Wednesday, August 28, 2013

खुशियों की साझेदारी

-सौम्या अपराजिता
एक ही परिवार और परिवेश में पली-बढ़ी दो अभिनेत्रियां जब हिंदी फ़िल्मी दुनिया में कदम रखती हैं,तो उन्हें प्रतिस्पर्धी अभिनेत्री घोषित करने की होड़-सी लग जाती है। उनके बीच के मधुर रिश्ते को हाशिए पर रखकर दो अभिनेत्रियों के बीच होने वाली प्रतिस्पर्धा की पारंपरिक विचारधारा से उन्हें जोड़ दिया जाता है। प्रियंका चोपड़ा और परिणीति चोपड़ा के साथ भी यही हो रहा है। प्रियंका की फिल्म 'जंजीर' और परिणीति की 'शुद्ध देसी रोमांस' के एक दिन प्रदर्शन ने दोनों के बीच प्रतिस्पर्धा की तथाकथित सम्भावना की अफवाहों को और भी हवा दी है। हालांकि, तमाम अनुमानों और अफवाहों के बाद भी प्रियंका चोपड़ा और परिणीति चोपड़ा का सम्बन्ध सुहाना बना हुआ है। दोनों बहनों ने निजी रिश्ते की मधुरता में व्यासायिक प्रतिस्पर्धा को अवरोध नहीं बनने दिया है।

प्रतिस्पर्धी नहीं,प्रेरणा
परिणीति चोपड़ा के हिंदी फ़िल्मी दुनिया में प्रवेश के साथ ही उनकी तुलना प्रियंका चोपड़ा से होने लगी। कहा गया कि परिणीति की प्रतिभा और आकर्षण बड़ी बहन प्रियंका के लिए खतरे की घंटी बन सकती हैं। जबकि इस तुलना का कोई आधार नहीं है। प्रियंका छोटी बहन परिणीति से अनुभवी और परिपक्व हैं। वे पिछले कई वर्षों से हिंदी फिल्मों में अपनी पैंठ बना चुकी हैं जबकि परिणीति की अभी दो फिल्में ही प्रदर्शित हुई हैं। परिणीति भी इस बात से सहमत हैं। परिणीति की नजर में प्रियंका उनकी प्रतिद्वंद्वी नहीं,बल्कि प्रेरणा हैं। परिणीति कहती हैं,' प्रियंका इंडस्ट्री पिछले कई सालों से हैं जबकि मेरा करियर महज दो फिल्म पुराना है। ऐसे में प्रतियोगिता का सवाल ही नहीं। प्रियंका मेरी प्रेरणा हैं। मैं उनकी तरह वर्सटाइल एक्ट्रेस बनना चाहती हूं।'

अपनी-अपनी पहचान
अपनी पहचान को स्थायी बनाने की दिशा में प्रयासरत परिणीति के समक्ष परेशानी है कि दो फिल्मों के बाद भी उनकी पहचान प्रियंका चोपड़ा से जुडी हुई है। वे आज भी प्रियंका चोपड़ा की बहन के रुप में संबोधित की जा रही हैं। परिणीति कहती हैं,'मुझे गर्व है कि मैं प्रियंका की बहन हूं लेकिन जब लोग मुझे ‘प्रियंका की बहन परिणीति’ कहते हैं तो मुझे बिल्कुल अच्छा नहीं लगता। मैं चाहती हूं कि लोग मुझे मेरे नाम से जाने न कि प्रियंका की बहन के तौर पर। ठीक उसी तरह जैसे करीना कपूर का चचेरे भाई होने के बावजूद रणबीर कपूर की अपनी पहचान है।’ परिणीति ने यह इच्छा खुद को साबित करने के लिए जतायी है,ना कि किसी ईर्ष्या या जलन से। परिणीति चाहती हैं कि वे ' प्रियंका की बहन' के रूप में उनकी पहचान निजी दायरे तक सीमित रहे। वे अपना अस्तित्व खुद तलाशना और स्थापित करना चाहती हैं। यही वजह है कि प्रियंका भी अपनी बहन की भावनाओं का ख्याल रखते हुए परिणीति के साथ अपने रिश्ते को लेकर ज्यादा मुखर नहीं हैं। वे परिणीति को स्वतंत्र व्यक्तित्व के रूप में उनके हिस्से की लोकप्रियता और सफलता के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित कर रही हैं।

