Friday, May 15, 2009

जब मेरे पैर डर से कांप गए..

-सौम्या अपराजिता


हमेशा हंसती-खिलखिलाती रहने वाली अभिनेत्री जूही चावला की आंखों में आंसू.., यह क्या? लेकिन ऐसा हुआ था। मिस इंडिया प्रतियोगिता जीतने के बाद जूही को फिल्मों में अभिनय करने का अवसर तो आसानी से मिल गया, लेकिन फिल्मी दुनिया के तौर-तरीके सीखने में उन्हें काफी वक्त लगा। दरअसल, हुआ यह कि वे हिंदी फिल्मों के नाच-गानों से परिचित नहीं थीं। लगातार प्रयास के बाद वे स्वयं को फिल्मी ठुमकों के अनुकूल बना पाई। एक सफल अभिनेत्री के सारे गुणों को स्वयं में समाहित करने के लिए उन्हें डांट भी खानी पड़ी, तो ऐसी स्थिति में कई बार उनकी आंखों से आंसू बहे। पिछले दिनों हुई मुलाकात में जूही ने ऐसे ही एक लम्हे का जिक्र किया..।
जब मैंने मिस इंडिया का खिताब जीता था, तब मुझे यकीन नहीं था कि यहां तक पहुंच पाऊंगी। अपने अनुभव से मैं यही कहूंगी कि प्रयास करना जरूरी है। सच तो यह है कि जब तक आप प्रयास ही नहीं करेंगे, कुछ भी हासिल नहीं कर पाएंगे। आपका एक गंभीर प्रयास आपको सफलता की ऊंचाइयों तक ले जा सकता है। यकीन करना मुश्किल होगा, लेकिन अपने फिल्मी सफर में मेरे भी पांव डर से कांपे हैं। मुझे भी डांट पड़ी है। मेरी भी आंखों से आंसू की नदी बही थी। शुरुआती दिनों में लंबे डायलॉग बोलने में दिल इतना धड़कता था कि जुबान तक डायलॉग भी नहीं आते थे। ऐसे दौर से मैं भी गुजर चुकी हूं। फिल्म इंडस्ट्री में अपने शुरुआती दिनों के एक वाकये का जिक्र करना चाहूंगी। इस घटना से जुड़े लोगों के नाम नहीं बताऊंगी। मेरी एक फिल्म की शूटिंग चल रही थी। एक गाने पर मुझे अपने को-आर्टिस्ट के साथ डांस करना था। वे स्थापित कलाकार नहीं थे, लेकिन उनका नाम था। शूटिंग शुरू हुई। टेक-पर-टेक होते जा रहे थे। कई रिटेक भी हुए। इसलिए नहीं कि मैं सही स्टेप नहीं कर रही थी, बल्कि इसकी वजहें कुछ और थीं। मेरे को-आर्टिस्ट बताए गए स्टेप नहीं कर पा रहे थे। मैं उन्हें बोल भी नहीं सकती थी कि आप ठीक करिए, क्योंकि उस समय मैं नई थी। उस गाने की जो कोरियोग्राफर थीं, जब उनका धैर्य जवाब दे गया, तो उन्होंने डांटना शुरू किया। वे बड़े खराब मूड में थीं। उनकी डांट सुनते ही मेरी आंखें भर आई और आंख से आंसू बहने लगे। मैं पैर तक आंसुओं में भीग गई। उस समय तो मैंने कुछ देर के लिए यही सोच लिया कि नहीं करनी हैं फिल्में और नहीं सुननी हैं लोगों की डांट! लेकिन बाद में जब वह सीन ओके हो गया, तो खुशी के मारे मैं नाचने लगी। आज भी जब उस लम्हे की याद आती है, तो हंसी आ जाती है।

1 comment:

  1. जिंदगी में ऐसे लम्हे आते रहते है..लेकिन इनका सामना दर कर नहीं डट कर किया जाता है...तभी तो न्सफ्लता मिलेगी...!

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