Tuesday, August 9, 2016

इतिहास के झरोखों से

-सौम्या अपराजिता

जब कुछ रोचक और नया गढ़ना मुश्किल लगने लगता है,तो अक्सर निर्माता-निर्देशक इतिहास के झरोखों में झांकने लगते हैं। बीते काल और परिवेश से जुड़ी रोचक कहानियों के तिनके ढूँढने के बाद उन्हें अपनी सृजनशीलता,सुविधा और समझ से फ़िल्मी कैनवास पर उतारने के मुश्किल और रचनात्मक प्रयास में लग जाते हैं। कई विशेषज्ञ निर्देशक अपने इस प्रयास में सफल भी होते हैं...परिणामस्वरूप हिंदी सिनेमा को ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर आधारित 'मुग़ल ए आज़म','अनारकली','लगान','जोधा अकबर' और 'बाजीराव मस्तानी' जैसी क्लासिक फ़िल्में उपहार स्वरुप मिल जाती हैं। आने वाले दिनों में भी ऐतिहासिक परिवेश में रची-बसी कई फ़िल्में इतिहास में घटी रोचक घटनाओं के प्रति दर्शकों की उत्सुकता और जिज्ञासा की क्षुधा मिटाने सिल्वर स्क्रीन पर आ रही हैं।

मोहंजो दारो:
आशुतोष गोवारिकर ऐतिहासिक फिल्मों को विश्वसनीयता के साथ पर्दे पर उतारने में सफल रहे हैं। हालांकि,'मोहंजो दारो' के साथ वे कुछ अलग कर रहे हैं। इस फ़िल्म में उन्होंने सिंधु घाटी सभ्यता के सबसे समृद्ध नगर मोहंजो दारो के ऐतिहासिक परिवेश की पृष्ठभूमि में काल्पनिक कहानी बुनी है। उल्लेखनीय है कि रितिक रोशन अभिनीत इस फ़िल्म को रिलीज से पहले आलोचना का शिकार होना पड़ रहा है।  प्रशंसकों ने सिंधु घाटी सभ्यता का चित्रण करने के लिए इस्तेमाल की गई वीएफएक्स तकनीक को लेकर ट्रेलर पर सवाल उठाए हैं। फिल्म की आलोचना करने वालों का कहना है कि ट्रेलर देखकर लगता ही नहीं कि वे हड़प्पा सभ्यता के किसी शहर को देख रहे हैं। इस फिल्म के ट्रेलर को देखकर ऐसा लगता है कि जैसे ये ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर बनी कोई लव स्टोरी हो। इस सन्दर्भ में निर्देशक आशुतोष गोवारिकर बेहद सधे अंदाज में कहते हैं,' एक ट्रेलर में हमारी अपनी छवि या प्रतिक्रिया होती है। एक ट्रेलर में, आप एक कहानी चित्रित करने का प्रयास करते हैं। कुछ तत्व आपको चकित करते हैं लेकिन आप धैर्य रखें और फिल्म देखने के बाद अपनी राय बनाएं।'

रुस्तम:
अक्षय कुमार अभिनीत 'रुस्तम' में द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान मुंबई में घटे एक वास्तविक प्रसंग की रोचक गाथा को बुना गया है। फ़िल्म की कहानी 1959 में मुंबई के एक चर्चित मर्डर केस पर आधारित है। फ़िल्म की कहानी 'नेवल अफसर केके नानावटी की है जिसने अपनी पत्नी के प्रेमी की हत्या कर दी थी। उस दौर में भी ये केस अखबारों की सुर्खियां बना था। अपनी पत्नी के प्रेमी की हत्या कर दी थी। उस दौर में भी यह केस अखबारों की सुर्खियां बना था। 'रुस्तम' की विशेषता अभिनेता-निर्माता अक्षय कुमार और नीरज पांडे की जोड़ी है जो पहले भी कई सफल फिल्मो से दर्शकों का मनोरंजन कर चुकी है।