हमराही ...
परिणीति चोपड़ा को हिंदी फिल्मों की राह दिखायी प्रियंका चोपड़ा ने। परिवार में हिंदी फिल्मों के प्रति सकारात्मक विचार का संचार प्रियंका ने किया  जिसके बाद परिणीति के फिल्मों से जुड़ने की राह प्रशस्त हो पायी। परिणामतः आज प्रियंका और परिणीति दोनों फ़िल्मी दुनिया की हमराही बन पायीं। परिणीति कहती हैं,' हमारा परिवार पुराने विचारों का बिलकुल नहीं है लेकिन लड़कियों के फिल्मों में आने की जब बात होती है, तो उनके विचार वैसे हो ही जाते हैं। उनका मानना है कि वहां जाने वाली लड़कियां बेकार और बेवकूफ होती हैं। प्रियंका ने इस परंपरा को तोड़ा, जब उन्होंने मिस इंडिया प्रतियोगिता में भाग लिया। मैं उनके मिस वर्ल्ड के ताज को देखकर बड़ी हुई हूं।' गौरतलब है कि परिणीति ने ब्रिटेन से बिजनेस की पढ़ाई की। बाद में यशराज फिल्म्स की मार्केटिंग और पीआर कंसल्टेंट हो गईं। ..और उसके बाद अभिनेत्री बनीं । फिल्मों में परिणीति के प्रवेश से जुडी गतिविधियों में प्रियंका ने अप्रत्यक्ष भूमिका निभायी थी।वे परिणीति के फ़िल्मी दुनिया में प्रवेश से बेहद खुश और गौरवान्वित हुईं थीं। परिणीति की पहली फिल्म 'लेडीज़ वर्सेज रिक्की बहल की रिलीज़ के बाद प्रियंका चोपड़ा की प्रतिक्रिया थी,'परिणीति ने मुझे प्राउड फील कराया है। उसके धमाकेदार डेब्यू से मैं बेहद खुश हूं।उसने जिस अंदाज में अपनी भूमिका निभाई है वह कमाल है।'

छलकती ख़ुशी
जब परिणीति ने अपनी पहली फिल्म 'लेडिज़ वर्सेज रिक्की बहल' साइन की थी तब प्रियंका उनके परिवार की पहली सदस्य थीं जिसने अपनी ख़ुशी सार्वजनिक रूप से जाहिर की थी। परिणीति बताती हैं,'प्रियंका को जब मैंने बताया कि मैंने फिल्म साइन कर ली है तो वे बेहद खुश हुई थीं। वे मेरी ख़ुशी में खुश होती हैं और मैं उनकी।' रोचक है कि एक-दूसरे की उपलब्धि देख-सुनकर दोनों बहनों के चेहरे से ख़ुशी छलकने लगती है। जब 'इश्क्जादे' के लिए परिणीति को स्पेशल मेंशन के राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया,तो प्रियंका ने अपनी ख़ुशी कुछ इस अंदाज़ जाहिर की थी,' मैं परिणीति को मिले सम्मान के बाद बेहद खुश हूं। कभी मैं ‘फैशन’ के लिए नेशनल अवार्ड लेकर आई थी। अब ‘इश्कजादे’ के लिए परिणीति को यह अवार्ड मिला है। इस तरह हमारे घर में दो-दो नेशनल अवार्ड आ चुके हैं।' परिणीति भी अपनी बड़ी बहन की उपलब्धियों से खुश होती हैं और उसे जाहिर भी करती हैं । पिछले वर्ष 'बर्फी' में प्रियंका के संवेदनशील अभिनय को मिली प्रशंसा ने परिणीति को ख़ुशी मनाने का मौका दिया। परिणीति कहती हैं,' बर्फी’ में प्रियंका चोपड़ा के अभिनय को देखकर मैं चौंक-सी गई। उन्होंने बहुत उम्दा काम किया। 'बर्फी' देखकर बेहद गौरवान्वित महसूस करती हूं।'

उम्मीद है बनते-बिगड़ते रिश्तों की इस खोखली दुनिया में रहते हुए भी इन दोनों आकर्षक,खूबसूरत और सफल अभिनेत्रियों के बीच एक-दूसरे की खुशियाँ बांटने और लुटाने  का सिलसिला यूं ही चलता रहे ....।

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