स्मॉल स्क्रीन से होते सिल्वर स्क्रीन का सफ़र तय कर चुके शिव पंडित कर्म में विश्वास करते हैं। फल की चिंता करने में उनका यकीन नहीं है। वे न तो अपनी कामयाबी से अधिक खुश होते हैं और ना ही नाकामयाबी का दुःख उन्हें सताता है। ईमानदार और मेहनती शिव की इसी खूबी ने अक्षय कुमार का ध्यान उनकी तरफ खींचा। शिव का जज्बा अक्षय को इतना भा गया कि उन्होंने ' बॉस' में शिव को अपने भाई की महत्वपूर्ण भूमिका सौंप दी। साथ ही,अक्षय ने शिव के साथ अपनी फिल्म निर्माण कंपनी के लिए तीन फिल्मों की डील साइन की। उल्लेखनीय है कि 'बॉस' में शिव की भूमिका अक्षय के समानांतर है। अनुराग कश्यप निर्मित 'शैतान' से हिंदी फिल्मों में पदार्पण करने वाले अभिनेता शिव पंडित की बातें उन्हीं के शब्दों में..
मिलेगा दर्शकों का बड़ा दायरा
' बॉस' से जुड़ने की सिंपल वजह थी। मुझे अक्षय कुमार के पैरेलल लीड प्ले करने का मौका मिल रहा था। बिग बजट फिल्म है। कैनवास बड़ा है। कमर्शियल एंटरटेनर है। सभी एक्टर चाहते हैं कि उन्हें अधिक-से-अधिक दर्शक स्क्रीन पर देखें। .. तो मुझे लगता है कि 'बॉस' जैसी फिल्मों से ही एक्टर को अधिक दर्शकों तक पहुँचने का मौका मिलता है।
' बॉस' से जुड़ने की सिंपल वजह थी। मुझे अक्षय कुमार के पैरेलल लीड प्ले करने का मौका मिल रहा था। बिग बजट फिल्म है। कैनवास बड़ा है। कमर्शियल एंटरटेनर है। सभी एक्टर चाहते हैं कि उन्हें अधिक-से-अधिक दर्शक स्क्रीन पर देखें। .. तो मुझे लगता है कि 'बॉस' जैसी फिल्मों से ही एक्टर को अधिक दर्शकों तक पहुँचने का मौका मिलता है।
तो लाइफ का मजा बना रहता है
मुझे खुद मजा नहीं आएगा अगर मैं एक ही तरह की फिल्में करता रहूंगा। इसलिए मैं चाहूंगा कि पहले जो फिल्म मैंने की उससे अलग जौनर की दूसरी फिल्म करूं और उसके बाद आने वाली मेरी फिल्म भी अलग जौनर की हो।..तो लाइफ में अलग-अलग चीजें करना बहुत जरूरी है। तभी लाइफ का मजा बना रहता है और किसी भी चीज के प्रति आपका इंटरेस्ट भी बरकरार रहता है।
मुझे खुद मजा नहीं आएगा अगर मैं एक ही तरह की फिल्में करता रहूंगा। इसलिए मैं चाहूंगा कि पहले जो फिल्म मैंने की उससे अलग जौनर की दूसरी फिल्म करूं और उसके बाद आने वाली मेरी फिल्म भी अलग जौनर की हो।..तो लाइफ में अलग-अलग चीजें करना बहुत जरूरी है। तभी लाइफ का मजा बना रहता है और किसी भी चीज के प्रति आपका इंटरेस्ट भी बरकरार रहता है।
यकीन नहीं होता
मैं नहीं सोचता कि दर्शक मुझसे क्या उम्मीद करते हैं। इसके बारे में सोचता ही नहीं हूं।जब मैं सेट पर जाता हूं तो यह सोचता हूं कि मैं यहां मजा करने आया हूं। मैं इस बारे में नहीं सोचता हूं कि कौन मुझसे कितनी उम्मीद करता है। सच कहूं तो मुझे अब भी यकीन नहीं होता कि लोगों को 'एफआइआर'(धारावाहिक) में मेरा काम इतना पसंद आया था। मैं जब एक्टिंग करता हूं तो यह नहीं सोचता कि किसको मुझसे उम्मीद है और किसको नहीं। मैं बस अपना काम मजे से करता हूं। हां.. यह जानकार अच्छा लगता है कि मुझमें वह काबिलियत है कि मैं लोगों को एंटरटेन कर सकता हूं।
मैं नहीं सोचता कि दर्शक मुझसे क्या उम्मीद करते हैं। इसके बारे में सोचता ही नहीं हूं।जब मैं सेट पर जाता हूं तो यह सोचता हूं कि मैं यहां मजा करने आया हूं। मैं इस बारे में नहीं सोचता हूं कि कौन मुझसे कितनी उम्मीद करता है। सच कहूं तो मुझे अब भी यकीन नहीं होता कि लोगों को 'एफआइआर'(धारावाहिक) में मेरा काम इतना पसंद आया था। मैं जब एक्टिंग करता हूं तो यह नहीं सोचता कि किसको मुझसे उम्मीद है और किसको नहीं। मैं बस अपना काम मजे से करता हूं। हां.. यह जानकार अच्छा लगता है कि मुझमें वह काबिलियत है कि मैं लोगों को एंटरटेन कर सकता हूं।
फेक नहीं हैं अक्षय
अक्षय बहुत बढ़िया किस्म के इंसान हैं। उनका बहुत सपोर्ट मिला। उन्होंने मुझे कभी ऐसा नहीं फील कराया कि वे इतने बड़े स्टार हैं। पहले वे मेरे दोस्त बनें और दोस्त बनने के बाद वे मेरे करीब आए। उन्होंने मेरे साथ बेहद नार्मल बिहेव किया है। वे मेरे साथ बेहद रियल रहते हैं। अक्षय बेहद कूल हैं। वे फेक किस्म के इंसान नहीं है।