रंगून:
'रंगून' द्वितीय विश्व युद्ध की पृष्ठभूमि पर केंद्रित है। विशाल भारद्वाज निर्देशित और साजिद नाडियाडवाला निर्मित 'रंगून' में शाहिद कपूर इंडियन नेशनल आर्मी (आईएन) के एक सैनिक की भूमिका निभा रहे हैं। सैफ अली खान और कंगना रनौत भी केंद्रीय भूमिकाओं में हैं। देखना रोचक होगा कि कंगना की प्रतिभा को विशाल इस पीरियड ड्रामा में कैसे सामने लेकर आते हैं। कंगना फिल्म को एक ‘जुनूनी प्रेम कहानी’ बताती हैं, जो भारतीय इतिहास के अशांत दौर पर आधारित है। कंगना फ़िल्म के विषय में बताती हैं ‘यह फिल्म 1940 के दशक की कहानी कहती है, जब द्वितीय विश्वयुद्ध हुआ था। फिल्म में तीन किरदार हैं जिनमें से एक मशहूर अभिनेता और उनका मार्गदर्शक है जिसके साथ वह प्यार कर बैठती हैं। दूसरा एक सैनिक है। फिल्म में आजादी और उस दौर से जुड़ी और भी बहुत सारी चीजें हैं। यह एक जुनूनी प्रेम कहानी है।’

पद्मावती:
संजय लीला भंसाली ने एक बार अपनी नयी फ़िल्म के कथानक के लिए भारतीय इतिहास की एक और अनूठी प्रेम कहानी को चुना है। दरअसल,संजय अपनी नयी फ़िल्म 'पद्मावती' में मेवाड़ की रानी पद्मावती के प्रति ख़िलजी वंश के शासक अलाउद्दीन खिलजी के आकर्षण को पर्दे पर दिखाना चाहते हैं। गौरतलब है कि रानी पद्मावती अपनी खूबसूरती और साहस के लिए बेहद लोकप्रिय थीं। पद्मावती के केंद्रीय चरित्र के लिए दीपिका पादुकोण का नाम तय हो चुका है,वहीँ अलाउदीन ख़िलजी की भूमिका में रणवीर सिंह के नाम की मुहर लग चुकी है जबकि रानी पद्मावती के पति राणा रतन सिंह की भूमिका फिल्‍म ‘मसान’ के एक्टर विकी कौशल निभा सकते हैं।

सन्स ऑफ सरदार- द बैटल ऑफ सारागढ़ी:
अजय देवगन निर्मित 'सन्स ऑफ सरदार- द बैटल ऑफ सारागढ़ी' सारागढ़ी की ऐतिहासिक लड़ाई पर बन रही है जो 12 सितंबर 1897 में सिक्ख रेजिमेंट के 4th बैटेलियन के 21 सिक्खों ने लड़ी थी। अजय ने इस फिल्म को लेकर काफी रिसर्च किया है। वे 'सन्स ऑफ सरदार- द बैटल ऑफ सारागढ़ी' को भारत की सबसे बड़ी फिल्मों में शामिल करना चाहते हैं। गौरतलब है कि अजय की यह महत्वकांक्षी फ़िल्म अगले वर्ष दीवाली के दौरान प्रदर्शित होगी।

झांसी की रानी:
केतन मेहता की फिल्म 'रानी लक्ष्मीबाई' में कंगना रनोट वीरांगना लक्ष्मीबाई के रूप में नजर आएंगी जिन्होंने ब्रिटिश राज के खिलाफ आवाज बुलंद की थी। कंगना को फिल्म की स्क्रिप्ट बहुत पसंद आयी है और उनका कहना है कि वह एक मां और वीर स्त्री का रोल करने के लिए बहुत उत्साहित हैं। कंगना ने फ़िल्म के लिए तलवारबाजी और घुड़सवारी सीखना शुरू कर दी हैं। जल्द ही भारतीय इतिहास की लोकप्रिय वीरांगना लक्ष्मीबाई के जीवन पर आधारित इस फ़िल्म की शूटिंग ग्वालियर और बुंदेलखंड के इलाक़ों में शुरू होगी।

रानी रत्नावती:
राजस्थान स्थित भानगढ़ की रानी रत्नावती के जीवन पर आधारित फ़िल्म के निर्माण की योजना बन रही है। संभव है कि ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर आधारित इस फ़िल्म में सोनाक्षी सिन्हा रानी रत्नावती की केंद्रीय भूमिका में नजर आएंगी। फिल्म का निर्देशन संभवत: अब्बास मस्तान करेंगे। नवाजुद्दीन सिद्दीकी फ़िल्म से औपचारिक रूप से जुड़ चुके हैं।

1 comment:

  1. Thanks for sharing upcoming list of historical bollywood movies.

    - khayalrakhe.com

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