाज उठाना हर भारतीय का कर्तव्य है। राजनीति से दूर रहकर भी देश और समाज के लिए कुछ किया जा सकता है, मैं यही बताना चाहती हूँ। सभी देशवासियों से यही कहना चाहूंगी कि प्लीज वोट जरूर कीजिए। किसी राजनीतिक पार्टी को नहीं, व्यक्ति को वोट दीजिए। अपने वोट के अधिकार का इस्तेमाल करके बता दीजिए कितनी ताकत है वोट में।
[और आपके छोटे पर्दे से जुड़ने की खबर में कितनी सच्चाई है?]
अभी तो कुछ कंफर्म नहीं है।

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