अक्षय बहुत बढ़िया किस्म के इंसान हैं। उनका बहुत सपोर्ट मिला। उन्होंने मुझे कभी ऐसा नहीं फील कराया कि वे इतने बड़े स्टार हैं। पहले वे मेरे दोस्त बनें और दोस्त बनने के बाद वे मेरे करीब आए। उन्होंने मेरे साथ बेहद नार्मल बिहेव किया है। वे मेरे साथ बेहद रियल रहते हैं। अक्षय बेहद कूल हैं। वे फेक किस्म के इंसान नहीं है।
कमाल है उनका एक्शन
एक्शन में अक्षय कमाल हैं। एक्शन सीन में वे अपने इस हुनर का बखूबी इस्तेमाल करते हैं।मुझे लगता है कि एक्शन में उनके टक्कर का कोई नहीं है। वे जिस तकनीक और सरलता से वे एक्शन सीन करते हैं..उससे मैं बेहद प्रभावित हूं। मेरे लिए उनके साथ काम करना रियल ट्रीट की तरह था।
एक्शन में अक्षय कमाल हैं। एक्शन सीन में वे अपने इस हुनर का बखूबी इस्तेमाल करते हैं।मुझे लगता है कि एक्शन में उनके टक्कर का कोई नहीं है। वे जिस तकनीक और सरलता से वे एक्शन सीन करते हैं..उससे मैं बेहद प्रभावित हूं। मेरे लिए उनके साथ काम करना रियल ट्रीट की तरह था।
रोमांटिक लीड हूं
'बॉस' में पैरेलल लीड प्ले कर रहा हूं। मैं ' बॉस' का रोमांटिक लीड हूं। अक्षय के छोटे भाई का रोल प्ले कर रहा हूं। मेरे कैरेक्टर का नाम शिव है। मेरे कैरेक्टर के साथ अदिति राव हैदरी के कैरेक्टर की रोमांटिक पेयरिंग है। ..और इस पेयरिंग की वजह से काफी कुछ प्रॉब्लम हो जाती है जिसके बाद फिल्म में अक्षय सर की एंट्री होती है। ..और फिर दोनों भाई मिलकर इस प्रॉब्लम को सुलझाते हैं। इसके अलावा एक और जबरदस्त थीम है फिल्म में । वह है एक बाप और उसके दो बेटों के बीच ।
'बॉस' में पैरेलल लीड प्ले कर रहा हूं। मैं ' बॉस' का रोमांटिक लीड हूं। अक्षय के छोटे भाई का रोल प्ले कर रहा हूं। मेरे कैरेक्टर का नाम शिव है। मेरे कैरेक्टर के साथ अदिति राव हैदरी के कैरेक्टर की रोमांटिक पेयरिंग है। ..और इस पेयरिंग की वजह से काफी कुछ प्रॉब्लम हो जाती है जिसके बाद फिल्म में अक्षय सर की एंट्री होती है। ..और फिर दोनों भाई मिलकर इस प्रॉब्लम को सुलझाते हैं। इसके अलावा एक और जबरदस्त थीम है फिल्म में । वह है एक बाप और उसके दो बेटों के बीच ।
सहज था
ये जो बड़े-बड़े एक्टर होते हैं न ..उनके साथ काम करने के समय शुरुआत में डर लगता है। ऐसा लगता है कि मैं सेट पर जाकर उनके साथ बैठ पाऊंगा या नहीं! ..मगर 'बॉस' की शूटिंग के दौरान मैंने यह जाना कि डरने की बात नहीं है। सभी बेहद काइंड होते हैं। सभी बेहद केयरिंग थे। जिसकी वजह से मैं सेट पर बेहद सहज रहता था।
ये जो बड़े-बड़े एक्टर होते हैं न ..उनके साथ काम करने के समय शुरुआत में डर लगता है। ऐसा लगता है कि मैं सेट पर जाकर उनके साथ बैठ पाऊंगा या नहीं! ..मगर 'बॉस' की शूटिंग के दौरान मैंने यह जाना कि डरने की बात नहीं है। सभी बेहद काइंड होते हैं। सभी बेहद केयरिंग थे। जिसकी वजह से मैं सेट पर बेहद सहज रहता था।
जो डर गया,सो मर गया
मेरी लाइफ का फंडा बेहद सरल है। जो डर गया,सो मर गया। सिम्पल सी बात है कि मैं इस बारे में सोचता ही नहीं हूँ कि मैं इतनी कड़ी प्रतियोगिता में खुद को कैसे साबित कर पाऊंगा या मेरे लिए अपना नाम बनाना कितना मुश्किल होगा। मैं सिर्फ उस बारे में सोचता हूं जो मेरे साथ हो रहा है। इस समय मेरे साथ यह बहुत अच्छी बात हो रही है कि अक्षय कुमार का हाथ मेरे सर पर है।
मेरी लाइफ का फंडा बेहद सरल है। जो डर गया,सो मर गया। सिम्पल सी बात है कि मैं इस बारे में सोचता ही नहीं हूँ कि मैं इतनी कड़ी प्रतियोगिता में खुद को कैसे साबित कर पाऊंगा या मेरे लिए अपना नाम बनाना कितना मुश्किल होगा। मैं सिर्फ उस बारे में सोचता हूं जो मेरे साथ हो रहा है। इस समय मेरे साथ यह बहुत अच्छी बात हो रही है कि अक्षय कुमार का हाथ मेरे सर पर है।
-सौम्या अपराजिता
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